Ratlam Family Brings Back Soul: रतलाम मेडिकल कॉलेज के बाहर सोमवार दोपहर लोग तब चौंक गए जब तलवारें, नारियल, धूप और मंत्रोच्चार के बीच मृतक के परिजन उसकी 'आत्मा' को लेने के लिए अस्पताल पहुंचे. लगभग एक घंटे तक परिसर किसी धार्मिक स्थल की तरह दिखता रहा. भीड़ और शोर के कारण अस्पताल का कामकाज भी प्रभावित हुआ. यह पूरा घटनाक्रम छावनी झोडिया गांव के उस युवक से जुड़ा है, जिसकी कुछ दिन पहले कीटनाशक सेवन से मौत हुई थी. परिजनों का मानना था कि मृतक की आत्मा अस्पताल में ही अटकी है और उसे “मनाकर” गांव ले जा रहे हैं.
परिवार के लोगों ने किया आत्मा ले जाने का दावा.
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परंपरा में विश्वास और मृतक की ‘गातिया' स्थापना का दावा
मृतक के भाई भूरालाल ने बताया कि उनके समुदाय में मृत्यु स्थल से ही आत्मा को मान-मनुहार कर गांव लाया जाता है, ताकि बाद में मृतक की प्रतिमा यानी गातिया स्थापित की जा सके. उन्होंने कहा कि यह सालों पुरानी परंपरा है और हर परिवार इसे धार्मिक कर्तव्य की तरह निभाता है. अनुष्ठान के दौरान परिजनों ने वार्ड के बाहर पूजा की, मंत्र बोले, नारियल फोड़ा और तलवार घुमाकर अनुष्ठान पूरा किया. इसके बाद कहा कि वे आत्मा को गांव ले जा रहे हैं.
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असहज भी दिखे लोग
अस्पताल परिसर में ऐसी रस्मों का अनुमति मिलना अब सवालों के घेरे में है. जहां मेडिकल कॉलेज उपचार और वैज्ञानिक प्रक्रिया के लिए जाना जाता है, वहीं अंधविश्वास आधारित अनुष्ठान होने से कई लोग असहज दिखे. लोगों की इसे लेकर अलग-अगल राय है.
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