Heart Failure Treatment: रीवा (Rewa) के सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल (Super Specialty Hospital) के हृदय रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. वीडी त्रिपाठी का दावा है कि उन्होंने शराब का इस्तेमाल करके हृदय रोग के दो मरीजों को पूरी तरीके से ठीक कर दिया है. यानी जहां दवा नहीं काम आ रही थी, वहां दारू ने काम कर दिखाया है. इसे पढ़ कर आप बिल्कुल भी आश्चर्यचकित ना हो, क्योंकि, डॉ. वीडी त्रिपाठी के मुताबिक यह पूरी तरीके से सत्य है. उन्होंने एनडीटीवी की टीम को उन मरीजों से भी मिलवाया, जिन्हें शराब का इस्तेमाल करके ठीक किया गया है. यह पूरी जानकारी खुद रीवा के सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के हृदय रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. वीडी त्रिपाठी ने दी.
डॉ. त्रिपाठी ने बताया कि शराब का इस्तेमाल करके हमने दो हृदय रोगियों को ठीक कर चुके हैं. ये वो मरीज थे, जिनको सांस फूलने और सीने में दर्द की शिकायत थी. उन्होंने बताया कि इस इलाज को अल्कोहल सेप्टल एबलेशन कहते हैं और इस बीमारी का नाम है 'हाइपर ट्रैफिक एब्स्ट्रेक्ट कार्डियोमायोपैथी'. इसमें हृदय की मोटाई बढ़ जाने की वजह से आदमी को सांस लेने में दिक्कत होती है, जिसकी वजह से मरीज को कभी-कभी हार्ट अटैक होने की आशंका बनी रहती है.
क्या होती है एच.ओ.सी.एम. की बीमारी
आज की इस भागदौड़ भरी जिंदगी में ज्यादातर लोगों को सांस फूलना और सीने में दर्द की शिकायत होती है. यही हृदय रोग की बीमारी का एक हिस्सा होता है. ज्यादातर लोगों को यह बीमारी होती है. इसे मेडिकल की भाषा में एच.ओ.सी. एम. यानी हाइपर ट्रैफिक एब्स्ट्रेक्ट कार्डियोमायोपैथी कहते हैं. इस बीमारी में हृदय की मोटाई बढ़ जाती है. यह मरीज की सेहत के लिए कतई ठीक नहीं होती है. इसकी वजह से 30 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को कहीं भी, कभी भी हार्ट अटैक आ जाता है.
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शराब से ऐसे किया जाता है इलाज
डॉ. त्रिपाठी का दावा है कि इस इलाज से इस बीमारी को काफी हद तक ठीक कर दिया जाता है. हृदय के मोटे हिस्से को अल्कोहल की मदद से पतला किया जाता है. ऐसे मरीजों को ठीक करने के लिए हृदय की मोटाई को कम करना जरूरी होता है. उन्होंने बताया कि अल्कोहल की मदद से देश के कुछ हिस्से में दिल की मोटाई को ठीक किया जा रहा था. अब इस इलाके में हमने इसका इस्तेमाल पहली बार किया है और हमें सफलता भी मिली है.
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