Gwalior: अब तो जवाब दे दो 'सरकार'! 'हक' के लिए बुजुर्ग शिक्षक ने लिखे हजारों पत्र, लेकिन भटकना जारी...

Gwalior Collector Office: ग्वालियर में एक बुजुर्ग रिटायर्ड शिक्षक अपनी व्यथा का पत्र लिख-लिख कर परेशान है. लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं मिल सकता है. अब शिकायतों की गठरी बन चुकी है. आइए जानते है पूरा मामला.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
Gwalior Collector Office: बकाया पाने के लिए भटक रहा बुजुर्ग शिक्षक

Gwalior News: ग्वालियर के माध्यमिक शिक्षक (Teacher) पद से रिटायर (Retired Teacher) हुए ट्रिपल MA और LLB तक शिक्षित बुजुर्ग शिक्षक रिटायरमेंट के बाद शासन से मिलने वाले फंड (Fund) आदि से वंचित हैं. उनका कहना है कि उन्हें NPS और अन्य फंड नहीं मिले हैं. ऐसे में अपने हक को पाने के लिए ये शिक्षक 100 से अधिक आवेदनों का बैग अपने सिर पर लेकर अपने विभाग, DM से लेकर CM हेल्पलाइन और प्रशासन के दरवाजे पर उम्मीद लेकर वर्षों से चक्कर काट रहे हैं, लेकिन उन्हें अपना हक नहीं मिला है.

क्या है मामला?

जिला ग्वालियर की डबरा तहसील के ग्राम गतारी के रहने वाले बुजुर्ग ट्रिपल MA और LLB  की पढ़ाई कर चुके हैं. पूरन सिंह जाट शासकीय माध्यमिक शिक्षक पद से रिटायर हुए थे. उन्होंने साल 1998 में शिक्षा कर्मी के पद पर स्कूल शिक्षा विभाग में ज्वाइन किया था और  21 जुलाई साल  2024 के दिन शासकीय माध्यमिक विद्यालय गढ़ी पिछोर जिला ग्वालियर में अपनी अंतिम सेवाएं दी और रिटायर हो गए. रिटायरमेंट के बाद उन्हें शासन से मिलने वाली सुविधाओं से वंचित कर दिया गया.

Mauganj Violence: मऊगंज हत्याकांड मामले में CM मोहन ने अधिकारियों को दी हिदायत, जानिए क्या कहा?

रिटायर्ड बुजुर्ग शिक्षक का दर्द है कि उनकी भर्ती शिक्षा कर्मी के रूप में हुई थी ऐसे में रिटायरमेंट के बाद अब उन्हें NPS के 20 लाख रुपए. ग्रेच्युटी के 15 हजार, द्वितीय क्रमोनती एरियर के लगभग 01 लाख और जनवरी 2024 से जुलाई 2024 तक 7% एरिया की लगभग 25 हजार की राशि मिलनी थी. लेकिन वह उन्हें आज तक नहीं मिली है.

उन्होंने अपना हक पाने के लिए संकुल ऑफिस से लेकर कलेक्टर की जनसुनवाई और CM हेल्पलाइन में 119 आवेदन अब तक किए हैं. लेकिन बुजुर्ग रिटायर्ड शिक्षक की कोई सुनवाई नहीं हुई है.

Freedom Fighter: जबलपुर के आखिरी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी अब नहीं रहें, CM ने जताया दुख, ऐसी थी कहानी

क्यों नहीं मिला लाभ?

रिटायर्ड शिक्षक ने अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि और स्कूल शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा कहा गया है कि उनकी भर्ती शिक्षा कर्मी के रूप में साल 1998 में हुई थी. इसलिए वह मुझे नाजायज औलाद, वहीं शिक्षक और सहायक शिक्षक को विभाग की जायज औलाद बताते हैं. इनका कहना है कि ऐसे में सौतेला व्यवहार करते हुए विभाग के अधिकारी कहते हैं कि सीनियर अधिकारियों के साथ समझौता कर लो. राशि जारी कर दी जाएगी, अपने 119वे आवेदन के जरिए रिटायर्ड शिक्षक पूरन सिंह ने ग्वालियर कलेक्टर रुचिका सिंह चौहान से गुहार लगाई कि उनके हक के भुगतान को जल्द रिलीज किया जाए.

Advertisement

अधिकारी ने क्या कहा?

बुजुर्ग की पीड़ा दायक आवेदन पर जिला पंचायत के CEO विवेक कुमार ने संज्ञान लेते हुए जिला शिक्षा अधिकारी से इस संबंध में जानकारी तलब की है. IAS विवेक कुमार का कहना है कि पूरन सिंह के वेतनमान से संबंधित कुछ विधि प्रॉब्लम जानकारी सामने आई है. जिसे जल्द ठीक करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए गए हैं, जल्द ही बुजुर्ग शिक्षक की शेष बची हुई राशि उन्हें जारी कर दी जाएगी.

यह भी पढ़ें : Rang Panchami 2025: इंदौर की गेर में मौत'! CM का दौरा रद्द, एंबुलेंस को मिला रास्ता, MP में ऐसी रही रंगपंचमी

Advertisement

यह भी पढ़ें : CG Vidhan Sabha: छत्तीसगढ़ विधानसभा में गूंजा आदिवासी छात्रावासों का मामला, कांग्रेस के सवाल, ये रहें आंकड़ें