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अयोध्या धर्म ध्वजारोहण समारोह: झंडे में कोविदारा पेड़ और सूर्य का क्या मतलब है?
अयोध्या राम मंदिर का संपूर्ण निर्माण हो गया है.
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ऐसे में 25 नवंबर को अयोध्या राम मंदिर पर केसरिया रंग का धर्म ध्वज फहराया जाएगा.
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दरअसल, राम मंदिर पर धर्म ध्वज का लहराना वैभव का प्रतीक माना जा है. यह ध्वज केसरिया रंग का है.
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दरअसल, सनातन परंपरा में केसरिया त्याग, बलिदान, वीरता और भक्ति का प्रतीक माना गया है.
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रघुवंश के शासनकाल में भी ये रंग विशेष स्थान रखता था.
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ध्वज की लंबाई 22 फीट, ध्वज की चौड़ाई 11 फीट और ध्वज दंड 42 फीट का है. इस ध्वज को 161 फीट के शिखर पर लहराया जाएगा.
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ध्वज पर 3 चिन्ह अंकित किए गए हैं- सूर्य, ऊं, कोविदार वृक्ष अंकित की गई है.
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माना जा रहा है कि ये ध्वज सूर्य भगवान का प्रतीक है...
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कोविदार वृक्ष का उल्लेख कई प्राचीन ग्रंथों में मिलता है. रघुवंश की परंपरा में भी कोविदार वृक्ष अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है.
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वाल्मीकि रामायण में भरत के ध्वज पर भी कोविदार का वर्णन मिलता है, जब वो श्रीराम से मिलने वन गए थे.
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इसे पारिजात और मंदार के दिव्य संयोग से बना वृक्ष माना गया है. ये कचनार वृक्ष जैसा प्रतीत होता है.
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वहीं 'ऊं', जो सभी मंत्रों का प्राण है. ध्वजा पर अंकित होने से ये संपूर्ण सृष्टि का प्रतिनिधित्व करता है.
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ध्वज पर सूर्यदेवता भी चिह्नित हैं, जो कि विजय का प्रतीक माने जाते हैं.
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