
सावन के महीने में मध्य प्रदेश के सीहोर 11 किलोमीटर तक सुबह से ही कावड़ यात्रा निकाली गई. जिसमें देश कई हिस्सों से आए कावड़ यात्री शामिल हुए. पूरा शहर शिव की भक्ति व भगवा रंग में नजर आया.

11 किलोमीटर तक कावड़ यात्रा निकाली गई है.
11 किलोमीटर कावड़ यात्रा शुरू होते ही कावड़ियों से शहर के रास्ते व सीवन तट पर कावड़िया ही कावड़िया नजर आए. वहीं श्रद्धालु डीजे की धुन पर नाचते-गाते व बम बम भोले, जय शंभू के साथ थिरकते भी नजर आए.
कावड़ यात्रा में भक्ति का उमड़ा सैलाब
बता दें कि पंडित प्रदीप मिश्रा ने इस कांवड़ यात्रा निकालने का आह्वान किया था. उन्होंने कहा था कि अधिक मास की अमावस्या और सावन का जो मिलन हुआ है जो काफी दिव्य योग है. वहीं उनके बुलावे पर कांवड़ यात्रा के लिए शिव भक्तों का जन सैलाब उमड़ पड़ा है.

श्रद्धालुओं के कर रहे हैं स्वागत.
इतना ही नहीं शिव भक्तों में कावड़ यात्रा को लेकर इतना उत्साह है कि दो दिन पूर्व ही कुबेरेश्वरधाम पर हजारों की संख्या में देश के कोने-कोने से आने वाले श्रद्धालुओं ने डेरा डाल लिया. वहीं कुबेरेश्वधाम पर आने वालों के कारण रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड सहित अन्य स्थानों पर भीड़-भाड़ नजर आ रही है.

कुबेरेश्वरधाम पर हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने डाला डेरा
हेलीकॉप्टर से कावड़ यात्रियों का पुष्प वर्षा कर स्वागत किया गया
बता दें कि कांवड़ मार्ग पर जगह-जगह सेवा शिविर लगाए गए हैं. जगह-जगह श्रद्धालुओं का लोगों ने स्वागत किया. इस दौरान हेलीकॉप्टर से कावड़ यात्रियों का पुष्प वर्षा कर स्वागत भी किया गया. वहीं कावड़ यात्रा में मुख्य अतिथि के रूप में पंडित प्रदीप मिश्रा यात्रियों के साथ शामिल हुए. पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि शिव पुराण के अनुसार, श्रावण के महीने में भगवान शिव और माता पार्वती पृथ्वी पर निवास करते हैं. इसलिए इस मास में पूजा करने से धन-धान्य की प्राप्ति होती है. इसके साथ ही अधिक अमावस्या तिथि पडऩे के कारण पितरों का भी आशीर्वाद मिलता है.