Tiranga Yatra: शिवराज सिंह चौहान का स्वदेशी मार्च, PoK से लेकर ट्रंप टैरिफ तक केंद्रीय कृषि मंत्री ने ये कहा

Shivraj Singh Chouhan Tiranga Yatra: केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने संसदीय क्षेत्र विदिशा-रायसेन में तिरंगा-स्वदेशी मार्च निकाला, स्वयं सहायता समूह की बहनों के साथ रक्षाबंधन मनाया.

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Shivraj Singh Chouhan Tiranga Yatra: शिवराज सिंह चौहान की तिरंगा यात्रा स्वदेशी मार्च

Shivraj Singh Chouhan Tiranga Yatra: केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को अपने संसदीय क्षेत्र विदिशा-रायसेन में तिरंगा यात्रा और स्वदेशी मार्च निकाला. वहीं शिवराज सिंह ने यात्रा से पहले विदिशा में स्वयं-सहायता समूह की बहनों के साथ रक्षाबंधन भी मनाया. तिरंगा यात्रा और स्वदेशी मार्च विदिशा के माधवगंज चौराहे से प्रारंभ होकर रायसेन के महामाया चौक पर समाप्त हुई. इस बीच अलग-अलग स्थानों पर आमजन ने केन्द्रीय मंत्री शिवराज का भव्य स्वागत किया. साथ ही शिवराज सिंह ने भी आम जनता से स्वतंत्रता दिवस पर अपने-अपने घरों पर झंडा फहराने की अपील की और स्वदेशी अपनाने का संकल्प दिलाया. इस दौरान शिवराज सिंह ने कहा कि, हमारा राष्ट्रध्वज देश का गौरव और सम्मान है. तिरंगे को हाथ में लेकर ही आजादी की लड़ाई में लाखों लोगों ने देश की स्वतंत्रता के लिए अपनी कुर्बानियां दी हैं और अब फिर स्वतंत्रता दिवस आ रहा है, हमारा राष्ट्रीय पर्व. बहनों और भाइयों अपने राष्ट्रीय पर्व को हम धूमधाम से मनाएं और अपने घर भी तिरंगा फहराएं. इस दौरान केंद्रीय कृषि मंत्री से NDTV ने विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की.

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सिंधु जल समझौते पर क्या कहा?

NDTV से बात करते हुए केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सिंधु जल समझौते और पाकिस्तान की धमकी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि "कांग्रेस ने देश के साथ बेईमानी की थी, पंडित नेहरू जी ने भी बेईमानी की, हमारी सिंधु, झेलम, चिनाब का 80% पानी पाकिस्तान को दे दिया, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी जी ने कह दिया- पानी और खून एक साथ बह नहीं सकते, वो सिंधु जल समझौता रद्द कर दिया.

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नेहरू जी ने पानी दिया और पैसे भी दिए, नहरें पाकिस्तान में बने और वहां से आतंकवादी आएं और हमारे निर्दोष नागरिकों की पहलगाम में हत्या करें और तब मोदी जी ने कहा-दुनिया के दूसरे छोर तक भी आतंकवादियों पीछा करेंगे और ऐसी सजा देंगे कि दुनिया याद रखेगी. हमने आतंक के अड्डे सटीक निशाना लगाकर खंडहर में बदल दिए, उन्होंने हमारे 26 निर्दोष नागरिकों को मारा, हमने आतंक के आकाओं की लाशों के ढेर पाकिस्तान में लगा दिए और पाकिस्तान की हिमाकत का जवाब दिया. ऑपरेशन सिंदूर के बाद ऑपरेशन महादेव भी कर दिया. ये आज का भारत है, जो दुनिया की आंखों में आंखें मिलाकर बात करता है. अभी पड़ोसी देश गीदड़ भपकियां दे रहा है, भारत किसी भी गीदड़ भपकी से डरने वाला नहीं है सिंधु जल समझौता रद्द हो गया है, हमारा पानी हमारे किसानों के काम आएगा. वहीं शिवराज सिंह ने कहा कि, सिंधु जल समझौता अब मुद्दा नहीं है, मुद्दा है पाक ऑक्युपाइड कश्मीर, वो हमारा है और हमारा ही होगा."

अमेरिका के साथ ट्रेड और टैरिफ पर शिवराज सिंह ने कहा कि "राष्ट्रहित सर्वोपरि है. भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है. हमारी अर्थव्यवस्था दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. हम जल्द ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देश बनेंगे. शायद कुछ लोगों को यह पसंद नहीं आया इसलिए उनको तकलीफ हो रही है. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है राष्ट्रहित सर्वोपरि है. कोई दूसरा देश हमको नुकसान न पहुँचा पाए इसको लेकर हम सचेत हैं. आज किसान प्रसन्न हैं, प्रधानमंत्री ने खुद कहा भारत के किसानों के हितों के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा. प्रधानमंत्री के साथ किसान खड़े हो गए हैं."

