Sagar: इस महिला अधिकारी की अनुठी पहल से बदलीं सरकारी स्कूलों की तस्वीर, बच्चों तक खुद पहुंच सुन रही समस्या

Shrishti Patel: पदस्थापना के बाद से ही श्रृष्टि पटेल ने शासकीय स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था सुधारने की कोशिश कर रही हैं. साथ ही बच्चों में नेतृत्व क्षमता विकसित करने के लिए कई नवाचार शुरू किए हैं.

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Sagar woman officer Shrishti Patel: सागर जिले के जैसीनगर विकासखंड की सहायक संचालक लोक शिक्षण श्रृष्टि पटेल (Shrishti Patel) इन दिनों चर्चा में हैं. चर्चा का मुख्य कारण शिक्षा के क्षेत्र में लगातार हो रहे सकारात्मक बदलाव... पदस्थापना के बाद से ही श्रृष्टि पटेल ने शासकीय स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था सुधारने के साथ बच्चों में नेतृत्व क्षमता विकसित करने के लिए कई नवाचार शुरू किए हैं.

श्रृष्टि पटेल की अनुठी पहल

इसी कड़ी में जिले में पहली बार बिना कागज (पेपरलेस) के हेड बॉय और हेड गर्ल चुनाव कराए गए, जो बच्चों में खासा उत्साह का विषय बने. आमतौर पर इस प्रकार की गतिविधियां निजी स्कूलों में देखी जाती हैं, लेकिन सरकारी स्कूलों के छात्र इन अवसरों से वंचित रह जाते थे. 

हेड बॉय और हेड गर्ल के बीच कराए गए पेपरलेस चुनाव 

श्रृष्टि पटेल ने इस अंतर को खत्म करने की दिशा में कदम बढ़ाया. उनकी इस पहल के नतीजे अब स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहे हैं. छात्रों में आत्मविश्वास बढ़ा है, स्कूलों में अनुशासन बेहतर हुआ है और सबसे अहम- बच्चों की उपस्थिति में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है. अब छात्र स्कूल को सिर्फ पढ़ाई की जगह नहीं, बल्कि अपनी जिम्मेदारी और नेतृत्व का मंच मानने लगे हैं.

शिक्षा विभाग का मानना है कि यह मॉडल जिले के अन्य स्कूलों में भी लागू किया जा सकता है, ताकि सरकारी स्कूलों के बच्चों को भी वही अवसर मिलें जो निजी स्कूलों के छात्र पाते हैं.

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श्रृष्टि पटेल ने बताया, “बच्चों को सिर्फ किताबें पढ़ाना पर्याप्त नहीं है, उन्हें नेतृत्व, आत्मविश्वास और जिंदगी से जुड़े कौशल भी सिखाने होंगे.”

उनकी इस सोच और पहल ने साबित किया है कि अगर इच्छाशक्ति हो तो सरकारी स्कूल भी उत्कृष्ट उदाहरण बन सकते हैं.

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