
Big Development: मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने व्यापमं घोटाले (Vyapam Scam) में भोपाल स्थित ‘सेंटर फॉर रिसर्च एंड इंडस्ट्रियल स्टाफ परफॉर्मेंस (सीआरआईएसपी)' के पूर्व अध्यक्ष सुधीर शर्मा के खिलाफ दर्ज सभी चार प्राथमिकियां सोमवार को रद्द कर दी हैं. सीबीआई ने मामले में सुधीर शर्मा पर चार मामले दर्ज कर आरोप पत्र दाखिल किए थे, जिसे सबूतों के अभाव में हाईकोर्ट ने रद्द कर दिए.
SIT ने CRISP के पूर्व अध्यक्ष सुधीर शर्मा के खिलाफ दर्ज किया था मामला
गौरतलब है सबसे बड़े परीक्षा घोटाले व्यवसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) घोटाले की जांच के लिए तत्कालीन एमपी सरकार द्वारा गठित एक विशेष जांच दल (एसआईटी) ने सीआरआईएसपी के पूर्व अध्यक्ष शर्मा के खिलाफ मामला दर्ज किया था, जो राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और विज्ञान भारती में विभिन्न पदों पर भी रहे थे.
जांच कर रही सीबीआई ने चार मामले दर्ज कर दाखिल किया था आरोप पत्र
रिपोर्ट के मुताबिक सीबीआई ने शर्मा के खिलाफ चार मामले दर्ज किए और अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया, जिसके बाद उन्होंने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था. सोमवार को मुख्य न्यायाधीश सुरेश कुमार कैत और न्यायमूर्ति विवेक जैन की खंडपीठ ने सभी चार प्राथमिकियों को रद्द करने के आदेश जारी किए.
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किसी भी व्यक्ति के बीच किसी भी वित्तीय लेन-देन का कोई सबूत नहीं मिला
आरोपी शर्मा के वकील कपिल शर्मा ने खंडपीठ को बताया कि सभी चार मामलों में याचिकाकर्ता और किसी भी व्यक्ति के बीच किसी भी वित्तीय लेन-देन का कोई सबूत नहीं मिला है. उन्होंने अदालत से कहा कि सीबीआई के आरोपपत्र में कहीं भी इस बात का उल्लेख नहीं है कि याचिकाकर्ता ने किसी तरह का वित्तीय लाभ कमाया है. अभी विस्तृत आदेश की प्रतीक्षा है.
सबूतों की कमी के कारण हाई कोर्ट ने सभी 4 FIR रद्द करने के आदेश दिए
एडवोकेट कपिल शर्मा ने कहा कि, चूंकि वित्तीय लाभ प्राप्त करने का कोई सबूत नहीं मिला, इसलिए याचिकाकर्ता को मामले में आरोपी नहीं बनाया जा सकता. इसलिए दर्ज की गई प्राथमिकी रद्द करने योग्य है. उन्होंने कहा कि खंडपीठ ने मामले में सबूतों की कमी के कारण सभी चार मामलों में प्राथमिकी रद्द करने के आदेश जारी किए हैं.
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