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This Article is From Sep 24, 2023

रतलाम पुलिस ने डार्क वेब और MTFE से फर्जीवाड़ा करने वाले इंटरनेशनल नेटवर्क का किया खुलासा

रतलाम पुलिस ने देश में पहली बार इस स्तर तक कार्रवाई की है. बताया जा रहा है कि आगे इस मामले में ईडी और केंद्रीय एजेंसियां भी जांच में शामिल हो सकती हैं. इसके लिए उनसे पत्राचार किया जाएगा.

रतलाम पुलिस ने डार्क वेब और MTFE से फर्जीवाड़ा करने वाले इंटरनेशनल नेटवर्क का किया खुलासा
रतलाम SP राहुल कुमार लोढ़ा ने लोगों से अपील की है कि अगर किसी ने इस नेटवर्क के माध्यम से निवेश किया है तो वे पुलिस की मदद ले सकते हैं.
रतलाम:

Madhya Pradesh News : देश में पहली बार रतलाम पुलिस ने फर्जी ट्रेडिंग नेटवर्क (Fake Trading Network) और रुपए बढ़ाने के नाम पर हो रहे अंतरराष्ट्रीय फ्रॉड (International Fraud) में बड़ी लिंक तक पंहुचने में कामयाबी हासिल की है. MTFE (Multilateral Trading Facility Europe) द्वारा किए जा रहे फर्जीवाड़े और क्रिप्टो करेंसी (Crypto Currency) से जुड़े इटंरनेशनल नेटवर्क (International Network) का खुलासा करने के साथ रतलाम पुलिस (Ratlam Police) ने कई लाख रुपए भी फ्रीज किए हैं. मामले में तीन आरोपियों को भी हिरासत में लिया गया है. जिनमें से एक बेंगलुरु में फर्जी कंपनी का मालिक है.

रतलाम पुलिस ने देश में पहली बार इस स्तर तक कार्रवाई की है. बताया जा रहा है कि आगे इस मामले में ईडी (Enforcement Directorate) और केंद्रीय एजेंसियां (Central Investigating Agencies) भी जांच में शामिल हो सकती हैं. इसके लिए उनसे पत्राचार किया जाएगा. वहीं रतलाम SP राहुल कुमार लोढ़ा ने लोगों से अपील की है कि अगर किसी ने इस नेटवर्क के माध्यम से निवेश किया है तो वे पुलिस की मदद ले सकते हैं.

भारत में 10 लाख से ज्यादा अकाउंट 

एसपी राहुल कुमार लोढ़ा ने खुलासा करते हुए बताया कि MTFE का फ्रॉड इटंरनेशनल लेवल पर चल रहा है. यह कितने बड़े स्तर पर चल रहा है इसका अंदाजा यहां से लगाया जा सकता है कि लोगों को विश्वास दिलाने के लिए MTFE ने श्रीलंकन क्रिकेट लीग 2023 के दौरान बोर्ड पर अपना विज्ञापन तक दिखवाया. एसपी लोढ़ा ने बताया कि MTFE से जुड़े लोग धीरे-धीरे लोगों को झांसे में लेकर यह फर्जीवाड़ा करने लगे. भारत में ही करीब 10 लाख 68 हजार से भी ज्यादा अकाउंट हैं.

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इस तरह समझें कैसे हो रहा फ्रॉड  

आम आदमी MTFE में पैसा बढ़ने के लालच में निवेश करता है. यह पैसा सीधे डार्क वेब के टीआर-20 नेटवर्क में चला जाता है. यह नेटवर्क अतंरराष्ट्रीय स्तर पर संचालित होता है और किसी भी देश की किसी भी सरकार का इसपर कोई कंट्रोल नहीं है. यहां से कोई भी पैसा नहीं निकाल सकता है, खुद MTFE भी नहीं. हालांकि यह नेटवर्क पारदर्शी होता है और स्क्रीन पर पैसा दिखाई देता रहता है. निवेश करने वाला कोई भी व्यक्ति किसी भी समय यहां पैसे को डॉलर में बढ़ते हुए देख सकता है, लेकिन निकाल नहीं सकता.

निवेश किए हुए व्यक्ति को नेटवर्क में उसका पैसा बढ़ता हुआ दिखाकर बेवकूफ बनाया जाता है और यहीं से फर्जीवाड़ा शुरु होता है. नेटवर्क में पड़े पैसे को MTFE इस्तेमाल करता है और कुछ सकेंड के अंदर ही यह पैसा फर्जी कंपनी के वॉलेट में डाल दिया जाता है. यह पूरी प्रक्रिया ब्लैक है. फर्जी कंपनी इस पैसे से क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कर देती है, यानी कि पूरी तरह से वाइट में. इस तरीके से MTFE में ब्लैक मनी को वाइट किया जाता है.

यह नेटवर्क अतंरराष्ट्रीय स्तर पर संचालित होता है और किसी भी देश की किसी भी सरकार का इसपर कोई कंट्रोल नहीं है.

यह नेटवर्क अतंरराष्ट्रीय स्तर पर संचालित होता है और किसी भी देश की किसी भी सरकार का इसपर कोई कंट्रोल नहीं है.

ब्लैक मनी को वाइट किया जाता था

क्रिप्टो करेंसी में किए गए निवेश को भारत में फर्जी कंपनी कलीन स्केम प्रायवेट लिमिटेड द्वारा भारतीय रुपयों में ट्रांसफर करके, MTFE के बैंक खातों में डाल दिया जाता था. आम आदमी द्वारा डाला गया पैसा ब्लैक से वाइट करके निकालने का काम इस तरह चल रहा था. 

कई देश से कर रहे हैं समन्वय 

एसपी राहुल कुमार लोढ़ा (Ratlam SP Rahul Kumar Lodha) ने बताया कि ये नेटवर्क इंटरनेशनल लेवल पर काम कर रहे हैं. इन पर किसी भी देश का कोई नियम या कंट्रोल पॉलिसी अभी तक नहीं लागू है. डार्क वेब में कोई केवाईसी भी नहीं होती है, इसलिए पैसा निवेश करने वाले की जानकारी भी किसी को नहीं होती है. रतलाम पुलिस द्वारा पता की गई लिंक और कार्रवाई के लिए श्रीलंका के दूतावास से संपर्क किया गया है. इसके साथ ही मलेशिया और बांग्लादेश भी संपर्क किया जा रहा है. बताया गया कि वहां भी इसी तरह का फर्जीवाड़ा किया जा रहा है. 

पकड़े गए फर्जीवाड़े के आरोपी

एसपी लोढ़ा ने बताया कि रतलाम जिले के हुजैफा जमाली के साथ गोविंद सिंह और संदीप को गिरफ्तार किया गया है. गोविंद और संदीप न केवल प्रचार कर रहे थे, बल्कि उन्हें जानकारी थी कि बॉयनेंस कंपनी का वीडियो दिखाकर फर्जीवाड़ा किया जा रहा है. इसके बावजूद वे लोगों से उनके क्यूआर कोड और नगद में पैसा लेकर कंपनी के लिए निवेश करवा रहे थे. इन तीनों के अलावा बैंगलोर में कलीन नाम से फर्जी कंपनी बनाकर रुपयों को ब्लैक से वाइट करके निकालने में मदद करने वाले योगा नंदा को भी गिरफ्तार किया गया है. योगा नंदा कलीन का मालिक है.

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