स्वतंत्रता दिवस के मौके पर छतरपुर जिले के दो सब इंस्पेक्टरो को "अपराध अनुसंधान उत्कृष्ट पुरस्कार" 2023 से सम्मानित करने के लिए चुना गया है इन्हें बाद में इस पुरस्कार से सम्मानित किया जायेगा. इन दोनों ने अपने थाना क्षेत्रों में हुए गंभीर अपराधों की जांच तेजी से की थी. जिसके चलते कम समय में न्यायालय ने अपराधियों को कड़ी सजा सुनाई थी. "अपराध अनुसंधान उत्कृष्ट पुरस्कार 2023" के लिए देशभर सं 140 पुलिसकर्मियों का चयन किया गया था. इनमें मध्य प्रदेश के कुल 7 अफसर थे इनमें छतरपुर जिले से दो अफसर थे ये दोनों ही सब इंस्पेक्टर थे, एक का नाम अंजना त्रिवेदी और दूसरे का नाम आशुतोष श्रुतिया था.
छतरपुर जिले के सिविल लाइन थाना में तैनात अंजना त्रिवेदी ने 2021 में हुए एक रेप और अपहरण की तेजी से जांच की थी जिससे इस मामले के आरोपी को 20 साल की कठोर सजा हुई थी. इस मामले में अंजना त्रिवेदी को काफी वाहवाही मिली थी.
अंजना शादीशुदा हैं और उनका परिवार भी है तो ऐसे में नौकरी और घर के साथ सामंजस्य बैठाना बड़ा ही मुश्किल होता है लेकिन अंजना त्रिवेदी ने अपने काम को पूरी लगन से किया और नौकरी के साथ घर भी अच्छी तरह से संभाला. अंजना ने जिस तरह से नौकरी और घर संभाला वो काबिले तारीफ है. अंजना की छवि घर में जितनी सॉफ्ट है अपराधियों के लिए वो उतनी ही टफ नजर आती हैं. जहां भी उनकी पोस्टिंग हुई है वहां के अपराधियों में उनका खौफ बना रहता है.
छतरपुर कोतवाली में तैनात आशुतोष श्रुतिया ने भी पुलिस की सेवा में अच्छा काम किया है. मामला 2019 का था तब सुरेश यादव का शव जंगल में मिला था, ये शव पूरी तरह से क्षत - विक्षत था. सुरेश के परिजनों ने पड़ोसी पर हत्या की आशंका जाहिर की थी. जब वारदात हुई तो आशुतोष पिपट थाना प्रभारी थे. ये केस काफी पेचीदा था तब आशुतोष ने सुरेश यादव के दोस्त भोला यादव को गिरफ्तार किया था जिसने बाद में अपना जुर्म कबूल कर लिया था. पुलिस की तेजी के चलते अपराधी को 50 दिन के अंदर ही उम्र कैद की सजा हो गई थी. 12 अगस्त को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने की इसकी घोषणा की थी. "अपराध अनुसंधान उत्कृष्ट पुरस्कार 2023" के लिए देशभर के 140 पुलिसकर्मियों का चयन किया गया है, इस पुरस्कार की घोषणा हर साल 12 अगस्त को की जाती है, केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा 140 पुलिस कर्मियों में 15 सीबीआई, 12 एनआईए, 10 उत्तर प्रदेश, 9 केरल, 9 राजस्थान, 8 तमिलनाडु, 7 मध्य प्रदेश, और 6 गुजरात के है. शेष पुलिसकर्मी अन्य राज्यों और केंद्रशासित प्रदेश के हैं. कुल चयनित विजेताओं में 22 महिला पुलिस अफसर है. इस तरह के आयोजनों से सम्मानित करने से लोगों में ईमानदारी, देश सेवा की भावना बढ़ती है.