
Krishna Janmashtami 2025: मध्यप्रदेश केवल भारत का भौगोलिक हृदय नहीं, बल्कि आध्यात्मिक और सांस्कृतिक धरोहरों का केन्द्र भी है. यहाँ हर कोने में देवालय, तीर्थ और पौराणिक कथाओं से जुड़े स्थल मौजूद हैं. यह वह भूमि है जहां वनवास के दौरान भगवान श्रीराम के श्रीचरण पड़े और अधिकांश समय उन्होंने यहीं बिताया. इस ही भूमि पर भगवान श्रीकृष्ण को ज्ञान प्राप्त हुआ, जहां उन्होंने 14 विद्या और 64 कलाएं अपने गुरु सांदीपनि से सीखीं. 12 ज्योतिर्लिंगों में से दो प्रमुख महाकालेश्वर और ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग भी यहीं विराजमान हैं. बलराम जी एवं भगवान श्रीकृष्ण से सम्बन्धित स्थल एवं प्रमुख मंदिरों व स्थानों के ऐतिहासिक-सांस्कृतिक महत्व को बताते हुए मध्यप्रदेश संस्कृति विभाग द्वारा बलराम जयंती (14 अगस्त 2025) एवं श्रीकृष्ण जन्माष्टमी (16 अगस्त 2025) के पावन अवसर पर ''श्रीकृष्ण पर्व : हलधर महोत्सव एवं लीलाधारी का प्रकटोत्सव'' का आयोजन किया जा रहा है. इस बारे में संस्कृति विभाग के संचालक एनपी नामदेव और मुख्यमंत्री के संस्कृति सलाहकार श्रीराम तिवारी ने संबोधित किया.
"श्रीकृष्ण पर्व के साथ मध्यप्रदेश में होगी आनंद की वर्षा"
— Chief Minister, MP (@CMMadhyaPradesh) August 12, 2025
माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की प्रेरणा एवं मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जी के नेतृत्व में मध्यप्रदेश को धार्मिक पर्यटन का केंद्र बनाने और हमारी संस्कृति से नई पीढ़ी को जोड़ने के लिए हो रहे नित नए प्रयास।
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CM हाउस पर पधारेंगे 1000 से अधिक बाल गोपाल
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर मुख्य कार्यक्रम मुख्यमंत्री के निवास (CM House) पर दोपहर 2 बजे से आयोजित होगा. जिसमें 1000 से अधिक बाल गोपाल श्रीकृष्ण की वेशभूषा में अपने परिजनों के साथ शामिल होंगे. इस अवसर पर इस्कॉन मंदिर के माध्यम से गोपाल कृष्ण का अभिषेक होगा. मुख्यमंत्रीजी द्वारा पधारे मान्य अतिथिगण और सहभागीगण तथा उनके साथ बाल गोपालों को माखन मिश्री, लड्डू गोपाल का विग्रह एवं हर घर गोकुल, घर घर गोपाल प्लेकार्डस तथा मोरपंख भेंट किये जायेंगे.
मध्य प्रदेश के 3000 से ज्यादा मंदिरों में मनाया जाएगा श्री कृष्ण पर्व, ऐसी हैं तैयरियां#krishnajanmashtami | #MadhyaPradesh pic.twitter.com/69YlOrVt4I
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3000 से ज्यादा मंदिरों में होंगे धार्मिक कार्यक्रम : श्री राम तिवारी
श्रीराम तिवारी ने बताया कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के मार्गदर्शन में आयोजित यह पर्व न केवल भक्ति और आध्यात्मिकता का उत्सव होगा, बल्कि मध्यप्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को भी प्रदर्शित करेगा. मंदिरों में मटकी-फोड़, रास-लीला, भजन संध्या के साथ 3000 से अधिक मंदिरों में साज-सज्जा, श्रृंगार प्रतियोगिता का आयोजन महत्वपूर्ण होगा. मंदिरों में अनुपम श्रृंगार के लिए 1.50 लाख रुपये के तीन, 1.00 लाख रुपये के लिए पाँच और 51 हजार रुपये के सात पुरस्कारों का वितरण शामिल है. प्रदेश के सभी होटलों में जन्माष्टमी मनाये जाने की अनोखी पहल भी की जा रही है. इसी के साथ प्रदेश में समय-समय पर गीता भवनों की स्थापना के लिए भूमिपूजन मुख्यमंत्री द्वारा किया जायेगा.

Janmashtami: श्री कृष्ण पर्व की जानकारी देते हुए श्रीराम तिवारी
1000 से अधिक कलाकारों की प्रस्तुतियां
संस्कृति विभाग के संचालक एनपी नामदेव ने बताया कि "भगवान श्रीकृष्ण के पहले इस धरा पर श्री बलराम आभिरभूत हुए हैं. श्री बलराम के साथ परंपरा ने हल को जोड़कर कृषि की व्यवस्थित संस्कृति का सूत्रपात किया है. भगवान श्रीकृष्ण की गौ-पालक की भूमिका व्यवस्थित कृषि संस्कृति का विकास माना जाता है. उत्पादन तो पहले भी हो रहा था, लोग जीविकोपार्जन का कार्य कर रहे थे, लेकिन वह व्यवस्थित नहीं था. यानि कृषि का यह अर्थ है कि सबके लिए मूलभूत जरूरतें सभी की पूरी हो सकें, जिससे अंतरण की व्यवस्था बन सके."
