
Maihar Mandir Case: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के उपभोक्ता आयोग ने मैहर स्थित प्रसिद्ध शारदा माता मंदिर (Sharda Mata Mandir) में वीआईपी दर्शन व्यवस्था के कारण एक परिवार को दर्शन से वंचित करने के मामले में मंदिर प्रबंधन और रोपवे संचालक कंपनी को 55 हजार रुपये हर्जाना अदा करने का आदेश दिया है. आयोग ने इसे 'सेवा में कमी' मानते हुए कहा है कि मंदिर में सभी भक्तों को समान रूप से दर्शन का अधिकार है. कोई भी ‘विशेष' या ‘वीआईपी' नहीं होता है.
क्या है पूरा मामला?
बताया गया है कि भोपाल के बागमुगालिया निवासी ललित कुमार गुप्ता वर्ष 2021 में पत्नी, बच्चों और परिजनों के साथ मां शारदा देवी के दर्शन के लिए मैहर पहुंचे थे. उन्होंने 50 रुपये पार्किंग शुल्क और पांच रोपवे टिकटों के लिए 650 रुपये का भुगतान किया. परिवार लाइन में खड़ा रहा, लेकिन दो घंटे बाद भी उन्हें दर्शन नहीं हो पाए. इस दौरान बिना टिकट आए वीआईपी लोगों को तुरंत दर्शन करा दिया गया. आपत्ति जताने पर कर्मचारियों ने कथित रूप से उनके साथ दुर्व्यवहार किया.
परिवार ने दायर की थी याचिका
घटना से आहत होकर परिवार ने 2022 में मंदिर प्रबंधन समिति और दामोदर रोपवे इंफ्रा लिमिटेड के खिलाफ पांच लाख रुपये क्षतिपूर्ति की मांग करते हुए याचिका दायर की. इस याचिका पर सुनवाई करते हुए आयोग ने मंदिर प्रबंधन पर जुर्माना लगाया है.
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क्या है आयोग की टिप्पणी?
अध्यक्ष गिरिबाला सिंह, सदस्य अंजुम फिरोज और प्रीति मुद्गल की बेंच ने कहा कि रोपवे का टिकट लेकर लाइन में लगे भक्त को दर्शन से वंचित करना और विशेष श्रेणी के लोगो को प्राथमिकता देना सेवा में कमी है. मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष के रूप में प्रतिवादी बनाए गए कलेक्टर ने कहा कि दर्शन की व्यवस्था अन्य जिम्मेदार कर्मचारियों के अधीन है. वहीं, रोपवे कंपनी ने ज्यादा भीड़ को कारण बताया है.
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