
Pithampur Carbide Waste Third Trial: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के भोपाल (Bhopal) के यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री (Union Carbide Factory) में हुए गैस रिसाव का मामला आज भी शांत नहीं हो पाया है. इसके केमिकल वेस्ट को धीरे-धीरे करके नष्ट किया जा रहा है. रासायनिक कचरे का तीसरा ट्रायल रन की ब्लेंक प्रक्रिया सोमवार, 10 मार्च को सुबह 7:41 बजे शुरू कर दी गई, जिसके बाद रात 7:41 बजे कचरा फीडिंग शुरू की जाएगी. तीसरे ट्रायल रन में कुल 270 किलो प्रति घंटे दर से 10 टन कचरा जलाया जाएगा.
सुरक्षा के खास इंतजाम
यूनियन कार्बाइड के रासायनिक कचरे के निष्पादन की प्रक्रिया का तीसरा ट्रायल 10 मार्च को सुबह 7 बजकर 41 मिनट पर शुरू हो चुका है और शाम 7 बजकर 41 मिनट पर कचरे को इंसीनरेटर में डाला जाएगा, जिसमें 270 किलो प्रति घंटे कि दर से 10 टन कचरा जलाया जाएगा. तीसरे ट्रायल को लेकर शासन-प्रशासन कि चाक-चोबान व्यवस्था है. सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस बल भी कंपनी के बाहर तैनात की गई है. वहीं, यूनियन कार्बाइड के कचरे के तीसरे ट्रायल के दौरान सभी मानक स्तरों कि निगरानी की जा रही है.
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पुनर्विचार याचिका पर चर्चा
पीथमपुर बचाओ समिति के अध्यक्ष हेमंत हिरोले ने मामले को लेकर हाईकोर्ट में झूठे हलफनामे पेश करने का आरोप लगाते हुए पुनर्विचार याचिका दाखिल करने की बात कही है. डॉक्टर हिरोले ने कहा कि रामकी इंडस्ट्रीज में नष्ट किए जा रहे कचरे की प्रक्रिया में लाखों गैलन पानी का उपयोग किया गया. वह पानी कहां गया यह आज तक नहीं बताया गया. उन्होंने कहा, ' पारदर्शिता की बात प्रशासन कर रहा था, लेकिन पारदर्शिता से काम नहीं हो रहा है.'
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