उन्होंने बताया कि इसी बात को आधार मानते हुए बलराम जयंती एवं श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर प्रदेश के 3000 से अधिक श्रीकृष्ण मंदिरों में विविध धार्मिक अनुष्ठान और 100 से अधिक प्रमुख स्थलों पर 155 से अधिक सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होंगे. इन कार्यक्रमों में 1000 से अधिक कलाकार अपनी सुमधुर प्रस्तुतियों से श्रीकृष्ण भक्ति संगीत, भजन, कीर्तन करेंगे.
सांदीपनी आश्रम में तीन दिवसीय कार्यक्रम
संचालक, संस्कृति ने बताया कि भगवान श्रीकृष्ण को उज्जैन में ज्ञान की प्राप्ति हुई, वहां स्थित सांदीपनी आश्रम में 16 से 18 अगस्त, 2025 तक सायं 7 बजे से ‘'श्रीकृष्ण पर्व'' का आयोजन किया जा रहा है. जिसमें पहले दिन विशाला सांस्कृतिक संस्थान, उज्जैन के कलाकारों द्वारा श्रीकृष्ण लीला, श्री अनुपम वानखेड़े, इंदौर द्वारा बांसुरी वादन एवं सुश्री स्वाति उखले, उज्जैन द्वारा भक्ति गायन की प्रस्तुति दी जायेगी. कार्यक्रम के दूसरे दिन 17 अगस्त को श्री अक्षय खरे, पन्ना द्वारा बरेदी लोकनृत्य, सुश्री कृष्णा वर्मा, उज्जैन द्वारा भक्ति गायन एवं विशाला सांस्कृतिक संस्थान उज्जैन द्वारा श्रीकृष्ण लीला की प्रस्तुति दी जायेगी. अंतिम दिन 18 अगस्त को श्री अविनाश धुर्वे, बैतूल द्वारा ठाठ्या लोकनृत्य, श्री रामचन्द्र गांगोलिया, उज्जैन द्वारा भक्ति गायन एवं विशाला सांस्कृतिक संस्थान, उज्जैन द्वारा श्रीकृष्ण लीला की प्रस्तुति दी जायेगी.
नारायणा धाम में बहेगी भक्ति संगीत की सरिता
उज्जैन स्थित नारायणा के नारायणा धाम मंदिर प्रांगण में 14 से 18 अगस्त, 2025 तक श्रीकृष्ण पर्व का आयोजन किया जा रहा है. वहीं श्री राधा कृष्ण मंदिर परिसर, महिदपुर (उज्जैन) में 14 से 16 अगस्त, 2025 तक भक्ति गायन की प्रस्तुति दी जाएगी. साथ ही गोपाल मंदिर, उज्जैन में 16 अगस्त, 2025 को मटकी लोकनृत्य की प्रस्तुति होगी.
अमझेरा और जानापाव में भी श्रीकृष्ण पर्व
भगवान परशुराम द्वारा श्रीकृष्ण को जानापाव में सुदर्शन चक्र प्रदान किया गया था. इस स्थान पर 16 अगस्त, 2025 को सायं 7 बजे से भक्ति गायन की प्रस्तुतियां दी जावेंगी. जहां भगवान श्रीकृष्ण ने माता रुक्मिणी का हरण किया वह स्थान धार जिले का अमझेरा है. अमझेरा के थाना परिसर के पीछे में 16 एवं 17 अगस्त, 2025 को सायं 7 बजे से दो दिवसीय श्रीकृष्ण पर्व का आयोजन संस्कृति विभाग द्वारा किया जा रहा है.
पन्ना के प्राचीन मंदिरों में होगा आयोजन
श्री बलदेवजी मंदिर परिसर, पन्ना में 14 अगस्त, 2025 को भक्ति गायन की प्रस्तुति दी जायेगी. साथ ही जुगल किशोर मंदिर प्रांगण, पन्ना में 16 अगस्त, 2025 को सायं 7 बजे से लोकनृत्य और भक्ति गायन की प्रस्तुति दी जाएगी.
तीन स्थानों पर एक दिवसीय श्रीकृष्ण पर्व
एक दिवसीय श्रीकृष्ण पर्व के अंतर्गत प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस, दमोह में 16 अगस्त, 2025 को सायं 7 बजे से विविधा कला एवं सांस्कृतिक समिति द्वारा श्रीकृष्ण नृत्य नाटिका की प्रस्तुतियां होंगी. श्रीराधा-कृष्ण मंदिर, खातेगांव (देवास) में भक्ति गायन की प्रस्तुति होगी. कृष्णा राजकपूर ऑडिटोरियम, रीवा में भक्ति गायन गायन की प्रस्तुति होगी.
मण्डला में हलधर लीला की बिखरेगी छटा
श्रीकृष्ण पर्व के अंतर्गत प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस, मण्डला में 14 अगस्त, 2025 को हलधर लीला प्रस्तुति और भक्ति गायन की सुमधुर प्रस्तुति देंगी. 16 अगस्त, 2025 को महिष्मति घाट, मण्डला में छतरपुर के रवि अहिरवार बधाई और बरेदी लोकनृत्य, भोपाल की डॉ. श्यामा पंडित “श्रीकृष्ण नृत्य नाटिका”, सिवनी से भक्ति गायन की प्रस्तुति होगी.
उमरिया में श्रीकृष्ण नृत्य नाटिका में द्वापर की अनुभूति
संस्कृति विभाग द्वारा देवी बिरासनी क्रिकेट स्टेडियम (एसईसीएल ग्राउंड), पाली (उमरिया) में 14 से 16 अगस्त, 2025 तक ‘'श्रीकृष्ण पर्व'' का आयोजन किया जायेगा. वहीं श्रीकृष्ण पर्व के अंतर्गत मानस भवन सभागार, शहडोल में 14, 15 और 16 अगस्त, 2025 को नृत्य नाटिका और भक्ति गायन की प्रस्तुति होगी.
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