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Road Safety: सड़क सुरक्षा मिशन; MP के सभी 55 जिलो में लागू होंगे उपाय- जस्टिस अभय मनोहर सप्रे

Road Safety: जस्टिस सप्रे ने कहा कि जैसे मध्यप्रदेश के इंदौर ने स्वच्छता में प्रथम स्थान प्राप्त किया है, वैसे ही प्रदेश के शहर सड़क सुरक्षा में अपना स्थान बनायेंगे. उन्होंने उम्मीद व्यक्त की है कि प्रदेश के अधिकारी लोगों की जान बचाने के लिए अपनी विशेषज्ञता का उपयोग करेंगे.

Road Safety: सड़क सुरक्षा मिशन; MP के सभी 55 जिलो में लागू होंगे उपाय- जस्टिस अभय मनोहर सप्रे
Road Safety: सड़क सुरक्षा को लेकर मध्य प्रदेश में होंगे उपाय

Road Safety: सुप्रीम कोर्ट की सड़क सुरक्षा समिति के अध्यक्ष जस्टिस अभय मनोहर सप्रे ने सड़क सुरक्षा को लेकिर मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव अनुराग जैन के साथ सड़क सुरक्षा को लेकर बैठक की. जस्टिस सप्रे ने बैठक में मौजूद अधिकारियों से आम आदमी के जीवन को सुरक्षित रखने का दायित्व निभाने की अपील भी की. उन्होंने सड़क सुरक्षा की गंभीरता के दृष्टिगत अधिकारियों को सलाह और मार्गदर्शन भी दिया. उन्होंने कहा कि स्वीडन में सड़क सुरक्षा को लेकर बहुत अच्छा काम हुआ है. वैसा काम हमारे देश में और मध्यप्रदेश में हम भी कर सकते हैं. सड़क दुर्घटना से प्रतिवर्ष लगभग डेढ़ लाख लोगों की मृत्यु होती है. उनके जीवन को बचाने के लिए मिशन की शुरूआत मध्यप्रदेश से की है. उन्होंने बताया कि रोड सेफ्टी की मैदानी स्थिति जानने के लिए वे सड़क से ही अपनी यात्रा कर रहे है. उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश के लिए दीर्घकालीन एवं तात्कालिक नीति तैयार की जाकर क्रियान्वयन किया जाये. अच्छे काम करने वालों को प्रोत्साहित किया जाये तथा खराब सड़क बनाने वालों को ब्लैक लिस्ट करें. सड़कों पर इतनी सुरक्षा होनी चाहिये कि एक भी व्यक्ति की जान नहीं जाये. जस्टिस सप्रे ने अधिकारियों से कहा कि लोगों की जान बचाने की आपको जिम्मेदारी दी गयी है और इस कार्य पर सुप्रीम कोर्ट पूरे समय ध्यान दे रहा है.

एमपी में होंगे ये उपाय

जस्टिस सप्रे ने कहा कि जैसे मध्यप्रदेश के इंदौर ने स्वच्छता में प्रथम स्थान प्राप्त किया है, वैसे ही प्रदेश के शहर सड़क सुरक्षा में अपना स्थान बनायेंगे. उन्होंने उम्मीद व्यक्त की है कि प्रदेश के अधिकारी लोगों की जान बचाने के लिए अपनी विशेषज्ञता का उपयोग करेंगे. बैठक में मुख्य सचिव अनुराग जैन ने कहा कि भारत सरकार की ही तरह तात्कालिक एवं दीर्घकालीन उपाय प्रदेश के सभी 55 जिलों में लागू किये जायेंगे.

प्रदेश के 9 जिलों में सड़क सुरक्षा के लिए आईआईटी. मद्रास की मदद ली जायेगी और बाद में 6 और जिलों में यह किया जायेगा. सड़क सुरक्षा के लिए सभी एजेंसियों में समन्वय स्थापित किया जायेगा.

पुलिस, नगरीय प्रशासन, स्वास्थ्य एवं लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों की टीम बनायी गयी है. इंजीनियरों को केपिसिटी बिल्डिंग के लिए प्रशिक्षण दिया जायेगा तथा सड़कों एवं ब्रिज की मरम्मत की जायेगी. मुख्य सचिव ने कहा कि हर जिले मे आटोमेटिक टेस्टिंग स्टेशन शुरू किया जायेगा. ड्राइविंग इंस्टीट्यूट की संख्या बढ़ायी जायेगी. यातायात नियमों का पालन कराया जायेगा. लोगों को हेलमेट लगाने के लिए प्रेरित किया जायेगा. सभी वाहनों का इंश्योरेंस किया जायेगा. चालान जनरेशन एवं पेमेण्ट सिस्टम दुरूस्त किया जायेगा. सड़क दुर्घटना में गोल्डन ऑवर में जान बचाने के प्रयास किये जायेंगे. एम्बुलेंस की व्यवस्थाएं सुधारी जायेंगी. इमरजेंसी रिस्पांस टाइम को बेहतर किया जायेगा. यातायात नियमों एवं सड़क सुरक्षा की जागरूकता के लिए स्कूलों में बताया जायेगा. जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठकें नियमित तौर पर आयोजित की जायेंगी. सड़क सुरक्षा कोष का उपयोग किया जायेगा. राहवीर योजना का भी व्यापक प्रचार-प्रसार करने की भी जानकारी दी गई.

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