
Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के सतना में प्राचीन चंडीदेवी मंदिर सोहावल से लगे स्थल पर संचालित हड्डी फैक्ट्री की जानलेवा दुर्गंध स्थानीय लोगों का जीना मुश्किल कर रही है. मंदिर, आवासीय कॉलोनी और नेशनल हाईवे के नजदीक होने के बाद भी फैक्ट्री प्रबंधन पर्यावरणीय नियमों का उल्लंघन करते हुए संचालन कर रहा है. पिछले दिनों शिकायत के बाद जिला प्रशासन ने फैक्ट्री पर ताला लगा दिया था, लेकिन इसके बाद भी फिर से फैक्ट्री संचालित हो रही है.
निरस्त की जा सकती है अनुमति
बताया जा रहा है कि फैक्ट्री प्रबंधन ने कोर्ट से आदेश के खिलाफ स्टे प्राप्त कर संचालन कर रहा था. वहीं अब एक बार फिर लोगों की शिकायतों का दौर शुरू हो गया है, जिसके बाद मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड क्षेत्रीय कार्यालय सतना की टीम जांच के लिए मौके पर पहुंची. जांच टीम ने गोपनीय प्रतिवेदन उच्च कार्यालय को भेजा है.माना जा रहा है कि जल्द ही फैक्ट्री संचालक की पर्यावरणीय अनुमति निरस्त की जा सकती है.
स्थानीय निवासियों का कहना है कि पहले भी इस फैक्ट्री को बंद करने की मांग की गई थी, जिस पर अस्थाई रूप से बंद कर दिया गया था.
जांच करने पहुंची पीसीबी की टीम
शिकायत की गंभीरता को देखते हुए प्रदूषण विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर जांच की. टीम में कनिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी जीके बैगा, प्राची पांडे और सुमित चौरसिया मौके पर पहुंचे और जांच की.
जांच टीम ने पाया कि फैक्ट्री से निकलने वाली दुर्गंध का स्तर बेहद अधिक है, जो स्थानीय लोगों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है.साथ ही, प्राचीन देवी मंदिर के समीप इस प्रकार की फैक्ट्री का संचालन सांस्कृतिक और धार्मिक दृष्टि से भी अनुचित है.
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तो हो सकती है अनुमति निरस्त
प्रदूषण विभाग की टीम ने अपनी प्रारंभिक जांच रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को भेजने की तैयारी कर ली है. संभावना है कि इस रिपोर्ट के आधार पर फैक्ट्री को बंद करने की दिशा में उचित कदम उठाए जाएंगे. माना जा रहा है कि जल्द ही फैक्ट्री पर स्थायी रुप से ताला पड़ सकता है.
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