Supreme Court: कांग्रेस MLA आरिफ मसूद को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत; HC के आदेश पर स्टे, जानिए पूरा मामला

MP News: सरकार ने अमन एजुकेशन सोसाइटी द्वारा संचालित इंदिरा प्रियदर्शिनी कॉलेज भोपाल की मान्यता नौ जून को रद्द कर दी थी, जिसे मसूद ने उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी. मसूद इस सोसाइटी के सचिव हैं.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
Supreme Court: कांग्रेस MLA आरिफ मसूद को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत; FIR की जांच पर स्टे, जानिए पूरा मामला

Supreme Court: कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से बड़ी राहत मिली है. सर्वोच्च न्यायालय ने हाई कोर्ट (MP High Court) के आदेश पर स्टे लगा दिया है. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट से इंदिरा प्रियदर्शनी कॉलेज के छात्रों को भी बड़ी राहत मिल गई है. कॉलेज में पढ़ रहे छात्र अपनी नियमित पढ़ाई भी करते रहेंगे. बीते दिन हाईकोर्ट ने आरिफ मसूद पर FIR दर्ज करने के आदेश दिए थे. कोर्ट के आदेश के आधार पर कोहेफिजा पुलिस ने FIR दर्ज की थी. सुप्रीम कोर्ट के स्टे के बाद आरिफ मसूद ने पोस्ट कर धन्यवाद दिया.

क्या है मामला?

मध्य प्रदेश में पुलिस अधिकारियों ने गुरुवार 21 अगस्त को तीन सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया, जो इन आरोपों की जांच करेगा कि कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद जाली दस्तावेजों के आधार पर एक कॉलेज का संचालन कर रहे हैं ताकि उनके संस्थान को मान्यता मिल सके. अधिकारियों ने बताया कि एसआईटी का नेतृत्व अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजी) दूरसंचार संजीव शमी करेंगे और छिंदवाड़ा रेंज के उप महानिरीक्षक कल्याण चक्रवर्ती और सहायक महानिरीक्षक (एआईजी) प्रशिक्षण निमिषा पांडे एसआईटी के अन्य सदस्य हैं.

सरकार ने अमन एजुकेशन सोसाइटी द्वारा संचालित इंदिरा प्रियदर्शिनी कॉलेज भोपाल की मान्यता नौ जून को रद्द कर दी थी, जिसे मसूद ने उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी. मसूद इस सोसाइटी के सचिव हैं.

विधायक द्वारा दायर याचिका की सुनवाई के दौरान मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा पारित एक निर्देश पर उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है.

पुलिस और हाई कोर्ट का क्या कहना है?

सहायक पुलिस आयुक्त अनिल बाजपेयी ने कहा कि कोहिफिजा पुलिस थाने में भारतीय दंड संहिता की धाराओं 420 (धोखाधड़ी) और 471 (फर्जी दस्तावेज का इस्तेमाल करना) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है. न्यायमूर्ति अतुल श्रीधरन और न्यायमूर्ति प्रदीप मित्तल की खंडपीठ ने जबलपुर में सोमवार को भोपाल पुलिस आयुक्त को तीन दिन के भीतर मसूद के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया था. अदालत ने कहा कि डीजीपी को मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल का गठन करना चाहिए.

Advertisement

यह भी पढ़ें : Online Gaming Bill 2025: फैंटेसी एप्स ने पैसे वाले खेलों पर लगाई रोक; ये गेम्स यूजर्स के लिए मौजूद रहेंगे

यह भी पढ़ें : Bravery: साहस को सलाम! सिंधिया ने निभाया वादा, 12 घंटे में ही Gift किया ट्रैक्टर; कहा- अब यह मेरा भी बेटा

Advertisement

यह भी पढ़ें : Online Gaming Bill 2025: फैंटेसी एप्स ने पैसे वाले खेलों पर लगाई रोक; ये गेम्स यूजर्स के लिए मौजूद रहेंगे

यह भी पढ़ें : Indore Fake Doctor: जान से खिलवाड़! इंदौर में नकली डॉक्टर के खिलाफ FIR, कलेक्टर का बड़ा एक्शन

Advertisement