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This Article is From Jan 29, 2024

शराब की बोतलों से बना अनोखा बोतल हाउस, विलुप्त होने की कगार पर 100 साल पुरानी कारीगरी

Tikamgarh Bottle House: यह बोतल हाउस आज से करीब 100 साल पहले टीकमगढ़ के महाराजा ने शराब और बीयर की खाली बोतलों से मेहमानों के स्वागत के लिए बनवाया गया था. इस अनूठी कला को देखने के लिए हजारों लोग आते हैं.

शराब की बोतलों से बना अनोखा बोतल हाउस, विलुप्त होने की कगार पर 100 साल पुरानी कारीगरी
देखरेख के अभाव में टीकमगढ़ का बोतल हाउस छतिग्रस्त हो रहा है.

Unique Bottle House of Empty Liquor Bottles: मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ जिले (Tikamgarh) में एक अनोखा और अद्भुत बोतल हाउस (Bottle House) बना हुआ है. ये बोतल हाउस लोगों के आकर्षण का केंद्र है. इसकी सबसे खास बात यह है कि टीकमगढ़ के महाराजा (King of Tikamgarh) ने इसे शराब और बीयर की खाली बोतलों (House of Empty Liquor Bottles) से बनवाया था. अब इस बोतल हाउस की खूबसूरती देखने देश-विदेश से लोग आते हैं. लेकिन, वर्तमान में यह बोतल हाउस देखरेख के अभाव में विलुप्त होने की कगार पर आ गया है. 

यह बोतल हाउस आज से करीब 100 साल पहले टीकमगढ़ के महाराजा ने शराब और बीयर की खाली बोतलों से मेहमानों के स्वागत के लिए बनवाया गया था. इस अनूठी कला को देखने के लिए हजारों लोग आते हैं. इस बोतल हाउस की खासियत के कारण बुंदेलखंड के लोग इसे शीश महल के नाम से भी पुकारते हैं.

Tikamgarh Bottle House

टीकमगढ़ रियासत के महाराजा वीरसिंह जूदेव ने करीब 100 साल पहले बोतल हाउस को बनवाया था.

मेहमानों को परोसी गई शराब की बोतलों ने बना है हाउस

बताया जाता है कि टीकमगढ़ रियासत के महाराजा वीरसिंह जूदेव के यहां काफी मेहमान आते थे, जिनके स्वागत में महाराज शराब और वियर परोसवाते थे. इस दौरान खाली हुई बोतलों को इकट्ठा करके रखा जाता था. जब ये बोतलें हजारों की मात्रा में हो गई तब महाराज के विदेशी मैनेजर बिडमेंन ने महाराज को एक बोतल हाउस बनवाने का सुझाव दिया. जिस पर अमल करते हुए महाराज ने बोतल भवन बनवाने का आदेश दिया. जिसके बाद मैनेजर बिडमेंन ने 10 से 15 हजार बोतलों को इकट्ठा कर दिल्ली से कुशल कारीगरों को बुलाया और शराब और बीयर की खाली बोतलों को प्लास्टर ऑफ पेरिस की मदद से बेहतरीन बोतल भवन तैयार किया गया. जिसमें एक बरामदा और दो कमरे बनाए गए, जो काफी आकर्षक हैं.

Tikamgarh Bottle House

इसे शराब और बीयर की खाली बोतलों की मदद से बनाया गया है.

दस साल में बना भवन

बोतल हाउस का निर्माण 1929 से 1939 के बीच हुआ. उस समय इसे बनाने में पूरे 10 साल का समय लगा था. इसमें पंखे की कोई जरूरत नहीं होती है. यह हमेशा काफी ठंडा बना रहता है. लेकिन, देखरेख की अभाव में यह छतिग्रस्त हो रहा है. इसकी दीवारों में लगी काफी बोतलें टूटने लगी हैं. यह बोतल हाउस टीकमगढ़ जिला मुख्यालय से 3 किलोमीटर की दूरी में ललितपुर मार्ग पर गणेशगंज गांव में मधुवन राजा के फार्म हॉउस पर बना हुआ है. जिसे देखकर लोग इसके मुरीद हो जाते हैं.

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