ऑर्डर... ऑर्डर... MP में लोकायुक्त की नियुक्ति पर रोक लगाने से कोर्ट का इंकार, लेकिन दे दिया यह नोटिस

MP News: CJI ने कहा कि लोकायुक्त की नियुक्तियों में LOP यानी नेता प्रतिपक्ष से विचार-विमर्श को लेकर होने वाले मुद्दे हर राज्य में होंगे. साथ ही कोर्ट ने मध्यप्रदेश में लोकायुक्त की नियुक्ति से जुड़ी फाइल को पेश करने को कहा है.

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Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश में लोकायुक्त नियुक्ति को चुनौती देने के मामले में बड़ा अपडेट आया है. CJI डीवाई चंद्रचूड (Chief Justice of India Dhananjaya Yeshwant Chandrachud) की अध्यक्षता वाली बेंच ने फिलहाल लोकायुक्त की नियुक्ति पर रोक लगाने से इंकार कर दिया है. हालांकि CJI की अध्यक्षता वाली बेंच ने मध्यप्रदेश सरकार (Madhya Pradesh Government) को नोटिस जारी कर तीन हफ्ते मे जवाब दाखिल करने को कहा है. इस मामले में मध्य प्रदेश में सदन के नेता प्रतिपक्ष (Leader of The Opposition) उमंग सिंघार (Umang Singhar) ने सुप्रीम कोर्ट मे याचिका दाखिल कर मध्यप्रदेश लोकायुक्त की नियुक्ति में LOP (नेता प्रतिपक्ष) से विचार विमर्श के तारीके पर सवाल उठाते हुए चुनौती दी थी.

पहले सुनिए नेता प्रतिपक्ष ने क्या कहा था?

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नेता प्रतिपक्ष (Leader of The Opposition) उमंग सिंघार ने कहा था कि लोकायुक्त एक महत्वपूर्ण पद है. इस की नियुक्ति में असंवैधानिक (Unconstitutional) प्रक्रिया अपनाई गई है. तत्काल लोकायुक्त की नियुक्ति समारोह को रोका जाए एवं नियुक्ति की संवैधानिक प्रक्रिया अपनाई जाए. सरकार द्वारा उठाया गया यह कदम असंवैधानिक है. मेरा मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री (Chief Minister of Madhya Pradesh) डॉ मोहन यादव (CM Mohan Yadav) जी से अनुरोध है कि इस नियुक्ति को तत्काल रोका जाए.
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10 मार्च को राजभवन में मध्यप्रदेश के नवनियुक्त लोकायुक्त न्यायमूर्ति सत्येन्द्र कुमार सिंह का शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया गया था.

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वहीं एक अन्य सोशल मीडिया पोस्ट में नेता प्रतिपक्ष ने कहा था कि मध्य प्रदेश लोकायुक्त की नियुक्ति पूरी तरह असंवैधानिक है. प्रदेश की भाजपा सरकार अब केंद्र की भाजपा सरकार की तरह तानाशाही रवैया अपना चुकी है. मध्य प्रदेश से भाजपा सरकार द्वारा संविधान बदलने की प्रक्रिया प्रारम्भ कर दी गई है. मैं इसकी घोर निन्दा करता हूं. लोकआयुक्त की नियुक्ति में असंवैधानिक प्रक्रिया अपनाई गई है. तत्काल लोकआयुक्त की नियुक्ति समारोह को रोका जाए एवं नियुक्ति की संवैधानिक प्रक्रिया अपनाई जाए.

अब जानिए सुप्रीम कोर्ट ने क्या है? 

CJI ने कहा कि लोकायुक्त की नियुक्तियों में LOP यानी नेता प्रतिपक्ष से विचार-विमर्श को लेकर होने वाले मुद्दे हर राज्य में होंगे.

⁠ऐसे में एक गाइड लाइन होनी चाहिए. ⁠इसलिए हम इस मामले पर सुनवाई करेंगे. इस मामले पर अनुच्छेद 32 के तहत सुप्रीम कोर्ट की बजाय अनुच्छेद 226 के तहत हाईकोर्ट में सुनवाई की जानी चाहिए. साथ ही कोर्ट ने मध्यप्रदेश में लोकायुक्त की नियुक्ति से जुड़ी फाइल को पेश करने को कहा है.

कोर्ट ने मामले पर तीन हफ्ते बाद सोमवार या शुक्रवार को सुनवाई सूचीबद्ध करने का आदेश जारी किया.

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