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Simhastha Kumbh 2028: सिंहस्थ महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा की जिम्मेदारी उठाएगा IIM इंदौर

IIM Indore: उज्जैन में 12 साल बाद आयोजित होने वाले सिंहस्थ कुंभ 2028 के प्रबंधन और योजना की जिम्मेदारी इंदौर स्थित भारतीय प्रबंधन संस्थान यानी आईआईएम इंदौर संभालेगा. संस्थान सिंहस्थ कुंभ 2028 की योजना को लेकर मध्य प्रदेश शासन के लिए एक व्यापक रिपोर्ट तैयार कर रहा है.

Simhastha Kumbh 2028: सिंहस्थ महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा की जिम्मेदारी उठाएगा IIM इंदौर
IIM Indore took responsibility of Simhastha Kumbh 2028 management and planning

Simhasth Kumbh 2028: उज्जैन में साल 2028 में आयोजित होने वाले सिंहस्थ महाकुंभ को भव्य और व्यवस्थित बनाने के लिए भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) प्रबंधन और योजना की जिम्मेदारी संभालेगा. इंदौर आईआईएम ने सिंहस्थ महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा, ट्रैफिक कंट्रोल व क्राउड मैनेजमेंट को ध्यान में रखते हुए 5-ई फ्रेमवर्क पर आधारित एक विशेष स्टडी शुरू की है. 

उज्जैन में 12 साल बाद आयोजित होने वाले सिंहस्थ कुंभ 2028 के प्रबंधन और योजना की जिम्मेदारी इंदौर स्थित भारतीय प्रबंधन संस्थान यानी आईआईएम इंदौर संभालेगा. संस्थान सिंहस्थ कुंभ 2028 की योजना को लेकर मध्य प्रदेश शासन के लिए एक व्यापक रिपोर्ट तैयार कर रहा है.

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संस्थान सिंहस्थ 2028 की योजना को लेकर एक व्यापक रिपोर्ट तैयार कर रहा है IIM इंदौर

आईआईएम इंदौर के निदेशक डॉ. हिमांशु रॉय ने उज्जैन में आयोजित वैलनेस समिट के दौरान बताया कि संस्थान सिंहस्थ 2028 की योजना को लेकर मध्य प्रदेश शासन के लिए एक व्यापक रिपोर्ट तैयार कर रहा है, जिसमें बड़े पैमाने पर आने वाले श्रद्धालुओं के प्रबंधन से जुड़ी सभी प्रमुख चुनौतियों का समाधान प्रस्तावित किया जाएगा. 

सिंहस्थ 2028 को लेकर पांच प्रमुख स्तंभों पर केंद्रित होगी आईआईएम इंदौर का अध्ययन

गौरतलब है आईआईएम इंदौर की स्टडी पांच प्रमुख स्तंभों पर केंद्रित है. इसके तहत आमजन और सेवाकर्मियों को उचित प्रशिक्षण और जानकारी देना, कानून-व्यवस्था और नियमों का पालन सुनिश्चित करना, आधारभूत ढांचे और ट्रैफिक व्यवस्था का तकनीकी प्लान, स्वच्छता, हरियाली और कचरा प्रबंधन, और विपरीत परिस्थितियों से निपटने की रणनीति शामिल है.

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प्रयागराज कुंभ 2019 में भी IIM इंदौर ने ऐसी स्टडी कर UP सरकार को रिपोर्ट सौंपी थी. उसी अनुभव के आधार पर अब सिंहस्थ 2028 के लिए राज्य शासन को भी सलाह और रणनीति दी जाएगी. निदेशक ने कहा, हमारा उद्देश्य धार्मिक भावना और प्रबंधन दक्षता का संतुलन बनाना है, जिससे श्रद्धालुओं को सुरक्षित, सहज और व्यवस्थित अनुभव मिल सके.

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श्रद्धालु कितने समय में उज्जैन पहुंचते हैं, नहाने और दर्शन में कितना वक्त का आकलन

आईआईएम द्वारा तैयार किए गए स्टडी रिपोर्ट में इस बात का भी आकलन होगा कि श्रद्धालु कितने समय में उज्जैन पहुंचते हैं, नहाने और दर्शन में कितना वक्त लगता है, भीड़ कैसे नियंत्रित होती है और किस तरह से उन्हें वापस भेजा जाता है. साथ ही आपदा या किसी आपात स्थिति की तैयारी भी प्लान का हिस्सा होगी.

उज्जैन सिंहस्थ 2028 में देश-विदेश से लगभग 30 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है

उल्लेखनीय है सिंहस्थ 2028 में देश-विदेश से लगभग 30 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है. ऐसे में यह स्टडी धार्मिक आयोजन को सुव्यवस्थित, सुरक्षित और श्रद्धालुओं के अनुकूल बनाने में अहम भूमिका निभाएगी.  यह कदम उज्जैन सिंहस्थ को वैश्विक स्तर का आयोजन बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है.

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