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Vyapam Scam: व्यापम घोटाले में CBI भी शिकंजे में, सुप्रीम कोर्ट ने सरकार और जांच एजेंसी को थमाया नोटिस

Vyapam Scam CBI Probe: व्यापम का जिन्न एक बार फिर से बाहर आ गया है. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले मध्य प्रदेश सरकार और सीबीआई को नोटिस थमा दिया है. जानिए, कोर्ट ने नोटिस में क्या कहा है?

Vyapam Scam: व्यापम घोटाले में CBI भी शिकंजे में, सुप्रीम कोर्ट ने सरकार और जांच एजेंसी को थमाया नोटिस

Vyapam Scam Investigation: व्यापम घोटाले के मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) शासन और जांच एजेंसी सीबीआई (CBI) को नोटिस जारी किया है. यह आदेश कांग्रेस के पूर्व विधायक पारस सकलेचा की ओर से दायर की गई याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश संजीव खन्ना (Sanjeev Khanna) और न्यायाधीश संजय कुमार (Justice Sanjeev Khanna) ने जारी किए हैं.

पूर्व कांग्रेस विधायक के हैं गंभीर आरोप

पूर्व कांग्रेस विधायक पारस सकलेचा ने उच्च न्यायालय इंदौर में पिटीशन क्रमांक 20371/2023 दायर कर व्यापम घोटाले के जांच के संबंध में कार्रवाई की मांग की थी. उनका आरोप था कि जुलाई 2009 में घोटाले की जानकारी शासन को मिलने और 17 दिसंबर 2009 को जांच कमेटी गठित करने के बावजूद, 2010 से 2013 तक घोटाला जारी रहा. इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई.

हाईकोर्ट में याचिका हुई निरस्त, तो सुप्रीम कोर्ट में की थी अपील

19 अप्रैल 2024 को उच्च न्यायालय इंदौर ने सकलेचा की याचिका को निरस्त कर दिया था, जिसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. अब सुप्रीम कोर्ट ने इस पर संज्ञान लेते हुए शासन और सीबीआई को नोटिस जारी किया है. मामले की पैरवी वरिष्ठ अधिवक्ता और राज्यसभा सांसद विवेक तनखा और सर्वम ऋतम खरे ने की.

एसटीएफ को दिया था आवेदन

पारस सकलेचा ने व्यापम की जांच के संबंध में एसटीएफ को 11 दिसंबर 2014 को 350 पेज का आवेदन प्रस्तुत किया था. इसके अलावा, 12 जून 2015 को उन्होंने 71 पेज का लिखित बयान और 240 पेज के दस्तावेज भी एसटीएफ को सौंपे थे. इसके बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई.

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सीबीआई और एसटीएफ पर लीपापोती का आरोप

सकलेचा ने व्यापम घोटाले में शामिल प्रमुख अधिकारियों, जैसे तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, चिकित्सा शिक्षा सचिव, और व्यापम अध्यक्ष आदि की भूमिका पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि सीबीआई और एसटीएफ ने जांच में महत्वपूर्ण दस्तावेजों को शामिल न कर बड़े लोगों को बचाने का प्रयास किया.

उन्होंने कहा कि व्यापम जैसे बड़े घोटाले को बिना सत्ता और प्रशासन के सहयोग के इतने लंबे समय तक चलाना संभव नहीं था. सकलेचा ने करीब 850 पेज के दस्तावेजी साक्ष्य पेश कर जांच की मांग की है और सुप्रीम कोर्ट से समय सीमा के भीतर नियमानुसार कार्रवाई करने की अपील की है.

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