MP में गंगा दशहरा तक चलेगा जल गंगा संवर्धन अभियान, 3 हजार 90 करोड़ की लागत, ऐसा है CM का प्लान

MP News: मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि बेतवा नदी का उद्गम भोपाल के पास से ही होता है और यहां का जल गंगा बेसिन में मिलता है. मुख्यमंत्री के कार्यक्रम स्थल पहुंचने पर पारंपरिक वाद्य यंत्रों की धुनों के साथ कलश यात्रा निकालकर स्थानीय महिलाओं ने स्वागत किया. वहीं मुख्यमंत्री के साथ जनजातीय भाई-बहनों ने 108 पौधों का रोपण किया.

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Water Conservation Plan: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री (Madhya Pradesh Chief Minister) डॉ मोहन यादव (Dr Mohan Yadav) ने विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) के मौके पर रायसेन जिले में झिरी बहेडा स्थित बेतवा नदी (Betwa River) के उद्गम स्थल पर जल गंगा संवर्धन अभियान का शुभारंभ (Jal Ganga Sanvardhan Abhiyan) किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति में माना गया है कि पृथ्वी पर्वत नदी पेड़-पौधों में जीवंतता है और वे हमारे लिए पूज्यनीय हैं. जिस प्रकार मानव देह में धमनियों के माध्यम से रक्त का संचार होता है उसी प्रकार नदियां पृथ्वी पर जीवन का संचार करती हैं. इसलिए हम सबके लिए नदियों का अक्षुण्ण निरंतर प्रवाह आवश्यक है. नदियों के प्रवाह को दूषित करना या उनमें अवरोध उत्पन्न करना जीवन में अवरोध उत्पन्न करने के समान है. इस दृष्टि से जल स्रोतों का संरक्षण (Water Conservation) मानव जीवन के लिए आवश्यक है.

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कब तक चलेगा यह अभियान?

जल गंगा संवर्धन अभियान गंगा दशहरा (Ganga Dussehra 2024) यानी 16 जून तक चलेगा अभियानअभियान का समापन 16 जून को गंगा दशहरे के अवसर पर उज्जैन (Ujjain) में होगा.

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इस अभियान में क्या होगा?

मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि प्राकृतिक संसाधन ईश्वरीय देन हैं. इनकी महत्ता को स्वीकारने और उसके संरक्षण के लिए निरंतर प्रयासरत रहने के उद्देश्य से ही प्रतिवर्ष पांच जून को विेश्व पर्यावरण दिवस मनाने की परम्परा आरंभ हुई. पौधों में प्राण होते हैं इस तथ्य को सिद्ध करने वाले प्रसिद्ध वैज्ञानिक जगदीश चंद्र बसु (Jagadish Chandra Bose) ने कहा था कि भारतीय संस्कृति पौधों को जीवंत ही मानती है और उसी संवेदनशीलता के साथ उन्हें पूज्यनीय माना जाता है. 

मुख्यमंत्री ने कहा कि अभियान के अंतर्गत 3 हजार 90 करोड़ लागत के जल संरक्षण के 990 कार्य आज से प्रदेश में आरंभ हो रहे हैं. प्रत्येक ‍‍‍जिले, विकासखंड और पंचायत स्तर पर जल संरचनाओं की मरम्मत, पर्यावरण संरक्षण और पौधरोपण के लिए जनभागीदारी से गतिविधियां संचालित की जाएंगी.

पहले दिन कार्यक्रम स्थल पर 108 पौधों का रोपण

मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि बेतवा नदी का उद्गम भोपाल के पास से ही होता है और यहां का जल गंगा बेसिन में मिलता है. मुख्यमंत्री के कार्यक्रम स्थल पहुंचने पर पारंपरिक वाद्य यंत्रों की धुनों के साथ कलश यात्रा निकालकर स्थानीय महिलाओं ने स्वागत किया. वहीं मुख्यमंत्री के साथ जनजातीय भाई-बहनों ने 108 पौधों का रोपण किया.

नदी जोड़ो अभियान के लिए PM मोदी का आभार

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने नदियों के संरक्षण के लिए नमामि गंगे अभियान (Namami Gange Programme) आरंभ किया. इसी प्रकार उनकी पहल पर केन-बेतवा-‍लिंक परियोजना के लिए 45 हजार करोड़ रूपए मध्यप्रदेश को तथा 45 हजार करोड़ रूपए उत्तरप्रदेश को उपलब्ध करवाए गए.

CM ने कहा नदी जोड़ो अभियान की इस महती पहल से बुंदेलखंड का संपूर्ण क्षेत्र सिचिंत होगा और क्षेत्रवासियों की पेयजल संबंधी समस्या का भी समाधान होगा. इसी प्रकार राजस्थान के साथ पार्वती-कालीसिंध-चंबल नदी जोड़ो अभियान के लिए मध्यप्रदेश में 35 हजार करोड़ और राजस्थान में 35 हजार करोड़ रूपए से गतिविधियां संचालित की जाएंगी. प्रधानमंत्री  मोदी की इस पहल के लिए हम सब उनके आभारी हैं.

मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि हमारे प्रदेश में कई नदियों के उद्गम स्थल हैं जो जीवन के स्त्रोत के समान महत्वपूर्ण हैं. जल गंगा संवर्धन अभियान के अंतर्गत नदियों के उद्गम स्थलों के संरक्षण के लिए कार्यक्रम निरंतर जारी रहेंगे. इस अभियान के अंतर्गत जल संरचनाओं के प्रति जनजागृति और जल सम्मेलन जैसी गतिविधियां भी संचालित की जाएंगी.

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