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Madhya Pradesh: खंडवा में इंडियन मुजाहिदीन के आंतकी मिलने के बाद MP में मचा बवाल, जानें इसको लेकर किसने क्या कहा   

Terrorists arrested from Madarsa: खंडवा में एक मदरसे से पुलिस ने कुछ लोगों को गिरफ्तार किया. कथित तौर पर ये सभी इंडियन मुजाहिदीन के आतंकी हैं. इसको लेकर भाजपा विधायक ने बड़ा बयान दिया है.

Madhya Pradesh: खंडवा में इंडियन मुजाहिदीन के आंतकी मिलने के बाद MP में मचा बवाल, जानें इसको लेकर किसने क्या कहा   
File Photo

BJP on Terrorist Arrest: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के खंडवा (Khandwa) से इंडियन मुजाहिदीन (Indian Mujahideen) के कथित आतंकी को पकड़े जाने के बाद प्रदेश BJP के नेताओं ने मोर्चा खोल दिया है. मामले को लेकर नेताओं ने बड़े और कठोर बयान दिए है. बीजेपी विधायक उषा ठाकुर (Usha Thakur) का कहना है कि राज्य में मदरसों को बंद होना चाहिए क्योंकि मदरसे आतंकी कनेक्शन का केंद्र रहे हैं. बीजेपी विधायक अभिलाष पांडे (Abhilash Pandey), जो विधानसभा में अशासकीय संकल्प लेकर आए हैं - मांग की है ... संविधान का अनुच्छेद 30 (Article 30) जो अल्पसंख्यकों को धार्मिक या भाषाई आधार पर शैक्षणिक संस्थाओं की स्थापना और प्रबंधन का अधिकार प्रदान करता है को समाप्त किया जाए. बता दें कि MP में सरकारी मान्यता प्राप्त कुल 1505 मदरसे हैं, जिसमें 9417 गैर मुस्लिम बच्चे भी पढ़ते हैं.

मदरसा का मतलब होता है – पढ़ने का स्थान यानि जहां पर शिक्षण कार्य होता है. मूल रूप से यह हिब्रू भाषा से अरबी में आया है, जिसे हिब्रू में मिदरसा कहा जाता है. विश्व का पहले मदरसे का नाम निज़ामिया मदरसा था जिसे सलजूक़ वज़ीर निज़ाम-उल-मुल्क ने बनवाया था. सालों पहले भी इस मदरसे में शिक्षा और भोजन के साथ आवासीय व्यवस्था पूरी तरह से निःशुल्क थी. 

अशासकीय संकल्प लेकर आए अभिलाष पांडे 

पूर्व मंत्री और बीजेपी विधायक खंडवा में पकड़े गए कथित आतंकी का कनेक्शन मदरसों से ढूंढ लाई हैं, तो वहीं बीजेपी विधायक अभिलाष पांडे इसके लिये बकायदा अशासकीय संकल्प ले आए है. अभिलाष पांडे की मांग है कि संविधान का अनुच्छेद 30 को समाप्त किया जाना चाहिए. यह अनुच्छेद अल्पसंख्यकों को धार्मिक या भाषाई आधार पर शैक्षणिक संस्थाओं की स्थापना और प्रबंधन का अधिकार प्रदान करता है.

मदरसा बोर्ड का संचालन सरकारी स्कूल की तरह होता है जो उर्दू माध्यम में पढ़ाई कराता है, वहीं स्वतंत्र मदरसे जो दर्स-ए-निजामी प्रणाली का पालन करते हैं, विश्वविद्यालय/कॉलेज की तरह काम करते हैं और अक्सर उच्च इस्लामी मदरसों जैसे दारुल उलूम देवबंद और नदवतुल उलेमा से संबद्ध होते हैं. ये मदरसे वैसे उसी पाठ्यक्रम को पढाते हैं जिसकी मान्यता सरकार देते हैं.

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उषा ठाकुर ने उठाए मदरसों पर सवाल

बीजेपी विधायक उषा ठाकुर का इस मामले पर बयान है कि राज्य में मदरसों को बंद होना चाहिए क्योंकि मदरसे आतंकी कनेक्शन का केंद्र रहे हैं. इसके बाद से पूरे मुद्दे ने तूल पकड़ ली है. कांग्रेस का कहना है कि ये संविधान से छेड़छाड़ है.

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