
Madhya Pradesh News: मध्यप्रदेश के उज्जैन में ट्रिब्यूनल कोर्ट ने कार से एक्सीडेंट में कॉलेज के एक भृत्य की मौत के मामले में इंशोरेंस कम्पनी के खिलाफ बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने दुर्घटना में लगी चोट से मौत होना मानते हुए मृतक के परिजनों को 81 लाख रुपए क्षतिपूर्ति ब्याज सहित दो माह में देने का आदेश दिया है.
3 साल पहले की है घटना
घटनानुसार माधव कॉलेज के चपरासी मनोज कुमार ठाकुर 12 नवंबर 2022 को ड्यूटी कर बाइक से घर जा रहे थे. रुकमणि पेट्रोल पंप के सामने मोड़ पर से होते हुए एक मारुति स्विफ्ट डिजायर कार चालक विशाल पाटीदार ने उनकी बाइक को टक्कर मार दी थी. दुर्घटना में गंभीर चोटें लगने से ईलाज के दौरान 2 फरवरी 2023 को मनोज की मौत हो गई थी.
मामले में ट्रिब्यूनल कोर्ट ने अब तक की सुनवाई के बाद इंशोरेंस कम्पनी के खिलाफ फैसला सुनाते हुए क्षतिपूर्ति के एवज में मनोज की मां और पुत्र को 81 लाख 44 हजार 255 रुपए की राशि ब्याज सहित दो माह में देने का फैसला सुनाया.
ऐसे पहुंचा कोर्ट मामला
प्रकरण में पीड़ित पक्ष के कैलाशचंद्र पाटीदार और आदित्य पाटीदार ने बताया किचिमनगंज मंडी थाने की एफआईआर के आधार पर चालक के खिलाफ चार्जशीट दाखिल हुई थी. मृतक का पत्नी से तलाक हो चुका था. इसलिए उसकी मां कलाबाई और नाबालिग बेटे अथर्व की ओर से कोर्ट में यूनिवर्सल सोम्पो जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के खिलाफ केस किया था. मामले में कोर्ट ने मृतक मनोज के परिजनों को ब्याज सहित 81 लाख रुपए की क्षतिपूर्ति राशि प्रदान करने का आदेश दिए हैं. यदि कंपनी दो महीने में भुगतान करने में विफल रहती है, तो आदेश की तारीख से 9 प्रतिशत की दर से दंडात्मक ब्याज भी लगेगा.
ऐसे साबित की मौत कि वजह
एडवोकेट कैलाशचंद्र पाटीदार ने बताया कि सबसे बड़ा चैलेंज ये था की एक्सीडेंट के करीब तीन माह बाद मनोज की मौत हुई. इसलिए इंशोरेंस कम्पनी के वकीलों ने मनोज की मौत इंफेक्शन से होने का दावा किया, लेकिन डॉक्टर से कंसल्ट कर मेडिकल ग्राउंड रिपोर्ट मौत का कारण कोर्ट में रख ये साबित करने में कामयाब रहे कि मनोज की मौत एक्सीडेंट से ही हुई. जिसके बाद कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया है.
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