
Ujjain News in Hindi: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के उज्जैन में एक गांव में सरकारी स्कूल (Government School) बनाने के लिए कलेक्टर ने तुरंत ऑर्डर (Collector Order) दे दिए. ऐसा सरपंच के भूख हड़ताल पर बैठने के कारण हुआ. सरपंच सोमवार को शिक्षा विभाग ऑफिस (Education Department) में भूख हड़ताल पर बैठ गया. सरपंच ने यह धरना गांव स्कूल को फिर से शुरू करवाने के लिए दिया था. जानकारी मिलते ही कलेक्टर रोशन कुमार सिंह ने अधिकारियों को स्कूल की प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दे दिए. सरपंच का आठ घंटे बाद धरना खत्म हो गया. इसके बाद से पूरे क्षेत्र में इस मामले को लेकर चर्चा तेज है.
क्या है पूरा मामला?
मक्सीरोड स्थित उंडासा ग्राम पंचायत के सरपंच रमेशचंद्र शर्मा सोमवार दोपहर दशहरा मैदान स्थित शिक्षा विभाग के ऑफिस पहुंचे. यहां उन्होंने डीईओ के केबिन के बाहर भूख हड़ताल का उल्लेख करते हुए एक बैनर लगाया और दरी बिछाकर बैठ गए. सरपंच शर्मा ने कहा कि गांव में स्कूल नहीं होने के कारण करीब 50 बच्चों को रेल की पटरी और एक तालाब पार कर करीब 2.5 किमी दूर माधवपुरा स्थित सरकारी स्कूल तक पैदल जाना पड़ता है. इसलिए, उंडासा में स्कूल दोबारा शुरू करने की मांग पूरी नहीं होने तक भूख हड़ताल पर बैठे रहेंगे.
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'सिर्फ दो शिक्षक की व्यवस्था कर दें'
सरपंच शर्मा का कहना था कि तीन साल पहले उंडासा में शारदा प्राथमिक स्कूल संचालित था, लेकिन शिक्षकों की कमी के कारण 2022 में इसे बंद कर दिया गया था. इसे दोबारा शुरू करने के लिए सांसद और विधायक सहित सभी से मांग की. सुनवाई नहीं होने के कारण भूख हड़ताल पर बैठना पड़ा. अगर प्रशासन चाहें, तो स्कूल के लिए पंचायत के कमरे देने को तैयार हैं. सरपंच का कहना था कि सरकार केवल दो शिक्षक दे दें, जिससे बच्चों को दूर नहीं जाना पड़े और उनका भविष्य संवर सकें. इसके बाद जिला कलेक्टर ने संबंधित अधिकारियों को आदेश दे दिए और जल्द स्कूल के फिर से शुरू होने की संभावना है.
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