Jabalpur News: जबलपुर (Jabalpur) में एक मुस्लिम महिला (Muslim Woman) ने हिंदू धर्म (Hindu Religion) अपना लिया है. अब वह रजिया बी से नंदिनी ठाकुर बन गई है. रजिया बी काफी दिनों से हिंदू धर्म अपनाने के बारे में सोच रही थी. रजिया का कहना है कि कुछ दिन पहले उन्हें सपने में भगवान श्री राम (Shree Ram) नजर आए और उसके बाद उन्होंने हिंदू धर्म अपनाने का अपना मन बना लिया.
रजिया बी का कहना है कि जो स्वतंत्रता सनातन धर्म में महिलाओं को है वह मुस्लिम धर्म में नहीं है. मुस्लिम समाज में महिलाओं को सम्मान नहीं मिलता है. यहां तक कि विवाह के पूर्व मां-पिता के घर में भी महिलाओं का सम्मान नहीं होता है और इतने ज्यादा बंधन हैं कि जिन्हें अब वह सहन नहीं कर पा रही थी. रजिया का कहना है कि उनके पति शेरा शाहनवाज को भी धर्म परिवर्तन से कोई आपत्ति नहीं है. रजिया के 2 बच्चे हैं.
यह भी पढ़ें : खनिज ब्लॉक की नीलामी में MP को मिला पुरस्कार, CM मोहन यादव ने कहा-फिर नंबर 1 बना अपना मध्यप्रदेश
हिंदूवादी संगठनों ने दिया मदद का भरोसा
रजिया बी ने कैंट स्थित मंदिर में पूरे विधि विधान के साथ हिंदू धर्म अपनाया और मंत्रोच्चार के बीच भगवान की पूजा की. पुरोहित ने उन्हें नंदिनी ठाकुर नाम दिया है. नंदिनी ठाकुर ने बताया कि उनके पति भी उनके इस निर्णय से सहमत हैं और जल्द ही दो बच्चों के साथ वह भी हिंदू धर्म स्वीकार करेंगे. इस दौरान बड़ी तादाद में हिंदूवादी संगठनों के कार्यकर्ताओं ने नंदिनी ठाकुर को मदद का आश्वासन दिया है. कुछ दिनों पहले एक और युवती ने हिंदू धर्म अपनाया था जिसकी खबरें अखबारों में छपी थीं. उससे प्रेरित होकर ही रजिया ने भी घर वापसी की हिम्मत जुटाई है.
यह भी पढ़ें : 'राम मंदिर का आमंत्रण ठुकराने वालों को जनता कभी माफ नहीं करेगी' : सिंधिया
हिंदू धर्म सेना ने कहा 'घर वापसी'
हिंदू धर्म सेना के संयोजक योगेश अग्रवाल ने कहा कि रजिया बी लगातार उनके संगठन के संपर्क में थीं और वह हिंदू धर्म अपनाना चाहती थीं. अक्टूबर माह में नवरात्रि के समय मुंबई से पधारे जितेंद्र महाराज के सामने भी रजिया ने हिंदू धर्म अपनाने की बात कही थी. उनके साथ उनका पूरा परिवार आया था. योगेश अग्रवाल बताते हैं कि हम इसे 'हिंदू धर्म अपनाना' या 'धर्म परिवर्तन' नहीं कहते बल्कि हम इसे 'घर वापसी' कहते हैं क्योंकि भारत में जो भी मुस्लिम या ईसाई परिवार है उनके पूर्वज हिंदू ही थे इसलिए यह धर्म परिवर्तन नहीं 'घर वापसी' है.