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माधव नेशनल पार्क टाइगर रिजर्व में वैध खेती कर रहे 24 परिवारों के सदस्यों ने प्रधानमंत्री से मांगी इच्छा मृत्यु , ये है वजह 

MP News:शिवपुरी के माधव नेशनल पार्क टाइगर रिजर्व में वैध खेती कर रहे 24 परिवारों के वयस्क सदस्यों ने प्रधानमंत्री से इच्छा मृत्यु मांगी है. आइए जानते हैं पूरा मामला आखिर क्या है?

माधव नेशनल पार्क टाइगर रिजर्व में वैध खेती कर रहे 24 परिवारों के सदस्यों ने प्रधानमंत्री से मांगी इच्छा मृत्यु , ये है वजह 

Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले के माधव नेशनल पार्क टाइगर रिजर्व में वैध खेती कर रहे 24 परिवारों के वयस्क सदस्यों ने एक साथ प्रधानमंत्री को शिकायती आवेदन देकर 11 साल से लंबित अपने मुआवजे की मांग करते हुए इच्छा मृत्यु देने को कहा है. ग्रामीणों की इस शिकायत से वन प्रशासन के हाथ- पैर फूल गए हैं. 

11 साल से अटका है मामला 

ग्रामीणों ने लोक शिकायत पोर्टल पर यह शिकायत दर्ज करते हुए प्रधानमंत्री को संबोधित किया और उनसे कहा है कि हम ग्रामीणों को इच्छा मृत्यु दे दो दरअसल यह मामला 11 साल से लटका हुआ है. शासन के स्पष्ट आदेश होने के बावजूद ना तो माधव नेशनल पार्क टाइगर रिजर्व का कॉरिडोर एरिया अब तक खाली हुआ है और ना ही इन ग्रामीणों को मुआवजा मिल सका है.

दरअसल माधव नेशनल पार्क टाइगर रिजर्व में रहने वाले 75 परिवारों के 206 वयस्क सदस्यों को लगभग 30.900 करोड़ रुपए का मुआवजा दिया जाना है. जिनमें से 24 परिवार के कुछ वयस्क सदस्य अभी भी मुआवजे की राशि का इंतजार कर रहे हैं. इसके संबंध में तीन बिंदुओं पर सीसीएफ से जांच प्रतिवेदन की मांग की गई है.

अटका मुआवजा

मध्य प्रदेश शासन राजस्व विभाग के 29 जनवरी 2014 को भू अर्जन को पत्र जारी किया गया था. बिंदु क्रमांक 5 में यह स्पष्ट लिखा हुआ है कि अधिनियम 2013 की धारा 24 की उप धारा 2 के अनुसार यदि किसी मामले में अधिनियम की धारा 11 के तहत अवार्ड पारित हुए 5 साल से अधिक की अवधि बीत चुकी है और ऐसे मामलों में भूमि का भौतिक कब्जा नहीं लिया गया है या मुआवजा भुगतान नहीं किया गया है, तो ऐसे सभी मामले स्वत: समाप्त समझे जाएंगे. यदि ऐसे मामले सामने आते हैं तो भू अर्जन आवश्यक कार्रवाई के लिए नए सिरे से प्रयास करेगा. यही वजह है कि उनके मुआवजे की राशि अब तक अटकी हुई है.

लोक शिकायत पोर्टल पर प्रधानमंत्री से क्या बोले ग्रामीण

इस मामले को लेकर ग्राम लखन गाव निवासी राघवेंद्र गुर्जर ने 24 सितंबर 2025 को लोक शिकायत पोर्टल पर पांच गांव के 24 परिवारों की ओर से एक शिकायत दर्ज करवाते हुए लिखा है कि हम ग्रामीणों के साथ अन्याय हो रहा है. शिकायत में यह भी लिखा गया है कि इससे तो अच्छा है कि हम ग्रामीणों को  इच्छा मृत्यु दे दो. 20 सालों से बीच जंगल में जीवन यापन कर रहे यह ग्रामीण कहते हैं कि माधव राष्ट्रीय उद्यान शिवपुरी के टाइगर रिजर्व क्षेत्र में रहने वाले जंगली जानवर उनके खेतों में आए दिन दस्तक दे रहे हैं और यह अपने जीवन को दहशत के बीच में जीने के लिए मजबूर हैं.

देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से ग्रामीणों की शिकायत है कि 20 सालों से ना तो लाइट है ना सरकारी योजनाओं का भी इनको लाभ मिल रहा है. बच्चों को पढ़ने के लिए भी स्कूल जैसी सुविधा मौजूद नहीं इन्होंने अपने शिकायत आवेदन में लिखा है कि स्थानीय स्तर पर कलेक्टर एसडीएम और फॉरेस्ट डिपार्टमेंट को कई बार आवेदन दिए लेकिन उनको मुआवजा नहीं दिया गया और ना ही उनकी कोई सुनवाई हुई. वजह यही है कि उनके जीवन के साथ खिलवाड़ हो रहा है

मध्य प्रदेश शासन से मांगा था मार्गदर्शन नहीं मिला

जंगल के बीचो-बीच रह रहे ग्रामीणों के मुआवजा के संबंध में माधव राष्ट्रीय उद्यान शिवपुरी के उपसंचालक ने प्रधान मुख्य वन संरक्षक भोपाल को 21 जून 2024 को एक पत्र भेजकर अवगत कराया और पूरा मामला संज्ञान में लाने की कोशिश की. भू अर्जन अधिकारी शिवपुरी ने 30 दिसंबर 2025 को पारित अवार्ड के अनुसार 92 हितग्राही परिवार शामिल किए गए जिनमें से 68 परिवारों को मुआवजा वितरित किया जा चुका है. 

शेष 24 परिवारों को कोई मुआवजा नहीं मिला है. इन 24 परिवारों की मांग के अनुसार एनटीपीसीए की गाइडलाइन के तहत मुआवजा वितरित करने के लिए जिला कलेक्टर शिवपुरी ने 8 जनवरी 2024 को पत्र के जरिए शासन से मार्गदर्शन की मांग की थी. लेकिन इतना लंबा समय बीत जाने के बावजूद भी शासन से कोई मार्गदर्शन नहीं मिला. यही वजह है कि यह मामला अभी तक लटका हुआ है.

सीसीएफ से मांगा है जांच प्रतिवेदन

ग्रामीणों की शिकायत पर से अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन जीव मध्य प्रदेश शासन भोपाल ने 1 अक्टूबर 2025 को   चीता परियोजना शिवपुरी क्षेत्र संचालक सीसीएफ को पत्र भेजकर भारत सरकार के पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय राष्ट्रीय व्याग्र संरक्षण प्राधिकरण नई दिल्ली के पत्र का भी हवाला देते हुए भारत सरकार के लोक शिकायत पोर्टल पर दर्ज शिकायत के संबंध में जांच प्रतिवेदन की मांग की है.

 इस संबंध में तीन बिंदुओं पर जांच प्रतिवेदन की मांग मध्य प्रदेश शासन से सामने आई है.
1- माधव राष्ट्रीय उद्यान टाइगर रिजर्व शिवपुरी में जंगली जानवरों द्वारा हमले का खतरा बना रहता है ?
2- 20 सालों से बिना बिजली एवं सरकारी योजना का लाभ लिए यह ग्रामीण रहने के लिए मजबूर हैं ?
3- बिना मुआवजा दिए ग्रामीणों की जमीन को शासकीय कर दिया गया...?

क्या बोल रहे जिम्मेदार

कॉरिडोर एरिया मामले में मुआवजा प्रक्रिया रुकी हुई है विस्थापन अधिकारी जिला कलेक्टर शिवपुरी का मानना है कि साल 2025 का आदेश जारी है. ऐसे में दूसरा आदेश जारी नहीं हो सकता. कानूनी दिक्कत है इसलिए उन्होंने इस संबंध में मध्य प्रदेश शासन का मार्गदर्शन मांगा है.

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