Teacher Scam in MP: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के ग्वालियर (Gwalior) से सरकारी नौकरी में फर्ज़ीवाड़े की खबर सामने आई है. ग्वालियर की देहात पुलिस ने दो फर्ज़ी टीचरों को हिरासत में ले लिया है. दोनों आरोपी पिछले 7 सालों से फरार चल रहे थे और हर महीने वेतन भी उठा रहे थे. पुलिस अब पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ कर रही है कि उन्होंने कैसे फर्जी दस्तावेजों के सहारे सरकारी नौकरी हासिल की? दरअसल, पूरी घटना ग्वालियर के भितरवार इलाके से सामने आई है.
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जानिए फर्जीवाड़े की पूरी कहानी
साल 2017 में नरेश मोदी और राजेंद्र रावत ने भितरवार में शिक्षक के रूप में अपनी आमद दर्ज कराई थी. इसके बाद 7 साल तक आराम से वे नौकरी करते रहे और हर साल वेतन भी उठाते रहे. कुछ समय पहले पुलिस में शिकायत की गई कि इन दोनों ने बीएड सहित शिक्षा के फर्जी डॉक्यूमेंट लगाकर नौकरी हासिल की है, जांच के बाद जब पुलिस ने भितरवार थाने में इनके खिलाफ केस दर्ज किया तो दोनों गायब हो गए.
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फरार होने के बाद विभाग के रिकॉर्ड में रहे हाजिर
इस मामले में चौंकाने वाली बात ये रही कि आरोपी तभी से फरार चल रहे थे लेकिन शिक्षा विभाग के दस्तावेजों में उनकी नौकरी जारी थी और वे वेतन भी ले रहे थे. भितरवार थाना पुलिस को खबर मिली कि आरोपी इलाके में देखे गए हैं. इस पर तुरंत ASP देहात निरंजन शर्मा ने SDOP भितरवार अतुल सिंह सोलंकी और थाना बल को आरोपी की तलाश में लगाया. इसके बाद पुलिस ने दोनों ही आरोपियों को गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल की है.
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पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ दर्ज किया मामला
पुलिस ने धारा 420, 467, 468 और 471 के मामले में आरोपियों को हिरासत में लिया है. अब पुलिस यह पता लगाने की कोशिश करेगी कि इन्होंने कहां से फर्जी दस्तावेज तैयार करवाया और किस तरह नौकरी हासिल की जिसके लिए आरोपियों से पूछताछ की जा रही है.
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