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किसानों ने धान और गेंहूं के समर्थन मूल्य पर वादाखिलाफी को लेकर निकाली ट्रैक्टर रैली, राष्ट्रपति और सीएम मोहन यादव के नाम सौंपा ज्ञापन

Kisan Andolan in Madhya Pradesh: किसान आंदोलन को लेकर पूरे भारत में किसानों में आक्रोश देखने को मिल रहा हैं. इसी के अंतर्गत मध्य प्रदेश के रायसेन में किसानों ने ट्रैक्टर रैली निकाली.

किसानों ने धान और गेंहूं के समर्थन मूल्य पर वादाखिलाफी को लेकर निकाली ट्रैक्टर रैली, राष्ट्रपति और सीएम मोहन यादव के नाम सौंपा ज्ञापन
किसानों ने अपनी मांग को लेकर निकाली ट्रैक्टर रैली

Kisan Andolan: दिल्ली (Delhi) में किसानों के भारत बंद (Bharat Band) आव्हान के बाद मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के रायसेन (Raisen) में ट्रैक्टर रैली निकाली गई. किसान अपने ट्रैक्टर से कलेक्टर ऑफिस पहुंचे और कलेक्टर अरविंद दुबे (Arvind Dubey) को राष्ट्रपति और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव (Mohan Yadav) के नाम का ज्ञापन सौंपा. 

'आपकी सरकार ने 2100 रु. प्रति क्विंटल धान खरीदी'

कलेक्टर को दिए ज्ञापन में बताया गया कि समर्थन मूल्य में धान एवं गेंहूं की खरीदी को लेकर विधानसभा चुनावी घोषणा पत्र में पार्टी ने किसानों से वादा किया था कि सरकार बनने पर किसानों से देशी धान 3100 रूपए प्रति क्विंटल और गेहूं 2700 रूपए प्रति क्विंटल खरीदा जाएगा, लेकिन सरकार ने धान 2100 रुपए प्रति क्विंटल की दर से खरीदा जिससे किसानों को 1000 रुपए प्रति क्विंटल का नुकसान उठाना पड़ा.

किसानों को हो रहा हैं 425 रुपए का नुकसान

कलेक्टर को दिए ज्ञापन में बताया गया है कि गेहूं 2275 रुपए में खरीदा जाएगा, लेकिन समर्थन मूल्य का पंजीयन कराने से किसानों को 425 रुपए प्रति क्विंटल का नुकसान उठाना पड़ रहा है. किसानों की मांग हैं कि धान पर उन्हें 1000 रुपए और गेहूं पर उन्हें 425 रुपए का बोनस प्रदान किया जाए.

मकोड़िया डैम को निरस्त करना दुर्भाग्यपूर्ण

रायसेन जिले के गौहरगंज तहसील में ग्राम मकोड़िया में बेतवा केन परियोजना के अंतर्गत डैम प्रस्तावित था जिसकी डी.पी.आर. भी बन गई थी. इस डैम के बनने से बेतवा नदी किनारे बसे सैकड़ों गांवों को बाढ़ से बचाया जा सकता था. इससे विदिशा रायसेन में भूमिगत जल स्तर स्थिर रखा जा सकता था.

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लेकिन कुछ निजी कारणों से इस मकोड़िया डैम को निरस्त कर दिया गया. ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. किसान जागृति संगठन की मांग है कि बेतवा के बहते हुए जल को मकोड़िया डैम बनाकर किसानों की फसल और नस्ल बचाई जा सकती थी.

जबलपुर के भी किसान परेशान

कुछ दिनों पहले अचानक हुई बारिश से मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा मटर उत्पादन करने वाला जिला जबलपुर सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ था. जिन किसानों की खेतों में फसल लगी थी उसमें से 60 प्रतिशत से ज्यादा फसल गलने लगी. इससे जुड़े मुआवजे की मांग को लेकर किसानों ने हाल ही में जिले में प्रदर्शन किया था.  

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