युवाओं को कैसे मिलेगा रोजगार? विदिशा में 'शो पीस' बना सुषमा स्वराज के सपनों का रेल कारखाना

Vidisha Rail Factory, Sushma Swaraj: साल 2018 में जब विदिशा सांसद सुषमा स्वराज ने विदिशा जिले को 60 करोड़ रुपये बजट से बनने वाले रेल कारखाने की सौगात दी तो विदिशा और पड़ोसी जिले रायसेन में एक खुशी की लहर दौड़ गई थी. युवाओं का मानना था विदिशा में रेल कारखाना खुलने से कई युवाओं को रोजगार मिलेगा, लेकिन अब ये शो-पीस बनकर रह गया.

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Vidisha Rail Factory: मध्य प्रदेश सरकार युवाओं  के लिए तमाम तरह के दावे और वादे कर रही है, लेकिन जमीनी स्तर पर यो दावे और वादे गुम हो जा रहे हैं. इसी का जीता-जागता उदाहरण विदिशा का 60 करोड़ के बजट से बना रेल कारखाना है. साल 2012 में विदिशा की पूर्व सांसद सुषमा स्वराज (Sushma Swaraj) ने रेल कारखाने का सपना देखा था. इसके बाद 2016 में इसकी आधारशिला रखी गई. सुषमा की इस पहल को पूरा करने की कोशिश तब के रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने की थी. उन्होंने इसके बाद में 100 करोड़ रुपये खर्च भी किए. यहां हाई स्पीड डीजल इंजन का ट्रैक्शन,अल्टरनेट और एसी ट्रैक्शन मोटर बनाने का प्लान था पर फिलहाल ये कंपनी बस शो-पीस बनकर रह गई है. यहां अब गेंहू रखने का वेयर हाउस बन चुका है. 

सुषमा स्वराज ने विदिशा को 60 करोड़ रुपये की दी थी सौगात

दरअसल, साल 2018 में जब विदिशा सांसद सुषमा स्वराज ने विदिशा जिले को 60 करोड़ रुपये बजट से बनने वाले रेल कारखाने की सौगात दी थी तो विदिशा और पड़ोसी जिले रायसेन में एक खुशी की लहर दौड़ गई थी. युवाओं का मानना था विदिशा में रेल कारखाना खुलने से कई युवाओं को रोजगार मिलेगा, लेकिन समय बीतता गया. हालांकि यह कारखाना बनकर तैयार भी हुआ, लेकिन यह कारखाना रोजगार देने की जगह एक शोपीस बनकर रह गया.

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कारखाना खुलता तो युवा रोज़गार की उड़ान भरते, अब इस मैदान में बच्चों की पतंग उड़ती है. खैर पीरियोडिक लेबर फोर्स का सर्वे 2023-24 आया है. ये सर्वे कहता है कि मध्य प्रदेश देश का एकमात्र राज्य है, जहां बेरोजगारी दर 1 फीसदी से भी कम (0.9%) है. शायद जो युवा हमें विदिशा में मिले वो इसे 0.9 फीसद का हिस्सा हैं.

युवा रोजगार के लिए कर रहे हैं पलायन

विदिशा के युवा कपिल खरे कहते हैं कि गेहूं खेडी में कारखाना बना. इसमें सरकार का पैसा खर्च हुआ था तो चालू भी होना चाहिए था. विदिशा से कई युवा रोजगार के लिए शहर से बाहर पलायन कर रहे हैं. विदिशा में कोई रोजगार नहीं है. विदिशा में कोई कारखाना भी नहीं है.

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विदिशा वे युवा मोहित रघुवंशी कहते हैं कि रेलवे में बहुत सारी वैकेंसी निकलती है. एक साल के लिए डिप्लोमा भी करना पड़ता है. बहुत सारे युवाओं को यह डिप्लोमा करने के लिए भोपाल जाना पड़ता है. अगर विदिशा में ही रेल कारखाना खुल जाता तो यह डिप्लोमा विदिशा में ही कर सकते थे. अगर कारखाना खुलेगा तो विदिशा के सैंकडों लोगों को रोजगार भी मिलेगा.

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नई तकनीक लाने की मांग, कांग्रेस ने लगाया ‘धोखाधड़ी' का आरोप

इधर, स्थानीय बीजेपी विधायक भी कहते हैं कि अब डीजल इंजन की जरूरत क्या है? वहीं कांग्रेस कह रही है ये चीटिंग है.

बीजेपी विधायक मुकेश टंडन कहते हैं कि पहले डीजल इंजन चलते थे, उसके स्टोमिट बनाने का यह कारखाना बनाया गया था. यहां के सांसद रेल मंत्री को लिखा है कि इस कारखाने में रेलवे का ही कोई नया प्रोजेक्ट लाया जाए  ताकि हमारे युवाओं को रोजगार मिले. मुझे लगता है जल्द ही कोई ठोस कदम उठाया जाएगा.

इधर, कांग्रेस नेता प्रताप भानु शर्मा कहते हैं कि भाजपा ने इस कारखाने को लेकर खूब वाहवाही लूटी थी. कहा था विदिशा में कारखाना आने से लोगों को बड़ा रोजगार मिलेगा, लेकिन आज तक कारखाना शुरू भी नहीं हुआ.

MP में बेरोजगारों पर 'कन्फ्यूज' है सरकार! 

खैर ये नेता, सर्वे और युवा ही क्यों? बेरोज़गारी (MP Unemploymen) को लेकर सब हैरान-परेशान ही हैं. यहां तक की सरकारी आंकड़े भी. तभी तो MP में बेरोजगारों पर सरकार 'कन्फ्यूज' है. हाल ही में विधानसभा में एक लिखित सवाल के जवाब में सरकार ने कहा कि प्रदेश में पिछले साल 35 लाख 73 हजार बेरोजगार थे, जबकि इस साल मई 2024 की स्थिति में यह संख्या घटकर 25 लाख 82 हजार हो गई है. यहां दिलचस्प ये है कि बजट के ठीक पहले पेश आर्थिक सर्वेक्षण में सरकार ने दावा किया है कि राज्य में 33.13 लाख पंजीकृत बेरोजगार हैं.

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