Tansen Sangeet Samaroh 2025: संगीत नगरी ग्वालियर (Gwalior) में आयोजित होने वाला अंतर्राष्ट्रीय तानसेन समारोह (Tansen Samaroh Gwalior) अपने 101वें संस्करण के साथ पुन: संगीत के उस वातावरण को रचने के लिए तैयार है, जिसके अंतरंग में परम्पराएं, साधना, समर्पण, सम्मान और नवाचार की स्वर लहरियों की अनुगूंज होती है. उस्ताद अलाउद्दीन खां संगीत एवं कला अकादमी के डायरेक्टर प्रकाश सिंह ठाकुर ने बताया कि संगीत-शिरोमणि तानसेन की पावन स्मृति और उनकी अलौकिक संगीत-परम्परा को अक्षुण्य बनाए रखने के उद्देश्य से उनकी समाधि पर संस्कृति विभाग द्वारा प्रतिवर्ष विश्व-स्तरीय संगीत समागम “तानसेन समारोह” का भव्य आयोजन किया जाता है. जहां अपनी स्वरांजलि अर्पित करने के लिए देश-दुनिया के संगीतज्ञ पधारते हैं.
The 101st Tansen Sangeet Samaroh, a grand tribute to Sangeet Samrat Tansen, will feature eminent artistes & ensembles. Celebrate India's classical traditions in Gwalior. Witness the legacy!
— MP International Tourism (@MPIntltourism) December 12, 2025
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इस बार चतुर्भुज मंदिर की थीम
अपना शताब्दी वर्ष पूर्ण कर यह प्रतिष्ठित समारोह अब अपने 101वें स्वर्णिम पड़ाव की ओर अग्रसर है. 15 से 19 दिसम्बर, 2025 तक तानसेन समाधि स्थल हजीरा, ग्वालियर में संगीत सभाओं का आयोजन किया जाएगा. इस वर्ष तानसेन समारोह का मुख्य मंच ग्वालियर के सुप्रसिद्ध ‘'चतुर्भुज मंदिर या शून्य का मंदिर'' की थीम पर सजाया जा रहा है. तानसेन समारोह की परम्परानुसार 9 दिसम्बर, 2025 को दतिया में प्रादेशिक पूर्वरंग श्रृंखला के आयोजन से आरम्भ हो चुका है. इसी क्रम में 13 दिसम्बर, 2025 को शिवपुरी में भी प्रादेशिक पूर्वरंग श्रृंखला अंतर्गत संगीत सभाएं आयोजित की गईं, जिन्हें सुधि श्रोताओं द्वारा बहुत सराहा गया. ग्वालियर के विभिन्न स्थलों पर भी 10 दिसम्बर से पूर्वरंग अंतर्गत प्रात:कालीन एवं सायंकालीन संगीत सभाओं का आयोजन किया जा रहा है. जिसमें गंगादास की शाला, माधव संगीत महाविद्यालय, राजा मानसिंह तोमर वि.वि., कला वीथिका, महारूद्रमण्डल, शंकर गंधर्व महाविद्यालय, ध्रुपद केन्द्र, टाउन हॉल, दत्त मंदिर, बैजा ताल प्रमुख हैं.
जिज्ञासा का सही उत्तर है, तानसेन।
— Madhya Pradesh Tourism (@MPTourism) December 5, 2025
ग्वालियर में महान कलाकार तानसेन को समर्पित तानसेन संगीत समारोह का इस वर्ष 101वां संस्करण आयोजित किया जा रहा है।
देश और दुनिया के श्रेष्ठ कलाकार जब एक मंच पर आते हैं, तब 'संगीत की नगरी' ग्वालियर में चार चाँद लग जाते हैं।
आप भी इस विशेष आयोजन… pic.twitter.com/HZboRZm3Rh
पद्म पुरस्कार प्राप्त संगीतज्ञों के साथ स्थानीय एवं युवा कलाकारों को अवसर
तानसेन समारोह के 101वें संस्करण में पद्म पुरस्कार प्राप्त कलाकारों के साथ ही प्रतिष्ठित कलाकारों को प्रस्तुति के लिए आमंत्रित किया गया है. इनमें प्रमुख रूप से पद्मविभूषण अमजद अली खान अपने पुत्रों अमान-अयान अली बंगस के साथ पधार रहे हैं, सुविख्यात गायिका पद्मश्री सुमित्रा गुहा, सितार वादक पद्मश्री शिवनाथ - देवब्रत मिश्र, संगीत नाटक अकादमी अवॉर्ड प्राप्त कलापिनी कोमकली, मध्यप्रदेश शासन का कुमार गंधर्व सम्मान – 2008 से अलंकृत संजीव अभ्यंकर एवं राष्ट्रीय तानसेन सम्मान से अलंकृत होने जा रहे पं. तरुण भट्टाचार्य एवं पं. राजा काले की संगीत सभाएं सजेंगी. इसके साथ ही प्रतिभावान स्थानीय कलाकारों एवं युवा कलाकारों को भी तानसेन समारोह का मंच प्रदान किया जा रहा है, ताकि संगीत की यह परम्परा नई पीढ़ी के माध्यम से भी दमकती रहे.
राष्ट्रीय तानसेन सम्मान एवं राजा मानसिंह तोमर सम्मान अलंकरण समारोह
101वें तानसेन समारोह के शुभारंभ अवसर पर 15 दिसम्बर, 2025 को सायं 6:30 बजे से मध्यप्रदेश शासन, संस्कृति विभाग का प्रतिष्ठित राष्ट्रीय तानसेन सम्मान अलंकरण एवं राजा मानसिंह तोमर सम्मान अलंकरण समारोह का आयोजन तानसेन समाधि स्थल पर किया जा रहा है.
