
सिंगरौली मध्यप्रदेश के खजाने में राजस्व का योगदान देने के मामले में दूसरे नंबर पर है लेकिन यहां के कई इलाकों में लोगों को बुनियादी सुविधाएं तक उपलब्ध नहीं हैं. जिला मुख्यालय से महज 90 किलोमीटर दूर देवसर जनपद के पापल ग्राम पंचायत की हालत इसकी गवाही देता है. यहां गांव के मासूम बच्चे कीचड़ से भरी सड़क को पार कर स्कूल जाने को मजबूर हैं. इस दौरान कई बार वे चोटिल भी हो जाते हैं. बारिश के दिनों में आप कभी भी गांव चले जाइए. आपको बच्चे कंधे पर बैग और हाथ में जूते-चप्पल लिए कीचड़ भरे रास्ते से स्कूल जाते दिख जाएंगे. इन कीचड़ भरे रास्तों की गांव वालों ने कई बार कलेक्टर तक शिकायत की लेकिन उन्हें आश्वासन के अलावा कुछ भी नहीं मिला.
खाट पर मरीजों को ले जाना पड़ता है अस्पताल
गांव वालों का कहना है कि इन रास्तों पर बाइक से निकल पाना भी बेहद मुश्किल है. थोड़ी सी बारिश होते ही पूरी सड़क तालाब में तब्दील हो जाती है. वहीं, अक्सर छात्र गिरकर जख्मी हो जाते हैं और उनकी ड्रेस खराब हो जाती है, क्योंकि ये स्कूल में जाने के लिए यह मुख्य सड़क है. गांव में यदि कोई बीमार हो जाता है तो उसे खाट पर लेकर अस्पताल पहुंचाना पड़ता है. पापल गाँव के ग्रामीणों ने कई बार गाँव के प्रधान से लेकर जिला कलेक्टर तक को सड़क की समस्या को लेकर शिकायत की है. लेकिन अभी तक इस पर कोई एक्शन नहीं लिया गया. हालांकि सिंगरौली के डीएम से जब NDTV ने बात की तो उन्होंने कहा कि ये मामला उनके संज्ञान में है और जल्द ही इस मामले में कोई ठोस फैसला लिया जाएगा.