
Suicide in Indore: कोई भी IAS ऐसे ही नहीं बनता, नींद से जागो अब पढ़ना होगा... ये आखिरी बात कागजों पर लिखकर मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के इंदौर (Indore) की एक छात्रा आशा उइके (Asha Uikey) ने आत्महत्या कर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली. दरअसल, आशा इंदौर के हीरानगर थानाक्षेत्र में किराए के मकान में रहती थी. इंदौर में रह कर वह UPSC की तैयारी जरूर कर रही थी, लेकिन लगातार मिल रहे असफल परिणामों के चलते आखिर कार उसने अपनी जान देदी.
क्या है पूरा मामला?
25 वर्षीय आशा पिछले कई दिनों से पढ़ाई को लेकर तनाव में थी. रविवार को उसने सूइसाइड कर लिया, जिसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने उसके कमरे से एक कॉपी और दीवार पर चस्पा पोस्टर जब्त कर लिया. पढ़ाई में चल रही परेशानियों के चलते वह खुद को मोटिवेट रखने के लिए कागजों पर मोटिवेशनल कोट्स लिख रही थी. इतना ही नहीं, तमाम लेखकों द्वारा कही गई मोटिवेशनल बातों को भी लिख रही थी.
पुलिस द्वारा जब्त की गई कॉपी में से पुलिस को करीब 20 पेज मिले हैं, जिनमें वो मोटिवेशनल बातों के अलावा अपने माता-पिता सहित अन्य परिजनों से माफी भी मांग रही थी. आशा ने लिखा कि वह कुछ बनना चाहती है. वह जिस चीज को हासिल करना चाहती है, उसे जल्द पा लेगी.
अपने कमरे में की आत्महत्या
हीरानगर टीआई पीएल शर्मा के मुताबिक आशा उइके ने अपने कमरे में सुसाइड किया है. उसके कमरे में दीवार पर काफी कागज चिपके हुए थे. इनमें वह पढ़ाई के नोट्स के साथ खुद को मोटिवेट करने को लेकर मैसेज भी लिखती थी. उसके कमरे में एक कागज पर लिखा था नींद से जागो. वहीँ कई मोटिवेशनल थॉट्स दीवारों पर भी लिखे हुए थे.
मेरा एक ही मकसद आईएएस बनना है - आशा
छात्रा आशा उइके ने कागजों पर लिखा था कि अगर यूपीएससी नहीं किया तो सफलता नहीं मिल पाएगी. कोई भी आईएएस ऐसे ही नहीं बनता. मैं कल से बेहतर हूं. मैं अपने आप को सुधार रही हूं. साथ ही उसके कमरे में कुछ पन्ने ऐसे मिले हैं. जिसमें जय श्री महाकाल के साथ ही माता-पिता ओर परिवार से माफी मांगते हुए लिखा है कि मेरा एक ही मकसद आईएएस बनना है. वह अपना सपना पूरा भी कर लेगी. वहीं, परिवार को कहा कि मैं ओवर थिंकिंग करने लगी हूं. अपने करियर को लेकर काफी सोचने लगी हूं.
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बेटी के पास आने वाली थी मां
बेटी की परेशानियों की जानकारी लगने के बाद माँ ने पिता को कहा था कि वह कुछ दिन आशा के पास रहने जाएंगी लेकिन उसके पहले ही आशा ने आत्महत्या कर ली. चिंता सताने पर मां ने बात करने के लिए मोबाइल से आशा को कॉल करना शुरू किए तो उसने फोन नहीं उठाया. इसके बाद मकान मालिक को देर शाम फोन करके बताया. मकान मालिक नरेंद्र के देखने पर मौत की जानकारी लगी.
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