EOW Rewa: टोंस प्रोजेक्ट में तीन गुने दाम में खरीदी गईं बैटरी! रीवा टीम ने दर्ज किया केस, जानिए पूरा मामला

Rewa EOW Action: जिस कंपनी को पानी से बिजली और पैसा बनाने का काम दिया गया है. रीवा क्षेत्र में उसी कंपनी ने भ्रष्टाचार कर सरकार के पैसों को पानी की तरह बहा दिया. इस पावर जनरेशन कंपनी ने बाजार के रेट से तीन गुना ज्यादा कीमत चुकाकर 100 से ज्यादा ब्रांडेड बैटरी खरीदी है. अब मामले की जांच चल रही है.

विज्ञापन
Read Time: 4 mins
EOW Action: रीवा की टीम ने टोंस प्रोजेक्ट से जुड़े केस में मामला दर्ज किया

EOW Rewa Case: पानी से विद्युत बनाने वाली मुख्य अभियंता कार्यालय मध्य प्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड टोंस जल विद्युत परियोजना (Tons Hydro Electric Project) के अधिकारियों ने ब्रांडेड कंपनी की 110 से ज्यादा बैटरी तीन गुना ज्यादा कीमत में खरीद डाली. बाजार में बैटरी की कीमत 7325 थी, लेकिन सप्लाईकर्ता और अधिकारियों ने मिली भगत करके एक बैटरी 24, 415 रुपए में खरीद डाली. इस तरीके से 110 बैटरी के लिए 18 लाख 74 हजार 495 रुपए का अधिक भुगतान किया गया. इसको लेकर ईओडब्ल्यू (EOW) में शिकायत हुई थी. ईओडब्ल्यू ने मामला दर्ज करते हुए जांच प्रारंभ कर दी है.

क्या है मामला?

रीवा में बैटरी खरीदी में भ्रष्टाचार करने वाले टोन्स जल विद्युत परियोजना के अधिकारियों के खिलाफ ईओडब्ल्यू में एफआईआर दर्ज की गई है. ईओडब्ल्यू से मिली जानकारी के अनुसार आरोपियों ने बाजार दर से तीन गुना अधिक कीमत पर बैटरी की खरीदी की थी. जिसकी शिकायत हुई थी, जांच करने पर शिकायत सही पाई गई है.

Advertisement

रीवा से पहली बार सीधी पहुंची ट्रेन, 40 वर्ष बाद साकार हुआ सपना, जल्द जिला मुख्यालय पहुंचने की जगी उम्मीद

Advertisement
मुख्य अभियंता कार्यालय मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कम्पनी लिमिटेड टोन्स जल विद्युत परियोजना जिला रीवा में एक्साइड कम्पनी की 110 नग की खरीदी के लिए निविदा आमंत्रित की गई थी. एकल निविदा मिलने पर भी निविदा समिति ने निविदाकार मेसर्स अशोक इलेक्ट्रिकल्स और हार्डवेयर कोरबा छत्तीसगढ़ की निविदा स्वीकार की. जिसके बाद बाजार दर से लगभग 3 गुना अधिक कीमत पर बैटरी की खरीदी कर डाली. 

EOW Raid: सतना में दबोचे गए भ्रष्ट इंजीनियर व पंचायत सचिव, इतने रुपए की मांगी गई थी रिश्वत

EOW ने क्या किया?

इस मामले की शिकायत ईओडब्ल्यू  तक पहुंची थी. ईओडब्ल्यू की जांच में तत्कालीन अतिरिक्त मुख्य अभियंता पावर जनरेटिंग कंपनी जवाहर लाल दीक्षित और अन्य सहयोगियों द्वारा 18 लाख 74 हजार 495 रुपए का गबन और भ्रष्टाचार उजागर हो गया. इस पर ईओडब्ल्यू रीवा द्वारा आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है.

Advertisement
ईओडब्ल्यू के रीवा के एसपी डॉक्टर अरविंद ने बताया कि खरीदी गई बैटरी की कीमत के संबंध में एक्साइड इन्डस्ट्रीज के जोनल मैनेजर एडमिनिस्ट्रेशन वेस्ट से जानकारी मिली. जहां जांच में बैटरी की कीमत 7,325 रुपए प्रति बैटरी होना पाया गया. जबकि आरोपियों ने बैटरी 24 हजार 415 रुपए प्रति नग की दर से खरीदी थी. इस तरह कुल 110 नग बैटरी की खरीदी के लिए 18 लाख 74 हजार 495 रुपए का अधिक भुगतान किया गया था. 

इन धाराओं में इनके खिलाफ हुआ मामला दर्ज

आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ मे प्राप्त शिकायत के सत्यापन के बाद तत्कालीन अतिरिक्त मुख्य अभियंता मप्र पावर जनरेटिंग कंपनी सिरमौर जवाहर लाल दीक्षित और तत्कालीन कार्यपालन अभियंता मध्य प्रदेश पावर जनरेटिंग कम्पनी लिमिटेड टोन्स जल विद्युत परियोजना सिरमौर इन्द्रिय दमन कौशिक के साथ नितिन मिश्रा तत्कालीन सहायक यंत्री और गौरव मोदी, प्रोपराईटर अशोक इलेक्ट्रिकल्स एण्ड हार्डवेयर कोरबा छत्तीसगढ़ व अन्य संबंधित के खिलाफ अपराधिक मामला पंजीबद्ध किया गया है. जहां एफआईआर दर्ज कर पूरे मामले की विवेचना लगातार जारी है.

यह भी पढ़ें : 16वीं शताब्दी से इस गांव में नहीं हुआ हाेलिका दहन, जानिए क्यों होली पर आग नहीं लगाते यहां ग्रामीण

यह भी पढ़ें : Rape Case: बढ़ सकती हैं उमंग की मुश्किलें! MP सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में लगाई याचिका, जानिए पूरा मामला

यह भी पढ़ें : होली के 'रंग में भंग' ! ग्वालियर में लाखों रुपए की अवैध शराब पकड़ी गई, जानिए कैसे कसा शिकंजा

यह भी पढ़ें : Rewa: इस मंदिर में भगवान जगन्नाथ-प्रभु श्री राम खेलते हैं होली, रीवा नरेश ने 200 साल पहले करवाया था निर्माण

Topics mentioned in this article