
Kharmor Sanctuary: धार जिले के खरमोर अभयारण्य क्षेत्र के भोले-भाले आदिवासी किसानों के साथ वन विभाग पर सौतेला व्यवहार करने का आरोप लग रहा है. बुधवार को अपनी ही जमीन पर पराया महसूस कर रहे क्षेत्र के आदिवासी किसानों ने इस संबंध में जनसुनवाई में सरदारपुर एसडीएम वएसडीओ फारेस्ट को एक ज्ञापन सौंपा है.
गलती से आदेश की प्रतिलिपि में "ओवरहेड" शब्द अंकित हो गया
ज्ञापन के मुताबिक अभयारण्य अधिसूचित क्षेत्र से बाहर शेष भाग में ओवरहेड (Overhead) रखने की अनुमति दी गई थी, लेकिन प्रशासनिक त्रुटि के कारण आदेश की प्रतिलिपि में "ओवरहेड" शब्द अंकित हो गया, जिससे जिला वन विभाग, प्रशासन एवं संबंधित क्षेत्र के किसान गलतफहमी का शिकार हो गए हैं.
निजी कंपनी नियम विरुद्ध जाकर ओवरहेड लाइन का हो रहा कार्य
मामले पर सरदारपुर विधायक प्रताप ग्रेवाल ने बताया कि खरमोर अभ्यारण संरक्षित क्षेत्र में संबंधित ठेकेदार को दिल्ली से इसी बात पर ठेका दिया गया है कि वह संरक्षित क्षेत्र में अंडर ग्राउंड ट्रांसमिशन लाइन डालेंगे. इस संरक्षित क्षेत्र के कारण रेलवे लाइन का और नेशनल हाईवे का कार्य भी प्रभावित हुआ, फिर कैसे निजी कंपनी नियम विरुद्ध जाकर ओवरहेड लाइन का कार्य कर रही है. इस पर मुख्यमंत्री व धार कलेक्टर को संज्ञान लेना चाहिए.
मध्य प्रदेश के धार जिले सरदारपुर तहसील में है खरमोर वन्यजीव अभयारण्य
उल्लेखनीय है कि खरमोर वन्यजीव अभयारण्य मध्य प्रदेश के धार जिला में सरदारपुर तहसील में स्थित है और 348.12 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है. साथ इको सेंसटिव झोन 250 मीटर है. इसमे 14 ग्राम पंचायतों को अधिसूचित किया हुआ है यानी एक तरह से अभयारण्य संरक्षित क्षेत्र घोषित है.
लगभग 16 से अधिक वर्षों से 14 ग्राम पंचायतों में खरमोर विलुप्त हो गए है
रिपोर्ट के मुताबिक इस क्षेत्र के 14 ग्राम पंचायतों में लोग अपनी निजी भूमि क्रय विक्रय नही कर सकते है. रजिस्ट्री ,नामांतरण पर भी रोक है. वर्तमान में 14 ग्राम पंचायतों में लगभग 16 वर्ष अधिक हो गए खरमोर विलुप्त हो गए है. वहीं, अभयारण्य में भी करोड़ों रुपए खर्च होने के बाद भी पक्षियो को सही संरक्षण नहीं मिल पाया है.
ट्रांसमिशन लाइन निर्माण में वन विभाग ने किन कारणों से नियमों की अनदेखी की है
गौरतलब है संरक्षित क्षेत्र में पावर ग्रिड और ट्रांसमिशन लाइन निर्माण में वन विभाग ने किन कारणों से नियमों की अनदेखी की है. यह तो विभाग ही बता सकता है, लेकिन इसके कारण क्षेत्र के आदिवासी किसान के साथ साथ पक्षियों का भविष्य भी खतरे में दिखाई दे रहा है.
ये भी पढ़ें-Murder Mystery: अंधे कत्ल में सामने आया बहन का नाम, प्रेमी के साथ मिलकर करवाई थी अपने ही भाई की हत्या