MP Death in police custody: मध्य प्रदेश में पुलिस हिरासत में 26 वर्षीय देवा पारधी की कथित मौत के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अब तक की सबसे सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है. कोर्ट ने दो फरार पुलिस अफसरों को गिरफ्तार न करने पर सीबीआई और राज्य सरकार के अधिकारियों को सख्त चेतावनी दी है.जस्टिस बी वी नागरत्ना और जस्टिस आर महादेवन की पीठ ने बेहद कड़े लहजे में कहा है कि अगर 7 अक्टूबर तक आरोपी पुलिस वालों को गिरफ्तार नहीं किया गया तो 8 अक्टूबर को सीबीआई के जांच अधिकारी और मध्य प्रदेश के गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होना होगा.
कोर्ट ने जताई नाराज़गी
कोर्ट ने इस बात पर गहरी नाराजगी जताई कि आरोपी पुलिस अफसर संजीत सिंह मवाई और उत्तम सिंह कुशवाहा अप्रैल 2025 से फरार हैं,जबकि सुप्रीम कोर्ट ने 15 मई 2025 को ही उनकी गिरफ्तारी का आदेश दिया था.
पीठ ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा- अगर आरोपी आम लोग होते तो उन्हें कब का पकड़ लिया गया होता. कोर्ट ने कहा अब हम एक ही बात सुनना चाहते हैं कि आरोपी पुलिस वालों को गिरफ्तार कर लिया गया है. कोर्ट ने यह भी सवाल उठाया कि जब दोनों फरार अफसर अगस्त में जमानत याचिका दायर करने के लिए कोर्ट आए थे तब तक वे "लापता" कैसे बने रहे? जस्टिस नागरत्ना ने कहा कि यह कोर्ट की अवमानना को और गंभीर बनाता है.
अंतिम चेतावनी और अवमानना का खतरा
सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि आरोपी अफसरों को गिरफ्तार न करना कोर्ट के आदेश की सीधी अवमानना है.पीठ ने चेतावनी दी कि अगर आदेश का पालन नहीं हुआ तो हम अवमानना के आरोप तय करेंगे और उसके परिणाम भुगतने होंगे. कोर्ट ने ये भी कहा कि अभी हम आपको मौका दे रहे हैं. हम कोई जल्दबाज़ी नहीं कर रहे.
मामला क्या है जो सुप्रीम कोर्ट नाराज हुआ?
दरअसल 15 जुलाई 2024 को बीलाखेड़ी के रहने वाले देवा पारदी की पुलिस कस्टडी में मौत हो गई थी. मामले में थाना प्रभारी संजीत मावई और उप निरीक्षक उत्तम सिंह को आरोपी बनाया गया. दोनों को निलंबित कर दिया गया है. उन पर 2 लाख रुपए का इनाम घोषित किया गया है, लेकिन वे अब तक फरार हैंइस मामले की जांच CBI को सौंपी गई है. देवा पारधी की मां ने अवमानना याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद अफसरों को गिरफ्तार नहीं किया गया. याचिकाकर्ता के वकील ने आरोप लगाया कि सीबीआई और राज्य सरकार जानबूझकर समय बर्बाद कर रहे हैं ताकि गवाहों पर दबाव बनाया जा सके. सीबीआई की ओर से पेश हुए एएसजी राजा ठाकर्रे ने गिरफ्तारी के लिए और समय मांगा लेकिन अदालत ने 7 अक्टूबर की समय सीमा को अंतिम अवसर बताते हुए याचिका खारिज कर दी. इस मामले में अगली सुनवाई 8 अक्टूबर को होनी है.
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