सनराइज टूर, ज्वेल्स ऑफ द रेवाइन्स, थीमैटिक फूड फेस्टिवल
101वें तानसेन संगीत समारोह के दौरान मध्यप्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा विविध पर्यटन गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है. इस अवसर पर तानसेन समाधि स्थल परिसर में प्रात: 10 से सायं 7 बजे तक मध्यप्रदेश की कला एवं शिल्प का लाइव प्रदर्शन, शिल्पियों के स्टॉल का आयोजन होगा. वहीं, एमपीटी होटल तानसेन रेसीडेंसी से प्रात: 10 से सायं 5 बजे तक म्यूजिकल स्ट्रिंग्स ऑफ ग्वालियर, ज्वेल्स ऑफ द रेवाइन्स का आयोजन होगा. होटल तानसेन रेसीडेंसी से प्रात: 10 से सायं 6 बजे तक डे एक्सकर्शन टू द मिडीवल लैंड – ओरछा, प्रात: 6 से 10 बजे तक सनराइज टूर ऑफ ग्वालियर, प्रात: 10 से सायं 6 बजे तक ग्वालियर सिटी टूर, सायं 4 से 7 बजे तक सनसेट टूर ऑफ ग्वालियर और थीमैटिक फूड फेस्टिवल का आयोजन सायं 7 से 10 बजे तक आयोजित किया जा रहा है.
मुख्य समारोह में संगीत सभाएं
15 दिसम्बर, 2025
प्रातः 10 बजे
मजीद खाँ एवं साथी, शहनाई वादन
ढोली बुआ महाराज संत एवं सच्चिदानंदनाथ एवं साथी, हरिकथा
कामिल हजरत, ग्वालियर, मीलाद
सायं 6 बजे
विक्रम राणा, ग्वालियर, शंखनाद
माधव संगीत महाविद्यालय, ग्वालियर, ध्रुपद गायन
पण्डित तरूण भट्टाचार्य, कोलकाता, संतूर वादन
आभा-विभा चौरसिया, इंदौर, युगल गायन
पण्डित राजा काले, मुम्बई, गायन
16 दिसम्बर, 2025
प्रातः 10 बजे
भारतीय संगीत महाविद्यालय, ग्वालियर, ध्रुपद गायन
सुनील पावगी, ग्वालियर, हवाईन गिटार
रीतेश-रजनीश मिश्र, वाराणसी, युगल गायन
घनश्याम सिसौदिया, दिल्ली, सारंगी वादन
सायं 6 बजे
ध्रुपद केन्द्र, ग्वालियर, ध्रुपद गायन
पद्मविभूषण अमजद अली खान एवं अमान-आयान अली खान बंगस, मुम्बई, सरोद तिगलबंदी
रसिका गावड़े, इंदौर, गायन
पद्मश्री सुमित्रा गुहा, दिल्ली, गायन
17 दिसम्बर, 2025
प्रातः 10 बजे
राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय, ग्वालियर, ध्रुपद गायन
पण्डित नवीन गंधर्व, मुम्बई, बेलाबहार
पण्डित विनोद कुमार द्विवेदी एवं आयुष द्विवेदी, कानपुर, युगल गायन
डॉ. साधना देशमुख मोहिते, ग्वालियर, गायन
(विश्व संगीत) सिमोन मैटिएलो, रोम, बांसुरी
सायं 6 बजे
शारदानाथ मंदिर, ग्वालियर, ध्रुपद गायन
संजीव अभ्यंकर, पुणे, गायन
शैलेश भागवत, मुम्बई, शहनाई
अग्निमित्रा एवं साथी, भुवनेश्वर तबला, पखावज, वायलिन एवं बांसुरी
18 दिसम्बर, 2025
प्रातः 10 बजे
श्री साधना संगीत कला केन्द्र, ग्वालियर, ध्रुपद गायन
चेतन जोशी, दिल्ली, बांसुरी
डॉ. ॠषि मिश्रा, प्रयागराज, गायन
सारंग लासूरकर, ग्वालियर, तबला
आशीष विजय रानाडे, नासिक, गायन
सायं 6 बजे
शंकर गंधर्व महाविद्यालय, ग्वालियर, ध्रुपद गायन
डॉ. मैसूर-सुमंथ मंजूनाथ, कर्नाटक, वायलिन जुगलबंदी
कलापिनी कोमकली, देवास, गायन
पद्मश्री शिवनाथ-देवब्रत मिश्र, वाराणसी, सितार जुगलबंदी
बटेश्वर जिला, मुरैना, विशेष संगीत सभा, 18 दिसम्बर, 2025
प्रातः 10 बजे
सुधाकर देवले, उज्जैन, गायन
सुभाष देशपाण्डे, मुरैना, वायलिन
निर्भय सक्सेना, ग्वालियर (पुणे), गायन
19 दिसम्बर, 2025
प्रातः 10 बजे
बेहट, ग्वालियर
ध्रुपद केन्द्र , बेहट, ध्रुपद गायन
विशाल मोघे, ग्वालियर, गायन
मिलिन्द रायकर, मुम्बई, वायलिन
योगिनी ताम्बे, ग्वालियर, गायन
सायं 6 बजे
गूजरी महल, ग्वालियर
तानसेन संगीत महाविद्यालय, ग्वालियर, ध्रुपद गायन
डॉ. नलिनी जोशी, दिल्ली, गायन
संगीता अग्निहोत्री, इंदौर, तबला
उमा गर्ग, दिल्ली, गायन
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