
MP NEWS: सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीरों और वीडियो ने एक बार फिर सरकारी योजनाओं की जमीनी हकीकत उजागर कर दी है. मामला विदिशा रेलवे स्टेशन का है, जिसे अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत करोड़ों रुपये की लागत से तैयार किया जा रहा है.
बारिश क्या हुई, स्टेशन की छतों ने जवाब दे दिया. छत से गिरता पानी किसी झरने जैसा नजारा दे रहा है. फर्श पर बहते पानी और बिजली के खुले तारों के बीच से गुजरते यात्री, यह दृश्य बताता है कि निर्माण कार्य में कितनी बड़ी लापरवाही हुई है.
अभी स्टेशन का उद्घाटन भी नहीं हुआ है, लेकिन सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा यह वीडियो ‘अमृत भारत' की हकीकत को आईना दिखा रहा है.
“वॉटर हार्वेस्टिंग का इंतज़ाम तक नहीं... ये तो शुरुआत है”
जब इस वीडियो की पुष्टि के लिए रेलवे सलाहकार समिति के सदस्य से बात की गई तो उन्होंने चौंकाने वाला बयान दिया. उनके अनुसार, “यहां वॉटर हार्वेस्टिंग जैसा कोई इंतज़ाम ही नहीं किया गया है. पानी की निकासी की कोई व्यवस्थित व्यवस्था नहीं है… ये तो बस शुरुआत है, आगे क्या होगा भगवान ही मालिक है.”
यात्रियों की जान पर बन आई
सबसे चिंताजनक बात यह है कि जहां-जहां से पानी बह रहा है, वहीं बिजली के वायरिंग भी खुले में लटक रही है. यह स्थिति जानलेवा हादसों को न्योता दे सकती है. लोग सवाल पूछ रहे हैं — करोड़ों की लागत से बन रहे इस स्टेशन में सुरक्षा और बुनियादी निर्माण गुणवत्ता की निगरानी आखिर किसके जिम्मे थी?
शिवराज सिंह चौहान कर चुके हैं निरीक्षण
गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान हाल ही में विदिशा और गंजबासौदा रेलवे स्टेशनों के निरीक्षण पर पहुंचे थे. वे अमृत भारत योजना के अंतर्गत चल रहे स्टेशन अपग्रेडेशन कार्यों की लगातार निगरानी कर रहे हैं. लेकिन बारिश की पहली बौछार ने विकास कार्य की सच्चाई उजागर कर दी. सवाल अब यह है कि क्या निरीक्षण केवल औपचारिकता था या फिर अधिकारियों ने मंत्री को भी अधूरी सच्चाई बताई?