Rani Lakshmibai Death Anniversary: ग्वालियर में झांसी की रानी (Jhansi Ki Rani) वीरांगना लक्ष्मीबाई (Rani Lakshmibai) के बलिदान दिवस पर आयोजित होने वाला दो दिवसीय वीरांगना बलिदान मेला शुरू हो गया है. इस मौक़े पर शहीद ज्योति 17 जून की रात ग्वालियर पहुंची तो यहां शहर की सड़कों पर भव्य और आत्मीय स्वागत किया गया. इसके आगे बच्चियां रानी लक्ष्मी बाई के भेष में आगे चल रही थीं, तो नजारा 1857 के युद्ध जैसा नजर आ रहा था. इन्हें देखने बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उमड़े. वीरांगना बलिदान मेले का यह 25वां वर्ष है. इसका आयोजन पूर्व सांसद और बीजेपी नेता जयभान सिंह पवैया द्वारा किया जात है. शहीद ज्योति की मशाल अपने हाथ मे थामकर पवैया शोभायात्रा के आगे चल रहे थे.
CM मोहन यादव ने ऐसे दी श्रद्धांजलि
अभूतपूर्व पराक्रम और शौर्य की प्रतिमूर्ति, झांसी की रानी, वीरांगना लक्ष्मीबाई जी को बलिदान दिवस पर कोटि-कोटि श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) June 18, 2024
मातृभूमि की रक्षा के लिए आपका अतुलनीय साहस गौरवशाली इतिहास का स्वर्णिम अध्याय है, जो बेटियों को प्रेरित करता रहेगा।#RaniLakshmiBai pic.twitter.com/3HPvVlVmO1
बलिदान की 166 वीं वर्षगांठ
भारतीय स्वतंत्रता की पहली लड़ाई रानी झांसी के नेतृत्व में शुरू हुई थी. 18 जून 1857 में अंग्रेजों के साथ हुई निर्णायक लड़ाई में ग्वालियर में उनका बलिदान हुआ था. इस बार उनका 166वां बलिदान दिवस है. यहां रानी झांसी के समाधि स्थल के सामने भव्य मेले का आयोजन किया जाता है. मेले का मुख्य आयोजन 18 जून की शाम होगा जिसमें शहीद चंद्रशेखर आजाद के प्रमुख सहयोगी क्रांतिकारी रुद्रनारायण के वंशजों का सम्मान किया जाएगा. इसके बाद "खूब लड़ी मर्दानी " नामक महानाट्य होगा जिसमें दो सौ पात्र सजीव घोड़ों पर मंचन करेंगे.
कवि सम्मेलन भी
इसके बाद रात को अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन भी होगा. इसमें कवि हरिओम पंवार, विष्णु सक्सेना, विनीत चौहान, शिखर, जॉनी बैरागी आदि काव्य पाठ करेंगे. इस मौके पर रानी झांसी के अस्त्र और शस्त्रों की प्रदर्शनी भी लगाई गई है.
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