MP में धड़ल्ले से क्यों काटे जा रहे 'बाओबाब' ? 10 लाख में बिकने वाले एक पेड़ की जानिए कहानी 

MP Jabalpur High Court News in Hindi : मध्य प्रदेश (Madhay Pradesh) में बाओबाब (Baobab) वृक्षों की कटाई के मामले में कमेटी की जांच पूरी हो गई हैै. आरोप लगा है कि हैदराबाद का एक व्यापारी अपने फार्म में इन पेड़ों की खेती और आर्थिक लाभ के लिए उनकी कटाई कर बेच रहा है.

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Photo Credit : Kruger National Park

Baobab Trees Illegally Cut in MP : मध्य प्रदेश (Madhay Pradesh) में बाओबाब (Baobab) वृक्षों की कटाई के मामले में कमेटी की जांच पूरी हो गई हैै. मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की जलबपुर पीठ के मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ व न्यायमूर्ति विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने राज्य शासन की तरफ से पेश की गई जानकारी को रिकार्ड पर ले लिया. इसी के साथ राज्य शासन को कमेटी की सिफारिश पर एक हफ्ते में फैसला लेने के आदेश दे दिए. दरअसल, धार जिले में बाओबाब वृक्षों की कटाई, बिक्री व परिवहन के संबंध में समाचार पत्रों में प्रकाशित रिपोर्ट को संज्ञान में लेते हुए हाई कोर्ट में जनहित याचिका के रूप में सुनवाई की जा रही है. समाचारों के मुताबिक, क्षेत्रीय नागरिक बाओबाब वृक्ष काटने का विरोध कर रहे हैं.

क्या है ये बाओबाब पेड़ ? 

बता दें कि बाओबाब पेड़ को अफ्रीका में 'द वल्र्ड ट्री' की उपाधि दी गई है. अफ्रीका के आर्थिक विकास में इस पेड़ का बड़ा महत्व है. आरोप लगा है कि हैदराबाद का एक व्यापारी अपने फार्म में इन पेड़ों की खेती और आर्थिक लाभ के लिए उनकी कटाई कर बेच रहा है. इस एक पेड़ की कीमत 10 लाख रुपये से ज़्यादा है. जिसके चलते दूसरे लोग भी अपने खेत में लगे पेड़ को बेचने के लिए काट रहे है. मुख्य न्यायाधीश ने समाचार पर संज्ञान में लेते हुए मामले की सुनवाई जनहित याचिका के रूप में किए जाने की व्यवस्था दे दी थी. हाई कोर्ट ने संज्ञान याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई के बाद धार जिले में बाओबाब के पेड़ की कटाई, बिक्री व परिवहन पर रोक लगाते हुए प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव, वन विभाग के प्रमुख सचिव, आयुक्त व CCF , इंदौर कलेक्टर व CEO जिला पंचायत को नोटिस कर जवाब मांगा था.

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क्या है ये पेड़ की खासियत 

• इस पेड़ का नाम है बाओबाब जो अफ्रीका में मेडागास्कर में पाया जाता है. ये पेड़ भारत में बहुत कम पाया जाता है. 

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• बाओबाब के अन्य आम नामों में बोआब, बोआबोआ, बोतल वृक्ष कहा जाता है. अफ्रीका ने इसे 'द वर्ल्ड ट्री' की उपाधि भी प्रदान की है और इसे एक संरक्षित वृक्ष भी घोषित किया है. बाओबाब वृक्ष बहुत ही मजबूत वृक्ष होता है. इसे हिंदी में गोरक्षी कहते हैं.

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• 30 मीटर ऊंचे और लगभग 11 मीटर चौड़े इस वृक्ष को संरक्षण दिया जाता है.

• बाओबाब वृक्ष की पहचान है इसका उल्टा दिखना है इसको देखने पर आभास होता है कि मानों पेड़ की जड़े ऊपर और तना नीचे हो.

• इस पेड़ पर साल के 6 महीने पत्ते लगे रहते हैं और बाकी 6 महीने यह पेड़ एक ठूंठ दिखाई देता है.

• इसमें एक लाख 17 हजार 348 लीटर पानी स्टोरेज करने की क्षमता है. 

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