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MP News: रोजगार हुआ ठप, घर चलाना हुआ मुहाल... अब लाडली बहना की किश्त बंद करने की मिल रही धमकी, जानें क्या है पूरा मामला

Latest Hindi News: बुरहानपुर में रहने वाली महिलाओं के लिए अपना घर चलाने का सबसे बड़ा साधन पावरलूम से टेक्सटाइल व्यापार करना है. लेकिन, इसके ठप होने के कारण उनका जीवन बसर करना मुहाल हो गया है. 

MP News: रोजगार हुआ ठप, घर चलाना हुआ मुहाल... अब लाडली बहना की किश्त बंद करने की मिल रही धमकी, जानें क्या है पूरा मामला
महिलाओं को हो रही परेशानी

Life of Textile Weavers: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के बुरहानपुर (Burhanpur) से सबसे अधिक पावरलूम (Power Loom) से कपड़ा तैयार किया जाता है. इन दिनों टेक्सटाइल (Textile) के क्षेत्र में आई मंदी से बुरहानपुर के पावरलूम बुनकर के हाल बेहाल है... महीनों से बुनकर बेरोजगार (Unemployed) बैठे है. ऐसे में बुनकर परिवारों की महिलाओं का बजट गड़बड़ा गया है. इन महिलाओं ने अपने छोटी-छोटी जरूरतों के लिए महिलाओं क समूह बनाकर माईक्रो फायनेंस कंपनियों (Micro Finance Company) से छोटे-छोटे लोन लिए थे. लेकिन, आमदनी नहीं होने से यह महिलाएं लोन की किश्त भरने में असहाय है.

फायनेंस कंपनी के कर्मचारी बकाया राशी वसूलने के लिए महिलाओं के घरों में पहुंचकर प्रताड़ित कर उनके आधार कार्ड लाडली बहना योजना की किश्त बंद करने की धमकी दे रहे हैं. हजारों महिलाओं की इस समस्या को लेकर सियासी रूप से एक-दूसरे के दुश्मन बीजेपी कांग्रेस और हैद्राबाद सांसद असद उद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम एक मंच पर आकर संयुक्त प्रेस कान्फ्रेस की महिलाओं की पीड़ा को मीडिया के सामने बयान करवाया और सभी ने एक स्वर में फायनेंस कंपनियों की वसूली 6 महीने तक स्थगित करने व वसूली शिष्टाचार  से करने की मांग की है.

बंद पड़े हैं हजारों पावरलूम

बुरहानपुर में कुल 35 हजार से अधिक पावरलूम है. इन दिनों टेक्सटाइल के क्षेत्र में आई मंदी से हजारों पावरलूम बंद पड़े हैं. जिससे बुनकर बेरोजगार हो गए हैं. इधर बुनकर परिवारों की महिलाएं अपने छोटी छोटी जरूरतों के लिए महिलाओं का समूह बनाकर छोटी छोटी राशी के लोन लेकर उनका भुगतान साप्ताहिक करती है. लेकिन, पावरलूम में छाई मंदी बुनकरों के बेरोजगार होने से उनके परिवार की महिलाओं का बजट गड़बड़ा गया है. यह महिलाएं अपने द्वारा लिए गए लोन की किश्त भुगतान करने में असहाय है. पीड़ित महिलाओं ने मीडिया के सामने अपने आप बीती सुनाई.

महिलाओं की ये है मांग

जानकारी के अनुसार, शहर में करीब 10 हजार महिलाएं इस समस्या से जुझ रही हैं. ऐसा नहीं है कि यह महिलाएं अपने लोन की राशी माफ करने की मांग कर रही है, बल्कि आर्थिक स्थिति खराब होने के चलते थोड़ी मोहलत मांगने की बात कह रही हैं. इस बीच उनके घर पर फायनेंस कर्मचारी के किसी भी कर्मचारी के नहीं आने की मांग कर रही है. 

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मामले को लेकर हो चुकी है राजनीति

इस समस्या को लेकर चुनाव के समय एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप और सियासी हमले करने वाले राजनीतिक विरोधी दल कांग्रेस बीजेपी और हैद्राबाद सांसद असद उद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम के नेता एक मंच पर और तीन दलों ने पीड़ित महिलाओं के समर्थन में संयुक्त प्रेस कान्फ्रेस की कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष अजय सिंह रघुवंशी ने शहर के गरीब पीड़ित महिलाओं को इंसाफ दिलाने के लिए दल गत जातिगत से ऊपर उठकर कांग्रेस बीजेपी और एमआईएम साथ में आए हैं. उन्होंने जिला प्रशासन से मांग की है कि माईक्रो फायनेंस कंपनियां आगामी 6 महीने तक अपनी लोन की वसूली स्थगित करें.

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