Central Government Special Report: केंद्र सरकार ने हाल में जारी अपने यूनिफाइड डिस्ट्रिक्ट इनफॉरमेशन सिस्टम (UDISE Plus Report) फॉर एजुकेशन प्लस रिपोर्ट जारी की है. इसमें देश के सरकारी स्कूलों की इंफ्रास्ट्रक्चर पर जानकारी सामने आई है कि आदर्श इंफ्रास्ट्रक्चर स्थापित करने में मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) ने निजी क्षेत्र की बराबरी कर ली है और कई मामलों में पीछे छोड़ दिया है. इस रिपोर्ट में सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त, निजी और अन्य स्कूलों में 2014 की स्थिति और वर्तमान स्थिति का तुलनात्मक आकलन किया गया है.
इन बातों का रखा गया है ध्यान
रिपोर्ट में स्कूलों में पेयजल की व्यवस्था, बेटियों के लिए शौचालय व्यवस्था, बच्चों के लिए अलग शौचालय, हाथ धोने की सुविधा, विद्युत कनेक्शन, लाइब्रेरी सुविधा, खेल मैदान, चिकित्सीय परीक्षण की सुविधा, कंप्यूटर की उपलब्धता, इंटरनेट सुविधा, दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए हैंडरेल समेत रैंप, टॉयलेट की सुविधा, किचन गार्डन रैन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम और सोलर ऊर्जा सिस्टम जैसी अधोसंरचनात्मक व्यवस्थाओं का तुलनात्मक अध्ययन किया गया है. इसमें मध्यप्रदेश के स्कूलों का बेहतर प्रदर्शन दिखा है.
वन नेशन वन डेटाबेस
भारतीय स्कूल शिक्षा व्यवस्था दुनिया में सबसे बड़ा शिक्षा नेटवर्क है. इसमें 14 लाख 72 हजार स्कूल है, जिसमें 98 लाख से ज्यादा शिक्षक हैं और प्राथमिक से सेकेंडरी स्तर तक 24.8 करोड़ विद्यार्थी पढ़ रहे हैं जो विभिन्न सामाजिक आर्थिक पृष्ठभूमि से आते हैं. स्कूलों के इस बड़े डाटाबेस के प्रबंधन के लिए केन्द्र सरकार ने यूनिफाइड डिस्ट्रिक्ट इन्फॉरमेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन प्लस बनाया है. इसमें स्कूलों से संबंधित आंकड़ों को ऑनलाइन अपलोड किया जाता है. कई स्तरों पर आंकड़ों की शुद्धता का परीक्षण किया जाता है. यह कार्य ब्लॉक, जिला और राज्य स्तर पर होता है. यह "वन नेशन-वन डाटाबेस" का कॉन्सेप्ट है.
मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों की हालत
केंद्र द्वारा जारी इस रिपोर्ट के अनुसार, मध्य प्रदेश में सरकारी, निजी और सरकारी सहायता प्राप्त कुल एक लाख 23 हजार 412 स्कूल हैं, जिनमें एक करोड़ 53 लाख 61 हजार 543 विद्यार्थी पढ़ रहे हैं. इन स्कूलों में शिक्षकों की संख्या कुल 6 लाख 39 हजार 525 हैं. सरकारी स्कूल 92,439, सरकारी सहायता प्राप्त 581 और निजी 28,910 और अन्य 1482 स्कूल हैं. इनमें से 39.4% स्कूल प्रिपेरेटरी या फाउंडेशनल हैं, जबकि 35.7% मिडिल स्कूल और 14.9% हायर सेकेंडरी स्कूल हैं. शिक्षकों की उपलब्धता के मान से 21.02% फाऊंडेशनल स्कूलों में, 37.9% मिडिल स्कूलों में और 40.9% सेकेंडरी स्तर के स्कूलों में कार्यरत है.
सीएम राइज स्कूल का कमाल
गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए नई शिक्षा नीति का पालन करते हुए विद्यार्थियों को रोचक और आनंददायी शिक्षा देने की व्यवस्था की गई है. सीएम राइज योजना में 9200 विद्यालयों को दो चरणों में आधारभूत सुविधाओं से संपन्न बनाया जा रहा है. दूसरे चरण के लिए 2024-25 में 276 विद्यालयों को संसाधन संपन्न बनाया जाएगा. इनमें केजी से 12वीं तक कक्षाएं लगेंगी. सरकारी सीएम राइज विनोबा उच्चतर माध्यमिक विद्यालय रतलाम को अंतरराष्ट्रीय संस्था टी4 एजुकेशन ने नवाचार की श्रेणी में विश्व में प्रथम स्थान दिया है. इसके अलावा मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए भारत सरकार ने विभिन्न स्तरों के विद्यालयों को पीएम श्री योजना में शामिल कर लिया है.
मजबूत हुई MP के स्कूलों की बुनियाद
रिपोर्ट के अनुसार, मध्यप्रदेश के 92,439 सरकारी स्कूलों में से 85,333 में हाथ धोने की सुविधा है. इस प्रकार 92.3% स्कूलों में यह सुविधा है. इसी प्रकार 91749 सरकारी स्कूलों में यानी 99% स्कूलों में शौचालय सुविधा है. बेटियों के लिए 91,184 स्कूलों में से 89,439 स्कूलों में यानी 98.1% स्कूलों में अलग से शौचालय की सुविधा है. बालकों के लिए 90,351 में से 88,449 स्कूलों यानी 97.9% स्कूलों में शौचालय सुविधा है.
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दिव्यांगों के लिए भी खास व्यवस्था
दिव्यांग बच्चों के लिए एमपी के सरकारी स्कूलों में शौचालय की सुविधा उपलब्ध कराने में भी तेजी से काम हो रहा है. फिलहाल, 13,810 स्कूलों में ऐसे बच्चों के लिए शौचालय सुविधा उपलब्ध है. इसी श्रेणी के बच्चों के लिए 91,664 स्कूलों में रैम्प सुविधा और 30925 में रैम्प के साथ हैंडरेल की सुविधा है. डेस्कटॉप और पर्सनल कंप्यूटर की सुविधा 6294 स्कूलों में है. इसे बढ़ाया जा रहा है. इसके अलावा 30284 स्कूलों में लैपटॉप का उपयोग हो रहा है.
वर्तमान में 10756 स्कूलों में स्मार्ट क्लासरूम है, जिनमें डिजिटल बोर्ड्स, स्मार्ट बोर्ड, वर्चुअल क्लासरूम, स्मार्ट टीवी उपलब्ध है और 15292 स्कूलों में मोबाइल फोन का उपयोग शिक्षक प्रशिक्षण के लिए हो रहा है और 823 स्कूलों में डिजिटल लाइब्रेरी की सुविधा है. किचन गार्डन की सुविधा 17174 स्कूलों और 11697 स्कूलों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग की सुविधा उपलब्ध है. सेकेंडरी स्तर के 9484 स्कूलों में से 4974 में इंटीग्रेटेड साइंस लैब उपलब्ध है. सोलर पैनल 4718 स्कूलों में लगे है. सभी स्कूलों में 5 करोड़ 33 लाख किताबें लाइब्रेरी एवं बुक बैंक में उपलब्ध है.
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