MP News In Hindi: संभागीय मुख्यालय रीवा से लगभग 50 किलोमीटर दूर लाल गांव के हरदी गांव में पदस्थ टीचर का कारनामा कह रहा है, बच्चों अब इस स्कूल में बहुत पढ़ लिए. अब जाओ, दूसरे स्कूल में, टीचर ने बच्चों से यह कहा, और उसने स्कूल के सारे बच्चों की टीसी ही दे दी. वह भी घर-घर जाकर. मामला खुलने पर हड़कंप मच गया. कलेक्टर से लेकर जिला शिक्षा अधिकारी तक एक्शन में आ गए. जिला शिक्षा अधिकारी ने स्कूल का दौरा किया. नई व्यवस्था बनाई. अब स्कूल में वापस कुछ बच्चे आ गए.
पिछले साल स्कूल में 22 बच्चे थे
संभागीय मुख्यालय रीवा से 50 लगभग किलोमीटर दूर है, लाल गांव का हरदी गांव यहां पर एक शिक्षक और एक शिक्षिका पदस्थ थे. पिछले साल स्कूल में 22 बच्चे थे. इस साल जीरो हो गए. वजह बहुत सीधी सी शिक्षक बच्चों को शायद पढ़ना ही नहीं चाहते थे. शिक्षक को न जाने क्या सूझी वह बच्चों के घर पहुंच गए, उनसे कहा स्कूल बंद होने वाला है. तुम लोग अपनी टीसी ले लो. एक दो बच्चों के परिजन स्कूल पहुंच गए टीसी लेने. जो नहीं पहुंचे उनके घर स्कूल की टीचर स्वयं पहुंच गए टीसी लेकर.
स्कूल की यह हालत देखकर दुख होता- पूर्व सरपंच
ऐसा अनोखा कारनामा करने वाले टीचर को क्या कहा जाए, आज जब मौके पर हमारी टीम पहुंची, तब भी वह स्कूल में नजर नहीं आए. हमने हरदी गांव के पूर्व सरपंच से बात की, उनका कहना था. मैंने अपने खून पसीने से इस स्कूल की बुनियाद रखी थी. बाद में सरकार से पैसे मंजूर कारण 1,70, 000 रुपए से नई बिल्डिंग बनी. उसमें भी 20,000 रुपये बच गए थे. जिसे मैंने जमा करवा दिया था.आज स्कूल की यह हालत देखकर दुख होता है.
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NDTV की खबर का हुआ असर
लाल गांव के पास शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय हर्दी में पिछले दिनों स्कूल के सारे बच्चों को बिना अभिभावक की सहमति के टीसी देने के मामले में कलेक्टर रीवा ने मध्य प्रदेश सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम तीन के विपरीत कदाचरण की श्रेणी में माना है. जिसके चलते जिला कलेक्टर रीवा प्रतिभा पाल ने उनको तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. वहीं, रेखा मिश्रा को आगामी आदेश तक, शासकीय स्कूल हर्दी में कार्य करने की अनुमति प्रदान कर दी. यह जानकारी आज जिला शिक्षा अधिकारी सुदामा गुप्ता ने देते हुए बताया शिक्षा विभाग में सभी को बेहतर तरीके से कार्य करना है. हमारा काम है बच्चों को पढ़ाना.
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