PM Modi को सतना महापौर ने लिखा पत्र, प्रस्ताव तक सिमट कर रह गया सरभंगा टाइगर रिजर्व

Tiger Reserve: महापौर योगेश ताम्रकार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर टाइगर रिजर्व की मांग रखी है. उन्होंने पत्र के माध्यम से बताया है कि चित्रकूट में प्रभु राम ने अपना वनवास बिताया. नाना जी देशमुख एकात्म मानववाद के शिल्पकार ने कई प्रकल्प स्थापित किए. यह क्षेत्र बाघों के लिए अत्यंत अनुकूल है.

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Tiger Reserve in Madhya Pradesh: वन मंडल सतना (Satna Forest) के मझगवां रेंज में मौजूद घने जंगल (Jungle) के अंदर विचरण कर रहे दो दर्जन से अधिक बाघों (Tigers) को देखते हुए सरभंगा टाइगर रिजर्व (Sarabhanga Tiger Reserve) का प्रस्ताव तैयार कर मंजूरी के लिए भेजा गया था. जिस पर अभी तक कोई अमल नहीं हो पाया है. टाइगर रिजर्व (Tiger Reserve) के प्रस्ताव के संबंध में वाइल्ड लाइफ (Wildlife) विभाग की ओर से जिला योजना समिति और नेताओं की सहमति मांगी गई, लेकिन उसके बाद से सब ने चुप्पी साध ली. अब एक बार फिर सतना महापौर (Satna Mayer) योगेश ताम्रकार ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) को पत्र लिखकर टाइगर रिजर्व बनाए जाने की मांग रखी है.

क्या है मामला?

सरभंगा सर्किल के चयनित क्षेत्र को वन्य जीव अभ्यारण्य की सौगात देने सरभंगा फॉरेस्ट की 12 बीटों के लगभग 13 हजार 925 हेक्टेयर वन क्षेत्र (Forest Area) को शामिल किया गया था. 2016 में तत्कालीन DFO आरबी शर्मा ने सबसे पहले इसकी कार्ययोजना बनाई थी. वाइल्ड लाइफ की टीम स्थल का निरीक्षण कर चुकी है. ग्रास लैंड विकसित करने की योजना पर भी काम भी चला. मगर, आठ साल बाद भी स्थिति जस की तस बनी हुई है.

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विरचण कर रहे दो दर्जन से अधिक बाघ

मझगवां वन परिक्षेत्र के पौराणिक, धार्मिक एवं पुरातात्विक महत्व के सरभंगा वन क्षेत्र में बाघों की बढ़ती दिलचस्पी का अंदाजा इस तथ्य से लगाया जा सकता है कि मौजूदा समय में इस वनांचल में दो दर्जन से भी ज्यादा बाघों का मूवमेंट है. वन्य प्राणी मामलों के जानकारों की मानें तो प्राकृतिक रहवास इतना अनुकूल है कि टाइगर रिजर्व पन्ना नेशनल पार्क (Panna National Park) के टाइगर और टाइग्रेस की आवाजाही भी इस क्षेत्र में निरंतर बनी रहती है. नेशनल पार्क से सरभंगा के जंगल नेचुरल कॉरीडोर का हिस्सा हैं. बताया जाता है कि वर्ष 2011 में पन्ना टाइगर रिजर्व से आई टाइग्रेस (Tigress) पी-213 (22) ने हाल ही में यहां पर तीन शावकों को जन्म भी दिया है.

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क्या खदानों ने रोक रखा है रास्ता?

सरभंगा सर्किल के 12 बीटों के 43 कम्पार्टमेंट के 13 हजार 925 .979 हेक्टेयर वन क्षेत्र में वाइल्ड लाइफ सेंचुरी के प्रस्ताव को मंजूरी देने में हो रही देरी को लेकर स्थानीय लोगों में चर्चा है कि क्या यहां की खदानों के चलते सरकार निर्णय लेने में असमंजस का सामना कर रही है. सच चाहे जो भी हो, लेकिन अब एक बार फिर सरभंगा टाइगर रिजर्व चर्चा के केन्द्र में आ चुका है.

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महापौर ने की फिर से पहल

महापौर योगेश ताम्रकार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर टाइगर रिजर्व की मांग रखी है. उन्होंने पत्र के माध्यम से बताया है कि चित्रकूट में प्रभु राम ने अपना वनवास बिताया. नाना जी देशमुख एकात्म मानववाद के शिल्पकार ने कई प्रकल्प स्थापित किए. यह क्षेत्र बाघों के लिए अत्यंत अनुकूल है. यहां के वन परिक्षेत्रों में टाईगर के अलावा सांभर, चीतल, हिरण, भालू, तेंदुआ, साही, नीलगाय, जंगली सुअर और अन्य प्रकार के जंगली जानवर व हजारों प्रकार के पक्षी बहुतायत में हैं. यहां दुर्लभ जड़ी-बूटी भी उपलब्ध हैं.

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