विज्ञापन

अभी हम जिंदा हैं... फर्जी डेथ सर्टिफिकेट से लाखों का घोटाला; भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी संबल योजना

मध्य प्रदेश के सतना जिले में संबल योजना में बड़ा घोटाला सामने आया है. ग्राम पंचायत रहिकवारा में जिंदा लोगों को मृत दिखाकर फर्जी डेथ सर्टिफिकेट से लाखों रुपये की हेराफेरी की गई. सचिव और पीसीओ पर Sambal Yojana corruption व Satna Panchayat fraud के आरोप लगे हैं.

अभी हम जिंदा हैं... फर्जी डेथ सर्टिफिकेट से लाखों का घोटाला; भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी संबल योजना

Madhya Pradesh Scam News: मध्य प्रदेश के सतना जिले में इंसानियत और सिस्टम दोनों को शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है. श्रमिक परिवारों को आर्थिक सहारा देने के लिए शुरू की गई संबल योजना भ्रष्टाचारियों के लालच की भेंट चढ़ गई. ग्राम पंचायत रहिकवारा में जिंदा लोगों को मरा हुआ बताकर सरकारी खजाने से लाखों रुपये हड़प लिए गए.

यह पूरा मामला जनपद पंचायत नागौद के अंतर्गत आने वाली रहिकवारा पंचायत से जुड़ा है. आरोप है कि पंचायत के तत्कालीन सचिव, पीसीओ और सीईओ ने मिलकर फर्जी डेथ सर्टिफिकेट बनाए और योजना की अंत्येष्टि एवं अनुग्रह राशि का गबन किया. ग्रामीणों का कहना है कि ये सभी अधिकारी मिलकर सरकारी धन की हेराफेरी में शामिल हैं. मामला अब जनसुनवाई के माध्यम से कलेक्टर तक पहुंच चुका है.

केस 1– जिंदा सज्जन चौधरी को दिखाया मृत

रहिकवारा पंचायत के सज्जन चौधरी, पिता मारू चौधरी को मृत दिखाकर उनके नाम पर 10 जनवरी 2021 को 5,000 रुपये की अंत्येष्टि राशि और 2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि निकाली गई. चौंकाने वाली बात यह है कि सज्जन चौधरी आज भी जीवित हैं और खुद इस गड़बड़ी की शिकायत लेकर अधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं.

केस 2– गनपत कुशवाहा के नाम पर भी हेराफेरी

इसी तरह, गनपत कुशवाहा पिता रामदुलारे कुशवाहा को भी मृत घोषित कर दिया गया. 14 जनवरी 2020 को उनके नाम पर 5,000 रुपये अंत्येष्टि और 2 लाख रुपये अनुग्रह राशि आहरित कर ली गई. बताया जा रहा है कि यह पूरी रकम पंचायत के सचिव और पीसीओ की देखरेख में निकाली गई थी.

केस 3– मृतक की राशि भी गलत खाते में

रामचरण चौधरी पिता ललुआ चौधरी की वास्तविक मृत्यु 12 अप्रैल 2020 को हुई थी. लेकिन उनके परिवार को योजना के तहत मिलने वाली सहायता राशि न देकर किसी दूसरे व्यक्ति के खाते में ट्रांसफर कर दी गई. इस खुलासे के बाद ग्रामीणों में आक्रोश है.

ये भी पढ़ें- CG Train Accident History: क्या यहां जोखिम भरा है ट्रेन का सफर? 2025 में अब-तक हुए कई हादसें; यहां जानें इतिहास

ग्रामीणों की मांग– दोषियों पर हो कड़ी कार्रवाई

ग्रामवासियों का कहना है कि यह मामला किसी साधारण गलती का नहीं, बल्कि सोची-समझी धोखाधड़ी का है. उनका आरोप है कि ग्राम पंचायत के अधिकारियों ने मिलकर गरीबों की हक की रकम हड़प ली. ग्रामीणों ने मांग की है कि इस पूरे घोटाले की निष्पक्ष जांच कराई जाए और दोषियों के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज किया जाए.

सीईओ का बयान– जांच के बाद होगी कार्रवाई

जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी शैलेन्द्र सिंह ने बताया कि जनसुनवाई में शिकायत दर्ज हुई है. उन्होंने कहा कि हमने जांच के निर्देश दिए हैं. दोषी पाए जाने पर सभी जिम्मेदारों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. यदि अन्य स्थानों से भी ऐसे मामले सामने आते हैं, तो उनकी भी जांच कराई जाएगी.  

ये भी पढ़ें- Train Accident: बिलासपुर में मेमू ट्रेन और मालगाड़ी के बीच भीषण टक्कर, 4 लोगों की मौत; हेल्पलाइन नंबर जारी

MPCG.NDTV.in पर मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें. देश और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं. इसके अलावा, मनोरंजन की दुनिया हो, या क्रिकेट का खुमार,लाइफ़स्टाइल टिप्स हों,या अनोखी-अनूठी ऑफ़बीट ख़बरें,सब मिलेगा यहां-ढेरों फोटो स्टोरी और वीडियो के साथ.

फॉलो करे:
Close