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एक बार फिर केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि "नकली खाद बीज बेचने वालों को छोड़ा नहीं जाएगा."

शिवराज ने दिलाया स्वदेशी अपनाने का संकल्प

केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तिरंगा यात्रा, स्वदेशी मार्च और स्वयं-सहायता समूह की बहनों के साथ रक्षाबंधन कार्यक्रम में बहनों और आमजन को स्वदेशी अपनाने का संकल्प दिलाया. इस दौरान शिवराज सिंह ने कहा कि, हम सभी ये संकल्प लेंगे कि हम जो भी चीज, जिसकी ज़रूरत हमारी ज़िंदगी में है, वो अपने देश में ही बनी खरीदेंगे. या फिर हमारी के सेल्फ हेल्प ग्रुप में बनी हुई चीजें ही खरीदें. हमारे आस-पास जो भी स्थानीय चीज़ें बनती हैं वो खरीदें, देश और प्रदेश में जो चीज़ बनती है वो खरीदें. हम विदेशी नहीं खरीदेंगे, ताकि हमारे देश के लोगों को रोज़गार मिले. देश की अर्थव्यवस्था मजबूत हो. अपनी ही चीज़ें खरीदो, विदेशी क्यों खरीदना. और इसलिए प्रधानमंत्री श्रीमान नरेन्द्र मोदी जी ने स्वदेशी अपनाने का आह्वान किया है. मैं, और आप भी अपने घर में जो भी चीज़ आएगी चाहे वो खाने की हो, पहनने की, तेल, साबुन, शैम्पू, कुछ भी चीज़ हो. हम अपने देश में बनी चीज़ ही खरीदेंगे. शिवराज सिंह ने संकल्प दिलाते हुए कहा कि, मैं कहूँगा आप दोहराना.. मैं संकल्प लेता हूँ कि, अपने जीवन में उपयोग आने वाली वस्तुएँ, अपने देश में बनी ही खरीदूँगा. आस-पास और परिवार और गाँव में सभी को अपने देश में बनी चीज़ें खरीदने के लिए प्रेरित करूँगा.

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झण्डा ऊंचा रहे हमारा, विजयी विश्व तिरंगा प्यारा

केन्द्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि, हमारा मान तिरंगा, हमारी शान तिरंगा, हमारा अभिमान तिरंगा. झण्डा ऊंचा रहे हमारा, विजयी विश्व तिरंगा प्यारा. इसकी शान न जाने पाए, चाहे जान भले ही जाए. ये उद्घोष करते हुए लाखों क्रांतिकारी हँसते-हँसते शहिद हो गए. ये वो तिरंगा है अगर अंग्रेज गोली चलाते थे, तो गोलियों के बौछार से सीना छलनी हो जाता.

तिरंगा पकड़े क्रांतिकारी, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, और गिरते थे तो गिरते-गिरते दूसरा व्यक्ति तिरंगा थाम लेता था और सीने पर गोलियाँ खाता था. अंग्रेजों ने ये आजादी चाँदी की तस्तरी में रखकर भेंट नहीं की है. हजारों क्रांतिकारी साथी हँसते-हँसते फाँसी के फंदों पर झूल गए थे. जब फाँसी के फंदे चूमने जाते थे, पाँव नहीं काँपते थे, कलेजा नहीं हिलता था. उनके एक हाथ में गीता होती थी, उनके मुंह से "भारत माता की जय" के उद्घोष होते थे और वो भगवान से प्रार्थना करते थे भगवान, मरने के बाद हमें इसी भारत भूमि पर जन्म देना ताकि जब तक पैदा होते रहें, मरते रहें, जब तक ये देश स्वतंत्र न हो जाए, भारत माँ आजाद न हो जाए. वहीं शिवराज सिंह ने कहा कि, आजादी के बाद हमें आजादी का इतिहास गलत पढ़ाया गया. जब कांग्रेस की सरकार आई तो बच्चों को पढ़ाया गया कि, देश को आजादी केवल महात्मा गांधी जी ने, नेहरू जी ने, इंदिरा गांधी जी ने दिलाई है. महात्मा गांधी जी को बारंबार प्रणाम करता हूं, उनका योगदान दुनिया को नहीं भूलना चाहिए, लेकिन आजादी के क्रांतिकारियों को भूल गए, आज उनको प्रणाम करने का समय है.

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