Supreme Court की फटकार! दो पत्रकारों से मारपीट पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई को राजी, जानिए क्या है मामला

Supreme Court: उच्च न्यायालय ने दिल्ली पुलिस को मध्य प्रदेश निवासी और ‘स्वराज एक्सप्रेस' समाचार चैनल के भिंड ब्यूरो प्रमुख चौहान को दो महीने तक सुरक्षा देने का निर्देश दिया था. इसी मामले में अब कोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा है. जानिए क्या है मामला?

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Supreme Court: पत्रकारों से मारपीट के मामले में सुप्रीम कोर्ट सख्त, सरकार से मांगा जवाब

Supreme Court Hearing: उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने बुधवार को मध्य प्रदेश सरकार (Madhya Pradesh Government) से उन दो पत्रकारों की याचिका पर जवाब मांगा, जिन्होंने आरोप लगाया है कि रेत माफिया पर रिपोर्टिंग करने के कारण राज्य के एक थाने में उनके साथ मारपीट की गई. न्यायमूर्ति संजय करोल और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने पत्रकार शशिकांत गोयल और अमरकांत सिंह चौहान द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के लिए सहमति व्यक्त की और मध्य प्रदेश को नोटिस जारी कर जवाब मांगा.

किसने क्या कहा?

याचिकाकर्ताओं की ओर से उपस्थित वकील ने पीठ से आग्रह किया कि याचिकाकर्ताओं को गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण प्रदान किया जाए. पीठ ने कहा, 'दूसरे पक्ष को जवाब देने दीजिए. राज्य को भी तथ्य पेश करने दीजिए.' उसने याचिका पर नोटिस जारी किया और इसे नौ जून को सुनवाई के लिए तय किया है.

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दिल्ली उच्च न्यायालय ने 28 मई को चौहान को सुरक्षा प्रदान की थी. उन्होंने दावा किया था कि भिंड के पुलिस अधीक्षक से उनकी जान को खतरा है.

उच्च न्यायालय ने दिल्ली पुलिस को मध्य प्रदेश निवासी और ‘स्वराज एक्सप्रेस' समाचार चैनल के भिंड ब्यूरो प्रमुख चौहान को दो महीने तक सुरक्षा देने का निर्देश दिया था.

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क्या है मामला?

पिछले महीने भिंड जिले के तीन पत्रकारों ने आरोप लगाया था कि पुलिस अधीक्षक के कार्यालय के अंदर उनके साथ मारपीट की गई या उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया, हालांकि पुलिस अधिकारी ने इस आरोप से इनकार किया था.

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यूट्यूब चैनल चलाने वाले प्रीतम सिंह राजावत, समाचार पोर्टल चलाने वाले गोयल और एक समाचार चैनल के लिए काम करने वाले चौहान ने जिला कलेक्टर को सौंपी शिकायत में आरोप लगाया कि एक मई को उनके साथ मारपीट की गई.

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