
Simhastha 2028 Ujjain: मध्य प्रदेश के उज्जैन में सिंहस्थ निर्माण कार्य अब घटिया नहीं हो सकेंगे. वजह गुणवत्ता पूर्ण कार्य के लिए इसका निरीक्षण लोकायुक्त पेटर्न पर शूरू किया गया है, जिसमें बाहरी अधिकारी निर्माण स्थल का माह में दो बार आकस्मिक निरीक्षण कर सामग्री का सैंपल लेगे. जिसकी टेस्ट रिपोर्ट के आधार पर आगे का निर्माण तय होगा.
सिंहस्थ के निर्माण कार्यों में धांधली पर लगेगी रोक
हर बार सिंहस्थ के निर्माण कार्य में घटिया होने के आरोप लगते हैं. अब सिंहस्थ 2028 को करीब ढाई साल बचे हैं और करीब 10 हजार करोड़ रुपये से अधिक के निर्माण कार्य चल रहे है. ऐसे में निर्माण कार्य मापदंड अनुसार हो इसके लिए कलेक्टर रोशन सिंह ने नयी गाइड लाइन बना दी. इसके अनुसार सिंहस्थ के निर्माण कार्यो की गुणवत्ता परखने के लिए देवास शाजापुर रतलाम नीमच ओर आगर के किसी इंजीनियर को कार्य सौंपा जाएगा. वह चल रहे कार्यो का महीने में दो बार सैंपल लेकर अपने लेब में गुणवत्ता परखेंगे. रैंडम आधार पर निरीक्षण कर गुणवत्ता की रिपोर्ट सिंहस्थ पीएमआईएस पोर्टल पर रिपोर्ट सबमिट करेंगे.
ऐसे होगी लोकायुक्त पैटर्न पर जांच
कलेक्टर सिंह ने बताया कि निर्माण कार्य करवाने वाले ठेकदार,अधिकारियों को पता नहीं होगा कि कौन से जिले से कौन अधिकारी जांच करने आएगा? वहीं अधिकारी को भी निरीक्षण पर जाने से मात्र 2 घंटे पहले बंद लिफाफा मिलेगा, जिसमें निर्माण स्थल का नाम और कार्य की सूचना होगी. इस तरह से गड़बड़ी की संभावना नहीं रहेगी और कार्यों की गुणवत्ता का स्तर सुधरेगा. सर्वविदित हैं कि लोकायुक्त, ईओडब्ल्यू में भी ट्रैप या छापे की खबर टीम तक को नहीं होती.
गुणवत्ता परखने के लिए आएंगे इंजीनियर
कलेक्टर सिंह रोशन कुमार सिंह ने बताया कि निर्माण कार्य की जांच के लिए संभाग के अन्य जिले के इंजीनियर, एई और ईई को रेंडम कार्य असाइन करेंगे. हर माह के 10 और 25 तारीख को गुणवत्ता परखने के लिए इंजीनियर को बुलाया जाएगा. वो तय निर्माण का सैंपल लेकर अपने लैब में टेस्ट करके रिपोर्ट देंगे. इसकी शुरुआत वाकणकर ब्रिज, मंछामन रोड पीडब्लूडी की सड़क और शिप्रा नदी पर बन रहे 29 किमी के घाट का सैंपल लेकर कर दी. अब इंजीनियर अगले माह 10 और 25 तारीख को फिर कार्य चेक करने आएंगे.