
Mauganj Violence Update: मऊगंज जिले के गडरा गांव में हुए बहुचर्चित हत्याकांड मामले में रीवा संभाग के कमिश्नर वीएस जामोद (Rewa Commissioner) ने अहम जानकारी साझा की है. उन्होंने बताया कि इस घटना में शामिल लगभग सभी आरोपियों को हिरासत में ले लिया गया है. कमिश्नर जामोद ने यह भी कहा कि प्रशासन की पहली प्राथमिकता गांव में शांति व्यवस्था स्थापित करना थी, जिसे सफलतापूर्वक बहाल कर लिया है.
उन्होंने उन निर्दोष ग्रामीणों से वापस लौटने की अपील की है, जो इस घटना में शामिल नहीं थे और पुलिस के डर से गांव छोड़कर चले गए थे. कमिश्नर ने आश्वासन दिया कि प्रशासन उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करेगा. इसके अलावा, जिन घरों में लोग मौजूद नहीं थे, वहां के जानवरों और बुजुर्गों की देखभाल भी पुलिस ने की है. वर्तमान में गांव की स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है.
एएसआई की हो गई थी मौत
गौरतलब है कि इस हिंसक घटना में एक सहायक उपनिरीक्षक (ASI) रामचरण गौतम की मौत हो गई थी, जबकि तहसीलदार कुंवारे लाल पनिका सहित कई पुलिसकर्मी घायल हुए थे. घटना के बाद से ही प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपियों की गिरफ्तारी सुनिश्चित की और गांव में शांति बहाल की.
कैसे हुई थी हिंसा की शुरुआत?
मऊगंज में हिंसा की शुरुआत तब हुई जब ग्रामीणों ने शक के आधार पर सनी द्विवेदी को बंधक बनाकर बेरहमी से पीटा, जिससे उसकी मौत हो गई. इस घटना के बाद जब युवक के परिजन उसे बचाने पहुंचे तो उन्हें भी बस्ती वालों ने पीट दिया. सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस भीड़ को समझाने का प्रयास कर रही थी, लेकिन आक्रोशित भीड़ ने एसडीओपी सहित अन्य पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया और उन्हें बंधक बना लिया. इस हमले में टीआई संदीप भारती, तहसीलदार कुंवारे लाल पनिका सहित कई अन्य अधिकारी घायल हुए.
48 राउंड हुई थी हवाई फायरिंग
पुलिस बल ने बड़ी मुश्किल के बाद बंधक बनाए गए पुलिसकर्मियों को छुड़ाया था. यहां तक कि बैकअप करते समय 48 राउंड एयर फायरिंग करते हुए स्थिति को नियंत्रण में लिया गया था. इस हमले में एक पुलिस अधिकारी की भी मौत हो गई थी और कई पुलिसकर्मी घायल हो गए थे. जिसके बाद प्रदेशभर में इस घटना की निंदा हो रही है. मध्य प्रदेश के पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाना ने मौके का जायजा लिया और शहीद पुलिस अधिकारी को श्रद्धांजलि दी.
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