80th Birth Anniversary of Rajiv Gandhi: 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत.' यह विचार भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी (Former PM Rajiv Gandhi) का वह बुनियादी विचार था, जिसने इतिहास के पन्नों में 20 अगस्त के दिन को उनके जन्मदिन के साथ-साथ सद्भावना दिवस (Sadbhavana Diwas) के रूप में भी अंकित कर दिया. सद्भावना दिवस धार्मिक, भाषाई, सांस्कृतिक, क्षेत्रीय विविधताओं वाले देश में एकता का जश्न मनाता है. अपने छात्र दिनों में राजनीति विज्ञान या दर्शन की जगह साइंस और इंजीनियरिंग की पुस्तकों के शौकीन राजीव जानते थे कि तकनीकी उन्नति और विकास की इमारत तभी सशक्त होगी जब वह सद्भावना, सहिष्णुता और शांति के पिलर पर टिकी होगी. आज राजीव गांधी की जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) समेत देश भर में पूर्व पीएम को श्रद्धांजलि दी है.
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— Congress (@INCIndia) August 20, 2024
इनके कार्यकाल में देश ने कंप्यूटर क्रांति देखी. इनके कार्यकाल में ही नेशनल इन्फॉर्मेटिक्स सेंटर की स्थापना हुई. हर घर कंप्यूटर पहुंचाने के लिए राजीव ने कंप्यूटर से सरकार का कंट्रोल हटा दिया.
पीएम मोदी ने ये कहा
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Modi) ने आज पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए. एक्स पर एक पोस्ट में लिखा: “हमारे पूर्व प्रधानमंत्री श्री राजीव गांधी जी को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि.”
Tributes to our former Prime Minister Shri Rajiv Gandhi Ji on his birth anniversary.
— Narendra Modi (@narendramodi) August 20, 2024
क्यों मनाया जाता है सद्भावना दिवस?
'एक भारतीय होने का मतलब यह नहीं है कि हम केवल देश के निवासी हैं.' यह राजीव गांधी के ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के प्रसिद्ध भाषण (1985) की एक पंक्ति है. जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री ने आगे कहा था कि हमारे पास संस्कृतियों की विविधता है. हम सभी धर्मों और आस्था को सम्मान देते हैं. इसी तथ्य से हमारी ताकत और एकता बढ़ती है.
'लेकिन क्या यह भी सच नहीं है कि हममें से ज्यादातर लोग अपने रोजमर्रा के जीवन में खुद को भारतीय नहीं मानते?' राजीव गांधी ने 1985 की उस स्पीच में यह सवाल भी उठाया था, क्योंकि धर्म, भाषा, जाति और क्षेत्र की संकीर्णता एक उभरते राष्ट्र के स्पष्ट दृष्टिकोण को रोक देती है. 'आइए हम एक ऐसे भारत का निर्माण करें जो जाति, पंथ और धर्म की बाधाओं से परे एकता में बंधा हो.' यह 21वीं सदी के भारत के निर्माता कहे जाने वाले राजीव गांधी का आह्वान था. राष्ट्रीय सद्भावना पुरस्कार की शुरुआत राजीव गांधी की मृत्यु के एक साल बाद, 1992 में कर दी गई थी। यह पुरस्कार 20 अगस्त को सामाजिक शांति और सद्भाव के लिए दिया जाता है.
एक करुणामय व्यक्तित्व, सौहार्द और सद्भावना के प्रतीक…
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 20, 2024
पापा, आपकी सीख मेरी प्रेरणा है, और भारत के लिए आपके सपने मेरे अपने - आपकी यादें साथ ले कर इन्हें पूरा करूंगा। pic.twitter.com/LFg6N43eZW
सचिन पायलट ने भींगते हुए दी श्रद्धांजलि
आज पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी जी के समाधि स्थल ‘वीर भूमि' पर श्रद्धासुमन अर्पित किए।
— Sachin Pilot (@SachinPilot) August 20, 2024
देश के विकास में उनका योगदान सदैव अतुलनीय रहेगा। उनका जीवन और योगदान हर पीढ़ी को राष्ट्र सेवा के लिए प्रेरित करता रहेगा।#RajivGandhi @RahulGandhi @priyankagandhi @kcvenugopalmp… pic.twitter.com/ACFqYxSSu2
सचिन पायलट ने लिखा. आज पूर्व प्रधानमंत्री स्व राजीव गांधी जी के समाधि स्थल ‘वीर भूमि' पर श्रद्धासुमन अर्पित किया. देश के विकास में उनका योगदान सदैव अतुलनीय रहेगा. उनका जीवन और योगदान हर पीढ़ी को राष्ट्र सेवा के लिए प्रेरित करता रहेगा.
मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी जी ने देश के पूर्व प्रधानमंत्री, भारत रत्न स्वर्गीय राजीव गांधी जी की जयंती पर भोपाल के बिट्टन मार्केट स्थित उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण किया.
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