New Labour Laws: केंद्र सरकार ने शुक्रवार से 4 नए लेबर कोड लागू कर दिए हैं. इन नए नियमों से देश के 40 करोड़ से ज्यादा वर्कर्स को मिनिमम वेतन, ग्रेच्युटी और सोशल सिक्योरिटी जैसी सुविधाओं की गारंटी मिलेगी. इन नए नियमों का मकसद हर कामगार को समय पर वेतन, सोशल सिक्योरिटी, महिलाओं को बराबर मौका और बराबर सैलरी देना शामिल है. नए श्रम कानूनों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि ये कानून हमारे श्रमिकों को और सशक्त बनाते हैं. प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया, 'आज हमारी सरकार ने चार श्रम संहिताओं को लागू कर दिया है. यह आजादी के बाद से सबसे व्यापक और प्रगतिशील श्रम-उन्मुख सुधारों में से एक है. यह हमारे श्रमिकों को अत्यधिक सशक्त बनाता है. यह अनुपालन को भी काफी सरल बनाता है और 'व्यापार करने में आसानी' को बढ़ावा देता है.'
नए कानून के प्रमुख बिंदु
केंद्र सरकार ने शुक्रवार को अपने एक ऐतिहासिक फैसले में चार नए लेबर कोड तुरंत प्रभाव से लागू करने की घोषणा की है. इनके जरिए 29 मौजूदा श्रम कानूनों को तर्कसंगत बनाया गया है. ये चार लेबर कोड - वेतन संहिता 2019, औद्योगिक संबंध संहिता 2020, सामाजिक सुरक्षा संहिता 2020 और व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं कार्य दशाएं संहिता 2020 हैं.
- अब सिर्फ एक साल में मिलेगी ग्रेच्युईटी
- 40 साल से ऊपर के श्रमिकों के लिए सालाना फ्री हेल्थ चेक
- ओवरटाइम पर डबल सैलरी
- जोखिम भरे काम करने वालों को 100% हेल्थ सिक्योरिटी
- कर्मचारियों के PF, ESIC और ग्रेच्युटी नियमों में बड़ा बदलाव आएगा
Shramev Jayate!
— Narendra Modi (@narendramodi) November 21, 2025
Today, our Government has given effect to the Four Labour Codes. It is one of the most comprehensive and progressive labour-oriented reforms since Independence. It greatly empowers our workers. It also significantly simplifies compliance and promotes ‘Ease of…
श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा: PM मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि ये संहिताएं सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा, न्यूनतम और समय पर मजदूरी भुगतान, सुरक्षित कार्यस्थल और हमारे लोगों, विशेषकर नारी और युवा शक्ति को लाभकारी अवसर देने के लिए एक मजबूत आधार के रूप में काम करेंगी.
वहीं श्रम और रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने एक्स पर बताया कि आज से देश में नई श्रम संहिताएं लागू हो गई हैं, जिसमें सभी कामगारों को समय से न्यूनतम वेतन की गारंटी, युवाओं को नियुक्ति पत्र की गारंटी, महिलाओं को समान वेतन और सम्मान की गारंटी, 40 करोड़ श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा की गारंटी, फिक्स्ड टर्म एम्प्लॉइज को एक साल बाद ग्रेच्युटी की गारंटी, 40 साल से अधिक आयु वाले श्रमिकों को सालाना मुफ्त हेल्थ चेकअप की गारंटी, ओवरटाइम करने पर दोगुने वेतन की गारंटी, जोखिम भरे क्षेत्रों के कामगारों को 100 प्रतिशत हेल्थ सिक्योरिटी की गारंटी, इंटरनेशनल मानकों के मुताबिक श्रमिकों को सामाजिक न्याय की गारंटी जैसी सुविधाएं हैं.
उन्होंने यह भी लिखा कि यह सुधार सिर्फ बदलाव भर नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा श्रमवीरों के कल्याण के लिए लिया गया एक ऐतिहासिक निर्णय है. ये नए श्रम सुधार आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं और विकसित भारत 2047 के लक्ष्य को नई गति प्रदान करेंगे.
आजादी के वक्त के थे कई श्रम कानून: श्रम मंत्रालय
मंत्रालय ने कहा कि भारत के कई श्रम कानून आजादी से पहले और आजादी के शुरुआती दौर (1930 से 1950 के दशक तक) में बनाए गए थे. उस समय अर्थव्यवस्था और कार्य जगत बहुत अलग थे. बयान में आगे कहा गया कि अधिकांश बड़ी अर्थव्यवस्थाओं ने हाल के दशकों में अपने श्रम नियमन को समय के अनुसार बदला है, लेकिन भारत 29 केंद्रीय श्रम कानूनों में बिखरे हुए खंडित, जटिल और पुराने प्रावधानों के साथ काम रहा था.
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