
MP Social Boycott: मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में सामाजिक बहिष्कार का बड़ा मामला सामने आया है. यहां एक गांव के आदिवासियों ने 40 परिवारों का4 सिर्फ इसलिए बायकॉट कर दिया क्योंकि उन्होंने एक आयोजन के लिए चंदा देने से मना कर दिया था.
जानकारी के मुताबिक, बैतूल जिले में भीमपुर ब्लॉक के दूरस्थ गांव चोहटा में 40 परिवारों को सामाजिक रूप से बहिष्कृत कर दिया गया है, इसके पीछे वजह उन्होंने गांव के एक आयोजन में चंदा नहीं दिया. शुक्रवार रात चोहटा गांव में आदिवासी समाज के करीब 100 लोगों ने मिलकर गांव में फेरी निकाली और लाउडस्पीकर से मुनादी कर तुगलकी फरमान सुनाया.
गांव वालों से क्या कहा गया?
फरमान था कि अब गांव में उस समाज के बच्चों से भी कोई बात नहीं करेगा. अब स्थिति ये है कि दुकानों पर सामान नहीं मिल रहा है. उनके लिए चक्कियों में कोई आटा नहीं पिस रहा है और बच्चे स्कूल तक जाने से डर रहे हैं. इन 40 पीड़ित परिवारों की दिनचर्या पूरी तरह से ठप हो गई है. गांव में ही रहकर अब ये लोग पराए बन चुके हैं.
हो पाएगी सुलह?
दूसरी ओर इस मामले में जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन लगातार दोनों पक्षों में समझाइए देने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन एक पक्ष अपने तुगलगी फरमान पर अड़ा हुआ है. वे ना ही प्रशासन और ना ही सामाजिक संगठन या राजनीतिक लोगों की कोई बात मानने को तैयार है. बहरहाल, प्रशासन गांव में दोनों पक्षों के बीच सामंजस्य बनाने की कोशिश में लगा हुआ है. लिहाजा अब देखना होगा कि यह तुगलकी फरमान कब तक जारी रहता है और चोहटा गांव के 40 परिवार कब तक बहिष्कार का शिकार बना रहेगा.
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