पालकी में सवार हुए चंद्रमौलेश्वर, हाथी पर विराजे मनमहेश... बाबा महाकाल की दूसरी सवारी में डमरू बजाते दिखे CM मोहन यादव

Ujjain Baba Mahakal Sawari: बाबा महाकाल की दूसरी सवारी लोक नृत्य की थीम पर निकाली गई. इस दौरान बाबा महाकाल पालकी में सवार हुए. वहीं मनमहेश हाथी पर विराजे. इस सवारी में सीएम मोहन यादव भी शामिल हुए और डमरू बजाते हुए बाबा महाकाल की जयकारे लगाए.

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CM Mohan Yadav played damru during Baba Mahakal Sawari: मध्य प्रदेश के उज्जैन में श्रावण मास की बाबा महाकाल की दूसरी सवारी (Ujjain Baba Mahakal Second Sawari) सोमवार शाम निकली. सवारी की सीएम डॉ मोहन यादव (CM Mohan Yadav) ने पूजा की और डमरू बजाते हुए पैदल चले. इसके बाद रजत पालकी में सवार चंद्रमौलेश्वर के स्वरूप में बाबा महाकाल नगर भ्रमण पर निकले. इस बार सवारी लोक नृत्य की थीम पर निकली. बाबा महाकाल के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में लोग सवारी मार्ग पर इंतजार करते नजर आए.

लोक नृत्य की थीम पर निकली बाबा महाकाल की दूसरी सवारी

श्रावण मास के दूसरे सोमवार को शाम 4 बजे मंदिर से बाबा महाकाल की सवारी निकली. सवारी प्रारंभ से पहले सीएम यादव और डिप्टी सीएम राजेंद शुक्ल, प्रभारी मंत्री गौतम टेटवाल,मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, सभामंडप में भगवान चंद्रमौलेश्वर का विधि विधान से पूजा की. इसके बाद चांदी की पालकी में चंद्रमौलेश्वर भगवान और हाथी पर मनमहेश विराजमान होकर नगर भ्रमण पर निकले.

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सीएम मोहन यादव ने की पूजा, बजाया डमरू

मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल ने पालकी को सलामी दी, फिर सवारी तय मार्गो से रामघाट के लिए रवाना हो गई. सवारी में सीएम डमरू बजाते हुए तीनों मंत्रियों के साथ पैदल चले. मंदिर से निकली सवारी महाकाल चौराहा, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार और कहार वाडी से होते हुए रामघाट पहुंची. यहां शिप्रा नदी के जल से भगवान का अभिषेक के बाद सवारी रामानुजकोट, मोढ़ी धर्मशाला, कार्तिक चौक होते हुए वापस मंदिर लौटेगी.

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 जनजातीय कलाकारों ने की शिव स्तुति 

सावन मास की आज निकली सवारी की विशेष थीम लोक नृत्य रही. इसमें 8 जनजातीय कलाकारों के दल शामिल हुए जिन्होंने रामघाट पर नृत्य के द्वारा शिव स्तुति की. कलाकारों ने मध्य प्रदेश का मटकी नृत्य, राजस्थान का गणगौर, असम का बिहू, गुजरात का भवाई और कर्नाटक का पुलियाट्टम नृत्य की प्रस्तुति दी जाती रही. सवारी का लाइव प्रसारण मंदिर समिति के फेसबुक व सवारी मे चलित रथ में एल.ई.डी. पर किया जाता रहा, जिस पर सवारी मार्ग पर खड़े श्रद्धालू आसानी से दर्शन करते रहे.

2700 पुलिसकर्मियों के हाथों में सुरक्षा की कमान

श्रावण मास के पहले पहले सोमवार को बाबा महाकाल के करीब 2.5 लाख भक्तों ने दर्शन किए थे. दूसरे सोमवार को यह आकंड़ा कई गुना बढ़ गया. श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए मंदिर समिति ने करीब 80 क्विंटल लड्डू प्रसाद बनवाया. वहीं सवारी में उमड़ रही भीड़ को देखते हुए 2700 पुलिसकर्मी और अधिकारी सुरक्षा के लिए तैनात किए थे.

महाकाल की सवारी और उनके मुखारविंद

  • 14 जुलाई, भगवान श्री महाकालेश्वर की पहली सवारी में बाबा मन महेश के रूप में निकले.
  • 21 जुलाई को दूसरी सवारी में पालकी में श्री चंद्रमौलेश्वर और हाथी पर श्री मनमहेश निकले.
  • 28 जुलाई ,तीसरी सवारी निकलेगी इसमें पालकी में  श्री चंद्रमौलेश्वर हाथी पर श्री मनमहेश और गरुड़ रथ पर श्री शिव तांडव रहेंगे.
  • 4 अगस्त को  चौथी सवारी में पालकी में श्री चंद्रमौलेश्वर हाथी पर, श्री मनमहेश, गरुड़ रथ पर, श्री शिव तांडव और नंदी रथ पर श्री उमा महेश
  • 11 अगस्त,पांचवीं सवारी में पालकी में श्री चंद्रमौलेश्वर, हाथी पर श्री मनमहेश, गरुड़ रथ पर श्री शिव तांडव नंदी रथ पर श्री उमा महेश और रथ पर श्री होलकर स्टेट विराजित रहेंगे.
  • 18 अगस्त,राजसी सवारी निकलेगी. इसमें पालकी में श्री चंद्रमौलेश्वर, हाथी पर श्री मन महेश, गरुड़ रथ पर श्री शिव तांडव नंदी रथ पर श्री उमा महेश, रथ पर श्री होलकर स्टेट और रथ पर श्री सप्तधान मुखारविंद के रूप में भगवान दर्शन देंगे.

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